बीजिंग/कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके चार दिवसीय दौरे पर मंगलवार को चीन पहुंचे। इस दौरान वह अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर बातचीत करेंगे। कोलंबो में राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिसानायके के आगमन पर चीनी सेना द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया गया। चीन के उप विदेश मंत्री चेन शियाओदोंग ने उनकी अगवानी की। पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद से दिसानायके की यह दूसरी विदेश यात्रा है। सबसे पहले उन्होंने भारत की यात्रा की थी।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे दिसानायके
चीन के अपने दौरे के दौरान दिसानायके राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दोनों देशों के आपसी हितों के संबंध में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तथा चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग एवं चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी से भी मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस दौरे के दौरान श्रीलंका और चीन के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। इस आधिकारिक दौरे के दौरान, दिसानायके कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे और तकनीकी एवं कृषि विकास के साथ-साथ गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से पहल पर केंद्रित क्षेत्रीय दौरे करेंगे। इस यात्रा में उच्च स्तरीय व्यापारिक बैठकें और चर्चाएं भी होंगी।
मजबूत होंगे चीन और श्रीलंका के रिश्ते
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पूर्व में कहा था, ‘‘चीन के दौरे से दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंध और मजबूत होंगे।’’ जिनपिंग के साथ दिसानायके की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। इनमें चीनी अनुसंधान जहाजों को अनुमति देना, जिन्हें भारत जासूसी जहाज मानता है; चीन के प्रति श्रीलंका की ऋण प्रतिबद्धताएं, जो कोलंबो का सबसे बड़ा ऋणदाता बताया जाता है, तथा ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) निवेश का विस्तार शामिल हैं। श्रीलंका को उम्मीद है कि इस दौरे के परिणामस्वरूप श्रीलंका के दो सरकारी टीवी चैनल ‘रूपवाहिनी’ और ‘आईटीएन’ का डिजिटली करण हो जाएगा।
चीनी औद्योगिक क्षेत्र पर भी होगी चर्चा
श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने पूर्व में एक विज्ञप्ति में कहा था कि श्रीलंका केंद्रीय एक्सप्रेसवे को पूरा करने के लिए भी चीन की सहायता मांगेगा। इस एक्सप्रेसवे का कार्य एक दशक से अधिक समय से रुका हुआ है। बैठक में हंबनटोटा के दक्षिणी बंदरगाह के आसपास के चीनी औद्योगिक क्षेत्र पर भी चर्चा होगी।
पहले भारत आए थे दिसानायके
एक समय भारत के कटु आलोचक रहे दिसानायके अपनी पहली विदेश यात्रा पर दिल्ली आए थे। दिसंबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दिसानायके ने चीन का परोक्ष संदर्भ देते हुए भारत को आश्वासन दिया कि श्रीलंका अपने क्षेत्र का इस्तेमाल ऐसे तरीके से नहीं होने देगा जो भारत के हितों के लिए हानिकारक हो। (भाषा)
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