अहमद अलमक्की को अब डिटेंशन सेंटर यानी गोलपाड़ा में रखा जाएगा।
ग्वालियर में आखिरकार फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में घुसने के आरोप में पकड़े गए अहमद अलमक्की को अब देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर यानी गोलपाड़ा में रखा जाएगा। ग्वालियर हाईकोर्ट ने मंगलवार को केस को डिस्पोज करते हुए यह आदेश दिए हैं।
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बता दें, यह डिटेंशन सेंटर असम में है और देश में मौजूद चार डिटेंशन सेंटर में सबसे बड़ा है। फिलहाल अल मक्खी अभी ग्वालियर की केंद्रीय जेल में बंद रहकर सजा काट रहा है, अलमक्की ग्वालियर में पकड़े हुए पूरे 10 साल बीत चुके हैं।
2014 में रेलवे स्टेशन से पकड़ाया था
ग्वालियर पुलिस ने पड़ाव थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन बजरिया से 2014 में अहमद अलमक्की को संदिग्ध हालत में पकड़ा था। उसने पहले अपने आप को सऊदी अरब का नागरिक बताया था। लेकिन, सऊदी अरब के दूतावास ने उसके अपने यहां का नागरिक होने के बारे में अभिज्ञता जाहिर की थी। इसके बाद आरोपी अहमद अल मक्की ने अपने आप को बांग्लादेश का नागरिक बताया।
फर्जी पासपोर्ट से देश में घुसने पर उसे 3 साल की सजा हुई थी। उसके बाद अलमक्की की साल 2017 सितंबर महीने में सजा पूरी होने के बाद पडाव थाने में बनाए गए अस्थायी डिटेंशन सेंटर में 9 महीने तक कलेक्टर के आदेश पर रखा था।
नमाज पढ़ने के बहाने भाग निकला
12 जून 2018 में अलमक्की महालेखाकार कार्यालय के पास महलगांव स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए पड़ाव थाने के आरक्षक विजय शंकर के साथ गया था और लौटते समय पड़ाव थाना क्षेत्र के एलआइसी तिराहे पर आरक्षक को चकमा देकर भाग था। ग्वालियर की पड़ाव थाना पुलिस ने उसे हैदराबाद में साइबराबाद कमिश्नरेट के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र से दोस्त इस्माइल के घर से पकड़ा था।
इस मामले में उस पर एक मुकदमा और दर्ज किया था। पुलिस ने उस पर अभिरक्षा यानी डिटेंशन सेंटर से भगाने के आरोप में कोर्ट में पेश किया था जहां से कोर्ट ने फिर से 3 साल की सजा सुनाई थी। यह सजा भी उसकी पूरी हो गई है। लेकिन जिला दंडाधिकारी यानी कलेक्टर के आदेश पर उसे फिर सेंट्रल जेल में स्थायी डिटेंशन सेंटर बनाकर कारागार भेज दिया गया था।
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