पर्थ36 मिनट पहले
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पर्थ के WACA ग्राउंड का फोटो। यहां भारत को 22 नवंबर से पहला टेस्ट मैच खेलना है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही टीम इंडिया को पहले ही मुकाबले में पर्थ की तेज और बाउंसी पिच पर खेलना पड़ेगा। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के हेड पिच क्यूरेटर इसाक मैकडोनाल्ड ने कहा है- ‘यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है…मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।’
33 साल के इसाक ने कहा- ‘वे पिच को थोड़ा मसालेदार (तेज) बनाने के लिए उस पर थोड़ी घास छोड़ना चाहते हैं। यह 10 एमएम तक होगी।’ भारतीय टीम को 22 नवंबर से पर्थ में पहला टेस्ट खेलना है। टीम ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट मैच की सीरीज खेलेगी। आखिरी टेस्ट 3-7 जनवरी के बीच खेला जाएगा।
कैसे बिहेव करेगी पर्थ की पिच…
- पिच में 10 एमएम की घास छोड़ी गई है। पहले ही सेशन से बाउंस देखने को मिलेगा।
- तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगी, क्योंकि पर्थ की पिच दुनिया में सबसे तेज है।
पिच की चुनौती 2 मुकाबलों से समझिए…
1. दो दिन पहले 140 पर सिमटे कंगारू, पेसर्स को सभी विकेट 10 नवंबर को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए वनडे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम 140 रन पर सिमट गई थी। उस मुकाबले के सभी 10 विकेट पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने निकाले थे। मुकाबले में कंगारू टीम का सिर्फ एक बल्लेबाज 30 रन स्कोर कर सका था।
मुकाबले के दौरान पिच भारी उछाल देखने को मिला था। इससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कूपर कॉनोली (7 रन) चोटिल हो गए। मोहम्मद हसनैन की उछल लेती बॉल उनके बाएं हाथों में लगी। वे इस बॉल को पुल करना चाहते थे।
मोहम्मद हसनैन की बाउंसर से चोटिल होकर बाहर जाते ऑस्ट्रेलिया के कूपर कॉनोली।
2. पाकिस्तान 89 रन पर आउट, ऑस्ट्रेलिया 360 रन से जीता मैकडोनाल्ड ने कहा- ‘यह (पिच) ठीक वैसी होगी, जैसी पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में थी। उस मैच में पाकिस्तानी टीम दूसरी पारी में 89 रन पर सिमट गई थी। पाकिस्तान के 8 बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच सके थे। ऑस्ट्रेलिया ने वह मुकाबला 360 रनों से जीता था। उस मुकाबले में उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ को बॉल लगी थी।
उन्होंने कहा- ‘पिछले साल की परिस्थितियों के हिसाब से 10 मिलीमीटर काफी आरामदायक था और इससे पहले कुछ दिनों तक परिस्थितियां अच्छी रहीं। पिच पर घास होने से गति मिलती है। पिछले साल दोनों बॉलिंग यूनिट (ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान) काफी तेज थीं और इस साल (भारत के मैच के लिए) भी ऐसी ही उम्मीद है।’
मुकाबले के दौरान बाउंसर का सामना करते इमाम उल हक।
पर्थ की पिच का इतिहास, यहां औसत पिचों से 8-10 सेमी ज्यादा उछाल पर्थ की पिच दुनिया की सबसे तेज पिच है। इस पिच पर टीमें 117 बार आउट हो चुकी हैं। यहां की औसत स्पीड 140–150 km/h (87–93 mph) है। इस पिच में बाउंस औसत पिचों से 8-10 सेमी (3-4 इंच) ज्यादा है।
पर्थ में अब तक 44 टेस्ट खेले गए हैं और 1,394 विकेट गिरे हैं। इनमें से 1142 विकेट तेज गेंदबाजों ने झटके हैं, जबकि 229 विकेट स्पिनर्स को मिले हैं। 23 विकेट अन्य रहे हैं।
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