US Administration: अमेरिका चुनाव 2024 के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप को भारी बहुमत से जीत मिली. वो अगले राष्ट्रपति होंगे. ट्रंप सरकार बनने के बाद बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है, जिसमें भारतीय मूल के लोगों की अहम भूमिका होगी. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 2025 में भारतीयों की अहम भूमिका होने की संभावना जताई गई है.
2025 में सत्ता संभालने के साथ ही ट्रंप अपनी नई टीम का गठन करेंगे. संभावना है कि भारतीय मूल के लोग उनकी टीम या नौकरशाही में शामिल होंगे. राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड जे. ट्रंप और उनकी टीम के पास 4,000 से ज्यादा संघीय सरकारी पदों को भरने का काम है, जिसमें अमेरिकी सरकार के कुछ सबसे महत्वपूर्ण पद भी शामिल हैं.
2017 वाली टीम में भी मिली थी भारतीय मूल के लोगों को जगह
2017 में ट्रंप प्रशासन में तीन दर्जन से अधिक भारतीय-अमेरिकी (लगभग 40) थे, जिनमें से कुछ पहले कैबिनेट में उच्च पदों पर थे. इनमें निक्की हेली- संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत, कृष्णा आर उर्स- पेरू में अमेरिकी राजदूत, मनीषा सिंह- आर्थिक मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री, नील चटर्जी- संघीय ऊर्जा विनियामक आयोग के सदस्य, राज शाह- राष्ट्रपति के उप सहायक और प्रधान उप प्रेस सचिव, विशाल अमीन- बौद्धिक संपदा (आईपी) प्रवर्तन समन्वयक, नियोमी राव – सूचना एवं विनियामक मामलों के कार्यालय (OIRA) की प्रशासक.
इसके अलावा, अजीत वी पई- संघीय संचार आयोग के अध्यक्ष, सीमा वर्मा- मेडिकेयर और मेडिकेड सेवाओं के केंद्रों की प्रशासक, नियोमी जहांगीर राव- डीसी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील कार्ट की प्रमुख, रीता बरनवाल- ऊर्जा (परमाणु ऊर्जा) के सहायक सचिव के पद के लिए नामित, आदित्य बामजई- गोपनीयता और नागरिक स्वतंत्रता निरीक्षण बोर्ड के सदस्य, बिमल पटेल- ट्रेजरी के सहायक सचिव शामिल थे.
2025 में वापस आ सकते हैं 2017 वाले नाम
उम्मीद जताई जा रही है कि 2017 वाली टीम में से कुछ नाम 2025 वाली ट्रंप टीम का हिस्सा हो सकते हैं. इनमें दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली उनकी टीम में हो सकती हैं.
38 साल के राजनेता विवेक रामास्वामी ने आयोवा कॉकस में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 2024 के राष्ट्रपति अभियान को स्थगित कर दिया था लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा अभी खत्म नहीं हुई. रामास्वामी के साहसिक विचारों और उग्र बयानबाजी ने युवा रूढ़िवादी मतदाताओं को प्रभावित किया है, जिसके कारण उन्हें अभियान के दौरान ट्रम्प से प्रशंसा मिली है.
रक्षा और खुफिया मामलों में व्यापक अनुभव रखने वाले रिपब्लिकन हाउस के पूर्व कर्मचारी काश पटेल को राष्ट्रीय सुरक्षा पदों के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.
काश पटेल को ट्रंप के कट्टर समर्थक के रूप में जाना जाता है. उनको सीआईए का डायरेक्टर बनाया जा सकता है. हालांकि सीनेट की पुष्टि प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. पटेल अभियान पथ पर लगातार मौजूद रहे हैं, ट्रंप के लिए समर्थन जुटाते रहे हैं और कथित राजनीतिक दुश्मनों के खिलाफ सख्त दृष्टिकोण की वकालत करते रहे हैं.
लुइसियाना के पूर्व गवर्नर बॉबी जिंदल, कैबिनेट में प्रमुख भूमिका के लिए एक और संभावित उम्मीदवार हैं. खास तौर पर स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव के लिए. जिंदल अब सेंटर फॉर ए हेल्दी अमेरिका के अध्यक्ष हैं, ट्रंप के नीतिगत लक्ष्यों, विशेष रूप से स्वास्थ्य सुधार और अफोर्डेबल केयर एक्ट के प्रभाव को कम करने के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं. राज्य के गवर्नर के रूप में उनकी पृष्ठभूमि और स्वास्थ्य नीति में अनुभव उन्हें ट्रंप के फिर से चुनाव जीतने पर एचएचएस का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है.
जो बाइडेन और बराक ओबामा के दौरान भारतीय मूल के अधिकारी
बराक ओबामा के 8 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 50 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को प्रमुख प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया था. वहीं, जो बाइडेन प्रशासन में 130 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया है, जो समुदाय का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व है.
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