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जबलपुर में अंधे हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा: मनोज को भतीजे ने ही मारा, शराब पार्टी के पैसे मांगने को लेकर हुआ था विवाद – Jabalpur News

पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया हैं।

31 अक्टूबर को चरगंवा थाना के देवरी टपरिया गांव में 26 वर्षीय मनोज ठाकुर की अंधी हत्या का जबलपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक के भतीजे को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने चाचा की सिर्फ इसीलिए हत्या कर दी क्योंकि वह शराब पार्टी में खर्च किए गए पैसे मां

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पुलिस ने आरोपी के पास से मृतक का मोबाइल भी जब्त कर लिया, जिसे उसने हत्या करने के बाद अपने साथ ले गया था। पुलिस ने आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

30 अक्टूबर को घर नही लौटा था मनोज

मृतक मनोज 30 अक्टूबर की सुबह काम पर निकला था, और जब देर रात तक घर नहीं आया तो परिजनों ने चरगंवा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि मनोज कहीं चला गया है। पुलिस ने तलाश शुरू की और 31 अक्टूबर की दोपहर को मनोज का शव गांव के बाहर राजेश उर्फ गांधी ठाकुर के खेत पर पड़ा मिला। पास में लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा भी पड़ा था, जिसमें खून लगा हुआ था।

इसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा कर पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजकर हत्यारे की तलाश शुरु कर दी थी।

मनोज ठाकुर हत्याकांड को लेकर जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी।

गांव वालों ने बताया मनोज अपने भतीजे के साथ दिखा था

पुलिस ने इस मामले पर जब गांव वालों से पूछताछ की तो पता चला कि मनोज 30 तारीख की शाम को रिश्ते में लगने वाले अपने भतीजे धरम के साथ देखा गया था। पुलिस ने धरम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले साथ में होने से मना कर दिया।

इसके बाद में जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो कबूल किया कि उसने ही मनोज की लकड़ी का एक भारी टुकड़ा मारकर हत्या की है।

शराब पार्टी के पैसे मांगने पर की हत्या

आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 30 अक्टूबर की दोपहर को मनोज का फोन आया था, उसने कहा कि शाम को पार्टी करते है। करीब 7 बजे 340 रुपए की शराब और 60 रुपए का चिकन खरीदा और फिर गांव के बाहर खेत में आ गए, जहां पर शराब पी।

बाद में जब हिसाब की बारी आई तो मनोज ने पैसे मांगे। आरोपी का कहना था कि उसके पास सिर्फ 60 रुपए थे, उसने दिए तो मनोज ने और पैसे मांगे, जिसको लेकर विवाद होने लगा।

धरम के मुताबिक मनोज ने लकड़ी के टुकड़े से उसके पीठ में दो बार मारा, जिससे नाराज होकर वही टुकड़ा छीना और मनोज के सिर पर मार दिया, जिससे कि वह नीचे गिर गया। इसके बाद ताबड़तोड़ कई वार किए, जिसके चलते उसके सिर, मुंह, गले में गंभीर चोट आई और उसकी जान निकल गई।

31 अक्टूबर को मनोज का शव एक खेत में पड़ा मिला था।

31 अक्टूबर को मनोज का शव एक खेत में पड़ा मिला था।

मनोज के अंतिम संस्कार में भी शामिल रहा आरोपी

मनोज की हत्या के बाद भतीजा धरम उसका मोबाइल लेकर घर आ गया और सिम को तोड़कर फेंक दी। इस अंधे हत्याकांड का खुलासा करते हुए एएसपी ने बताया कि आरोपी हत्या करने के बाद से ही गांव में था।

जब मनोज का अंतिम संस्कार किया गया तब भी वह उसमें शामिल हुआ। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने कहा कि रात को शराब पीने के बाद वह अपने घर चला आया था, इसके बाद मनोज कहां गया, उसे नहीं पता।

मृतक मनोज घर का सबसे छोटा था

मृतक मनोज परिवार में सबसे छोटा था। बड़ा भाई बुधराज ठाकुर, मझला भाई राजू ठाकुर के साथ वह मजदूरी और ट्रेक्टर चलाने का काम करता था। मनोज ठाकुर की लाश के पास उसे मोबाइल का चार्जर और पर्स पड़ा हुआ था। पास में ही लकड़ी का खून से सना हुआ टुकड़े भी मिला। फिलहाल पुलिस ने आरोपी धरम को गिरफ्तार करने के बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

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