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बेशकीमती जमीन को हाई कोर्ट ने सरकारी माना, राजकुमार-कमल शर्मा का था कब्जा

हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने रजिष्‍ट्रार कार्यालय के सामने की जमीन को सरकारी माना है। यह ओहदपुर स्थित सर्वे क्र 200 की लगभग 0.094 हेक्टेयर बेशकीमती जमीन है। इस जमीन पर राजकुमार शर्मा निवासी करौली माता मंदिर और राजकमल बिल्डर्स के पार्टनर कमल शर्मा ने यहां अवैध कब्जा कर रखा है।

By Vikram Singh Tomar

Publish Date: Thu, 24 Oct 2024 10:54:34 AM (IST)

Updated Date: Thu, 24 Oct 2024 10:54:34 AM (IST)

रजिष्‍ट्रार कार्यालय के सामने बनी दुकानें।

HighLights

  1. पंजीयन कार्यालय के सामने इसी जमीन पर स्थित है सर्विस प्रोवाइडर वाली इमारत
  2. ओहदपुर स्थित सर्वे क्र 200 की लगभग 0.094 हेक्टेयर बेशकीमती जमीन है
  3. जमीन का बाजार मूल्य लगभग 10 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया है

नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। कलेक्ट्रेट के पास स्थित पंजीयन कार्यालय के सामने सौ से ज्यादा दुकानों वाली बहुमंजिला इमारत सरकारी जमीन पर बनी थी। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इस जमीन को सरकारी माना है। यह ओहदपुर स्थित सर्वे क्र 200 की लगभग 0.094 हेक्टेयर बेशकीमती जमीन है। उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किया गया है। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग 10 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया है।

इसी जमीन को लेकर प्रशासन की ओर से जांच भी की जा रही थी, जिसमें पाया गया था कि राजकुमार शर्मा निवासी करौली माता मंदिर और राजकमल बिल्डर्स के पार्टनर कमल शर्मा ने यहां अवैध कब्जा कर रखा है। प्रशासन ने बुधवार को इन दोनों को नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने के लिए निर्देशित किया है।

बता दें कि सर्वे क्रमांक 200 पर बनी इस इमारत की जमीन को 2019 में शासकीय घोषित किया गया था, इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। यह पूरा इलाका प्रीमियम जमीन का है, जहां जमीनों के दाम आसमान पर हैं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने कुछ दिन पहले पंजीयन कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां उनके पहुंचते ही कई सर्विस प्रोवाइडर दुकानों में ताला डालकर भाग गए थे।

इसके बाद कलेक्टर को संदेह हुआ और कलेक्टर ने सर्विस प्रोवाइडरों की सूची मांगी। साथ ही इस जमीन की जांच के निर्देश भी सिटी सेंटर के तहसीलदार अनिल राघव को दिए गए। इस जमीन की जांच की गई तो पता चला कि इस जमीन को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है।

वापस लिया जाएगा जमीन को

एसडीएम विनोद सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा विस्तृत आदेश पारित कर इस जमीन को सरकारी माना है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि कानून के प्रविधानों एवं कतिपय न्याय दृष्टांतों के संदर्भ में सेडा भूमि को खुद कास्त दर्ज नहीं किया जा सकता। एसडीएम ने बताया कि ओहदपुर स्थित इस सरकारी जमीन पर राजकुमार शर्मा निवासी करौली माता मंदिर महलगांव एवं राजकमल बिल्डर्स द्वारा पार्टनर कमल शर्मा निवासी केसरकुंज अपार्टमेंट रेसकोर्स रोड द्वारा इस जमीन पर अनाधिकृत कब्जा कर रखा है। इनसे कब्जा लेने की कार्रवाई की जा रही है।

इस मामले में पहले दर्ज हो चुकी थी एफआइआर

  • ओहदपुर के सर्वे क्रमांक 200 पर राजकमल बिल्डर्स के कमल शर्मा द्वारा नए पंजीयन कार्यालय के सामने शास. भूमि पर एक टावर का निर्माण कर वहां 100 दुकानें बनाकर बेचीं गईं थीं। दुकानों की उस समय शिकायतें हुईं और शिकायत होने के बाद नगर निगम ने अपनी जांच में भवन अनुज्ञा में लगे नक्शों में ई-क्यूकूटरचित पाए जाने पर तत्कालीन निगमायुक्त अनय द्विवेदी की पहल पर विवि थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
  • इसके बाद तत्कालीन संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा के पत्र पर अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव ने इस समूचे मामले की विस्तृत जांच करने के बाद 20 फरवरी 2019 को सर्वे क्रमांक 200 को शासकीय दर्ज करने के आदेश दिए। उन्होंने इसे शास. मानकर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा। इसके बाद तत्कालीन एसडीएम अनिल बनवारिया द्वारा 30 मई 2019 को इस जगह को शास. दर्ज करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया।

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