सैफ अली खान के परिवार की संपत्ति पर संकट गहरा गया है। भोपाल में उनकी संपत्तियों पर हाई कोर्ट की रोक हटने के बाद, जिला प्रशासन को इन्हें अधीन करने का अधिकार मिल गया है।
By Anurag Mishra
Publish Date: Tue, 21 Jan 2025 01:24:03 PM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Jan 2025 01:28:45 PM (IST)
HighLights
- हाई कोर्ट ने 2015 की रोक हटाई, संकट बढ़ा।
- परिवार को 30 दिन में अपील का मौका था।
- अपील न करने से जिला प्रशासन को अधिकार मिला।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सैफ के हमले के बाद अब करोड़ों की संपत्ति पर संकट गहरा गया है। भोपाल में उनकी संपत्तियों को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद और बढ़ गया है।
दरअसल, भोपाल जिले में स्थित उनकी अचल संपत्ति पर हाई कोर्ट द्वारा 2015 में लगाए गए रोक के आदेश को हटा दिया गया है। इस निर्णय के बाद से सैफ अली खान के परिवार के लिए संपत्ति खतरे में आ गई है।
यह संकट इसलिए और गहरा गया है, क्योंकि परिवार के पास अपील करने का मौका समाप्त हो चुका है। जिला प्रशासन अब इन संपत्तियों को अधीन करने के लिए स्वतंत्र हो गया है। हालांकि, सैफ परिवार के पास अभी भी एक और मौका है। वे हाई कोर्ट की युगलपीठ में अपील दायर कर सकते हैं।
समझें पूरा मामला
- यह विवाद भोपाल में स्थित सैफ अली खान की संपत्ति को लेकर 1960 के दशक में शुरू हुआ था। नवाब हमीदुल्ला खान का निधन हुआ, तो उनकी बेटी आबिदा सुल्तान को संपत्ति पर हकदार माना गया था। आबिदा पाकिस्तान जा चुकी थीं।
- उसके बाद भारत सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर भोपाल की नवाबी संपत्ति की उत्तराधिकारी उनकी दूसरी बेटी साबिया सुल्तान को घोषित कर दिया। इस अध्यादेश के बाद संपत्ति खरीदारों के बीच डर फैल गया था कि कहीं ये संपत्तियां केंद्र सरकार वापस न ले ले।
- सैफ अली खान ने अपनी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने के खिलाफ 2014 में चुनौती दी थी। उनका यह कहना था कि उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति नहीं है। इस मामले में शत्रु संपत्ति विभाग की कार्रवाई गलत थी। इस चुनौती ने इस पूरे विवाद को और भी पेचीदा बना दिया।
हाई कोर्ट का आदेश के बाद विवाद
- इस मामले में हाल ही में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर को सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और साबिया सुल्तान की याचिका को निरस्त कर दिया।
- कोर्ट ने उन्हें 30 दिनों के भीतर अपीलीय अधिकरण में अपील करने का विकल्प दिया था, लेकिन इस समय सीमा के भीतर अपील दायर नहीं की गई।
- इसके परिणामस्वरूप हाई कोर्ट से लगी रोक अब निष्प्रभावी हो गई है। भोपाल जिला प्रशासन को अब इन संपत्तियों को अधीन करने का अधिकार मिल गया है।
हाई कोर्ट का आदेश
- हाई कोर्ट ने इस मामले में पहले अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान और साबिया सुल्तान को एनिमी प्रापर्टी (दुश्मन संपत्ति) के संबंध में केंद्र सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था।
- कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता 30 दिन के भीतर केंद्र सरकार को अभ्यावेदन प्रस्तुत करते हैं, तो केंद्र सरकार इसे उचित तरीके से निपटाएगी। हालांकि, जब यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई, तो कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया, जिससे सैफ अली खान और उनके परिवार की संपत्तियां संकट में आ गईं।
परिवार के पास क्या है आगे का रास्ता
- सैफ अली खान के परिवार के पास अभी भी एक और मौका है, क्योंकि वे उच्च न्यायालय की युगलपीठ में अपील दायर कर सकते हैं। अगर वे अपील दायर करते हैं और कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है, तो उनकी संपत्ति पर से संकट हट सकता है।
- इस समय तक उनकी संपत्तियों पर संकट बना हुआ है। जिला प्रशासन को इन संपत्तियों को अधीन करने की पूरी स्वतंत्रता मिल चुकी है।
- यह मामला न केवल सैफ अली खान और उनके परिवार के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिन्होंने पटौदी परिवार से संपत्ति खरीदी है। अगर इन संपत्तियों को अधीन कर लिया जाता है, तो उनके लिए कानूनी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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