मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान नईदुनिया/नवदुनिया से विशेष चर्चा में सीएम ने सरकार के वर्तमान कामकाज और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। प्रदेश सरकार पर सनातन और पीएम मोदी की झलक होने का किया जिक्र।
By dhananjay singh
Publish Date: Fri, 13 Dec 2024 08:50:25 AM (IST)
Updated Date: Fri, 13 Dec 2024 09:20:46 AM (IST)
HighLights
- मुख्यमंत्री बोले- हम यहां अपने सुख के लिए थोड़े ही हैं, कर्म करके फल की इच्छा नहीं रखते।
- केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना प्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है।
- इंदौर की स्वचछता का मॉडल सब जगह लागू होना चाहिए, पूरे प्रदेश को इंदौर जैसा बनाना है।
धनंजय प्रताप सिंह/ वैभव श्रीधर, नईदुनिया, भोपाल(Dr Mohan Yadav Interview)। मुझे पहलवानी कहां आती है, लेकिन खिलाड़ी हूं और खिलाड़ी स्वभाव राजनीति में सदैव काम आता है। सकारात्मक रहकर बड़ा लक्ष्य चुनता हूं। खिलाड़ी कभी नकारात्मक या द्वेष का भाव नहीं रखता है। स्वयं की तैयारी करता है। अच्छी बातों पर ध्यान देकर कमजोरियों को दूर करते हुए आगे की तैयारी करता है।
षडयंत्र और छोटी सोच से दूर रहकर बड़े लक्ष्य तय करता है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर ‘नईदुनिया’ से विशेष चर्चा के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कही।
डॉ. यादव से प्रश्न किया गया था कि आप पहलवान हैं तो क्या राजनीति में भी पहलवानी दांव-पेंच आजमाते होंगे? उन्होंने सरकार की उपलब्धि, भविष्य की तैयारी, सरकार पर सनातन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झलक सहित अन्य विषयों पर विचार रखें। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश…
प्रश्न- एक वर्ष की क्या बड़ी उपलब्धि मानते हैं?
उत्तर- हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा नदी जोड़ो अभियान आरंभ करने का काम किया है। केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना ऐतिहासिक निर्णय है। इससे बुंदेलखंड और चंबल अंचल में व्यापक परिवर्तन आएगा। खेती तो समृद्ध होगी ही, उद्योग-धंधों का विकास भी होगा। रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
प्रश्न- मोदी सरकार की झलक आपके कामकाज में दिखती है?
उत्तर- रोजगारपरक व्यवस्था से प्रधानमंत्री का हमेशा आग्रह रहता है। नवाचार और सुशासन होना चाहिए। इस व्यवस्था में कोई समझौता नहीं करना है। मैं भी उसी लाइन पर चलता हूं कि गलती किसी की है तो फिर छोटा-बड़ा का अंतर नहीं करना चाहिए। छोटे को नाप दो और बड़े को छोड़ दो, ऐसा नहीं होना चाहिए। समाज भी सब देखता है। हमारी नजर में दोनों बराबर हैं।
प्रश्न – आपकी सरकार की छवि सनातन सरकार के रूप में बनती जा रही है?
उत्तर – सनातन भी उसका हिस्सा है पर केवल धार्मिक कर्मकांड तक इसे सीमित नहीं रखना चाहिए। आर्य समाज भी सनातनी है, जो मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता। सनातनी होना बुरा नहीं है, इसमें 33 करोड़ देवी-देवता आते हैं, यह हमारी जीवन पद्धति की एक आचार संहिता है। जीवन को अच्छी बातों से जोड़कर रखना आवश्यक है। जीवन पद्धति में बदलाव लाना भी सनातन का ही हिस्सा है।
मैं तो स्वयंसेवक हूं, पार्टी ने काम दिया तो सरकार चला रहा हूं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मैं तो संघ का स्वयंसेवक हूं और इस नाते हमें जो काम मिल जाए, सच्चे भाव से करते हैं। अपना स्तर सामान्य रखकर बड़े से बड़ा काम करने का भाव रखते हैं। कर्म करके फल की इच्छा नहीं करते। हम यहां अपने सुख के लिए थोड़े ही हैं।
पार्टी ने काम दिया तो सरकार चलाना है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रश्न के उत्तर में कही, जिसमें उनसे पूछा गया था कि जब मुख्यमंत्री बने थे तो लोग कहते थे कि कमजोर व्यक्ति बना पर एक वर्ष का लेखा-जोखा दिया तो सब चौंक गए?
प्रश्न- स्वच्छता में इंदौर सिरमौर है, पूरा मप्र इंदौर जैसा कब तक होगा?
उत्तर- इंदौर स्वच्छता में ही नहीं सुव्यवस्था, व्यापार, व्यवसाय सबमें आगे हैं। इंदौर मॉडल सब जगह लागू होना चाहिए। पूरे प्रदेश को इंदौर बनाना चाहता हूं। इंदौर को विकास सहित हर मामले में दिल्ली से आगे ले जाना चाहता हूं।
प्रश्न- कोई शौक ऐसा, जो व्यस्तता के कारण पूरा नहीं कर पाते हैं?
उत्तर- स्वाध्याय का शौक है। डायरी लिखता हूं। व्यायाम भी करता हूं। इनके लिए अब समय कम मिल पाता है। एतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए भी समय नहीं मिल पाता। जो मेरी सांस्कृतिक कल्पनाशीलता हैं और नवाचार करने की सोच है, उसे मेरे करने और दूसरे से कराने में जो अंतर आता है, उसके लिए अवश्य समय कम पड़ता है।
प्रश्न- परिवार आप से दूर रहता है। कमी खलती होगी?
उत्तर- मेरे साथ अच्छी बात यह रही है कि परिवार वाले शुरू से ही मुझे ऐसा ही देखते आए हैं। जब पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष था, उच्च शिक्षा मंत्री बना तो मेरे अंदर कोई परिवर्तन नहीं आया। परिवार ने सदैव साथ दिया और कहा कि आपका काम है, आप करिए। बच्चे भी हास्टल में रहते हैं।
प्रश्न- कौन सा काम पूरा नहीं कर पाए?
उत्तर- ऐसा तो नहीं है। आइडिया जो मन में थे, वो आते से ही प्रारंभ कर दिए। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक किया। कोई योजना बंद नहीं की। बजट दोगुना करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। आचार संहिता में हमारे चार माह चले गए। 29 मेडिकल कॉलेज बनना थे, 30 प्रारंभ हो गए। एक वर्ष में 50 कर देंगे। जो सोचा है उस दिशा में चल रहे हैं।
प्रश्न- एक देश-एक चुनाव पर क्या सोचते हैं?
उत्तर- आपके मुंह में घी-शकर। यह तो होना चाहिए। हमारा बहुत समय चुनाव में चला जाता है। लोकसभा चुनाव और फिर उपचुनाव हुए। सभी एक देश-एक चुनाव से सहमत हैं।
प्रश्न- युवाओं के लिए क्या तैयारी है?
उत्तर- युवाओं के लिए हम समान रूप से सभी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। युवा जो इंजीनियरिंग, उच्च शिक्षा में दक्ष हैं, उसे आइटी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित अन्य क्षेत्रों से जोड़ रहे हैं। प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी वाले हैं और ग्रामीण या कृषि पृष्ठभूमि से आते हैं उन्हें कौशल विकास पर काम करते हुए विभिन्न उद्योगों में रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।
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