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भोपाल के बाद इंदौर बीआरटीएस भी टूटेगा, मुख्यमंत्री ने कहा सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी

इंदौर बीआरटीएस को इंजीनियर श्रीलाल प्रसाद निराला की टीम ने डिजाइन किया था। यह परियोजना वर्ष 2007 में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत शुरू की गई थी। शुरुआत में इस परियोजना की लागत 90 करोड़ रुपये थी जो धीरे-धीरे बढ़कर करीब 350 रुपये तक पहुंच गई थी।

By Kuldeep Bhawsar

Publish Date: Thu, 21 Nov 2024 07:21:32 PM (IST)

Updated Date: Thu, 21 Nov 2024 07:26:46 PM (IST)

इंदौर के बीआरटीएस को हटाए जाने की बात चल रही है।

HighLights

  1. सीएम ने कहा बीआरटीएस को लेकर मिल रही थीं शिकायतें।
  2. सरकार का कहना है इसे तोड़ने पर यातायात में सुधार होगा।
  3. मप्र हाईकोर्ट की मुख्‍य बेंच जबलपुर में इस पर निर्णय होगा।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भोपाल का बस रैपीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (बीआरटीएस) तोड़ने के बाद सरकार ने इंदौर बीआरटीएस भी तोड़ने की घोषणा कर दी है। 11.45 किमी लंबा बीआरटीएस वर्ष 2013 में 350 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था। सरकार का दावा है कि बीआरटीएस तोड़ने के बाद शहर में यातायात सुगम होगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को इंदौर में कहा कि बीआरटीएस को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। शहर के विकास को लेकर हुई पिछली दो बैठकों में जनप्रतिनिधियों ने भी यह बात उठाई थी। अब हमें जो भी तरीका लगाना पडे वह लगाएंगे और इंदौर के बीआरटीएस को हटाएंगे।

सरकार न्यायालय में भी अपना पक्ष रखेगी। चौराहों पर जहां यातायात की समस्या आ रही है वहा ब्रिज बनाकर समाधान तलाशेंगे। जब ब्रिज बनाएंगे तो बीआरटीएस तो हटाना ही पड़ेगा।

शहर का यातायात सुगम हो, आवागमन की सुविधा हो यह हम सबकी जिम्मेदारी है। इन सब बातों को ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया है। इंदौर बीआरटीएस को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दो जनहित याचिकाएं चल रही थीं, जिन्हें 18 नवंबर को ही मुख्य खंडपीठ ट्रांसफर किया गया है।

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इंदौर बीआरटीएस

  • इंदौर में बीआरटीएस की लंबाई करीब साढ़े 11 किमी है। यह निरंजनपुर से शुरू होकर राजीव गांधी प्रतिमा तक जाता है।
  • 10 मई 2013 को बीआरटीएस पर वाहनों का आवागमन शुरू होने के साथ ही समस्याएं और विवाद शुरू हो गया था।
  • वर्ष 2013 में ही सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बीआरटीएस प्रोजेक्ट को चुनौती देते हुए मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की थी।
  • याचिका वर्तमान में लंबित है। इसमें कहा है कि बीआरटीएस में 43 प्रतिशत सड़क दो प्रतिशत यात्रियों के लिए आरक्षित कर दी गई है।
  • 98 प्रतिशत यात्रियों को 57 प्रतिशत सड़क ही उपयोग के लिए मिल पा रही है। इसमें पैदल और साइकिल यात्री भी शामिल हैं। याचिका में बीआरटीएस को तोड़ने के आदेश देने की मांग की गई है।
  • निरंजनपुर से शुरू होकर राजीव गांधी प्रतिमा तक जाता है बीआरटीएस
  • 11.45 किमी लंबा है बीआरटीएस
  • 21 बस स्टैंड बीआरटीएस पर
  • 14 क्रास चौराहे आते हैं
  • 500-500 मीटर पर एक बस स्टैंड बनाया गया है

हाई कोर्ट ने बनाई थी पांच सदस्यीय समिति

  • इंदौर में 23 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने वर्तमान परिस्थिति में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यावहारिकता को जांचने के लिए पांच विशेषज्ञों की समिति गठित करने का आदेश दिया था।
  • इस समिति को आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना थी। मामले में सुनवाई 22 नवंबर को होना थी।
  • इसके पहले ही 18 नवंबर को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इन याचिकाओं को जबलपुर ट्रांसफर कर दिया था।इंदौर बीआरटीएस की वर्तमान परिदृश्य में उपयोगिता और व्यवहारिकता जांचने के लिए हाई कोर्ट निर्णय करेगा।

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