बीजिंग: चीनी सेना ने अपने सशस्त्र बलों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर बहुत ज्यादा निर्भर रहने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा है कि एआई एक सहायक उपकरण होना चाहिए। चीनी सेना ने कहा है कि युद्ध के मैदान में सैनिकों को निर्णय लेना चाहिए ना कि इस तकनीक की मदद से फैसले करने चाहिए। चीनी सेना के आधिकारिक समाचार पत्र ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी डेली’ में नववर्ष की पूर्व संध्या पर प्रकाशित एक लेख में कहा गया है, “एआई तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन यह मानव बुद्धिमत्ता पर निर्भर उपकरण बना रहना चाहिए ताकि सैन्य निर्णय लेने में जवाबदेही, रचनात्मकता और रणनीतिक अनुकूलनशीलता सर्वोपरि रहे।”
लेख में और क्या कहा गया
लेख में कहा गया है कि सेना ने ऐसे मॉडल को प्राथमिकता दी है जिसके तहत “मानव योजना बनाता है और एआई उसे क्रियान्वित करता है।” लेख के अनुसार इन प्रौद्योगिकी का उपयोग कमांडरों द्वारा विकसित रणनीतियों को अंजाम देने लिए किया जाता है। लेख में कहा गया है कि एआई की एक और कमजोरी अपने स्वयं के कार्यों पर विचार करने या अपने निर्णयों की जिम्मेदारी लेने में असमर्थता है, जबकि सैनिक परिस्थितियों के हिसाब से अपनी योजनाओं के आधार पर फैसले लेते हैं।
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हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर में कहा गया है कि सेना ऐसी संरचना को प्राथमिकता देती है, जिसके तहत मशीनें डेटा का विश्लेषण करती हैं, मार्गदर्शन प्रदान करती हैं और संभावित कार्रवाई का सुझाव देती हैं। हालांकि “एआई के कारण होने वाली गलतियों से बचाव के लिए अंतिम निर्णय सैनिकों की बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है।” (भाषा)
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