क्राइम डिपार्टमेंट के नाम से बना डाली स्काइप आइडी
आपने सुना और पढ़ा होगा कि अधिकांश डिजिटल अरेस्ट वारदात में ठगों ने मलेशिया जाने वाले पार्सल में अवैध ड्रग्स और दस्तावेज मिलने की बात कही। ठगों ने फिर वारदात का तरीका बदल लिया। क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया, मुंबई निवासी युवती ने डिजिटल अरेस्ट ठगी की शिकायत की है। वह इंदौर स्थित अपने घर आई थी। उन्होंने बताया कि फेडएक्स कॉरियर सर्विस कर्मचारी बन ठगों ने उनसे संपर्क किया। उनके नाम का ईरान देश (पहले मलेशिया के नाम लेते थे) भेजे जाने वाले पार्सल में एमडी ड्रग्स मिलने और मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने उक्त पार्सल को जब्त करना बताया।
ऐप डाउनलोड के बाद लोन करवाया और पैसे ले लिए
कार्रवाई का डर दिखा मुंबई आने की बात कही गई। पीड़िता ने आने से इनकार किया तो शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने और स्काइप वीडियो कॉल पर जुड़ने का कहा। स्काइप आइडी को मुंबई साइबर सेल डिपार्टमेंट के नाम से दर्शाया। स्क्रीन ब्लैंक रही। सुनवाई शुरू हुई तो पीड़ित का आधार कार्ड 2 बैंक खातों से जुड़ना बताया। उक्त खातों में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया। हिस्सा मिलने की बात भी कही गई। पीड़िता इनकार करती रही। फर्जी अधिकारी कार्रवाई का डर दिखाते रहे।
ठग का आइपी एड्रेस ट्रैक
सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों ठगने के मामले में क्राइम ब्रांच ने पहली बार टेलीग्राम के चाइनीज ग्रुप का आइपी एड्रेस ट्रैक करने में सफलता हासिल की है। हांगकांग से इस ग्रुप का संचालन हो रहा था। सरगना वहीं से मेडिकल छात्र को निर्देश देकर ठगी की राशि को क्रिप्टो में कन्वर्ट कर चाइना वॉलेट में ट्रांसफर करवा रहा था। इस काम के लिए मोटा कमीशन दे रहा था। दिसंबर 2024 में इंजीनियर युवक के डिजिटल अरेस्ट होने के संबंध में शिकायत मिली। पीड़ित के घर एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया पहुंचे। देखा कि फर्जी अधिकारी बेल के नाम पर पैसा मांग रहा था। खुद एडिशनल डीसीपी ने लाइव एंट्री मारी थी।
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