टेकरी पर लगे पौधे हो गए हरे भरे।
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तीन माह पहले इंदौरवासियों ने एक साथ 12 लाख पौधे लगाकर विश्व कीर्तिमान बनाया। उसके बाद सबसे बड़ी चिंता थी उन पौधों की साज-संभाल। पौधारोपण के तीन माह तक अच्छी बारिश में पौधे पनप गए।
नगर निगम के 50 कर्मचारियों की टीम पौधों को खाद-पानी देने का काम कर रही है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती होगी गर्मी के मौसम में इन पौधों को संभालना। बारिश के कारण पौधे तो पनप गए, लेकिन साथ में उगी खर-पतवार और जंगली घास भी इन पौधों का पोषण ले रही है और अभी तक उन्हें हटाया नहीं गया है।
इंदौर में 14 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 24 घंटे में 12 लाख पौधे लगाकर इंदौरवासियों ने आसाम का रिकार्ड तोड़ा था। वहां एक दिन में 9.21 लाख पौधे लगाए थे। इन 12 लाख पौधों को पेड़ बनने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन वे पनप जाए, इसके लिए 50 नगर निगम कर्मचारी दिन रात जुटे रहते है। सबसे ज्यादा परेशानी टेकरी पर लगे पौधों को पानी देने की है। वहां पानी से भरे बड़े टैंकर नहीं जा सकते है।
वहां दो टैंकर 24 घंटे तैनात रहते है और उनमें बोरिंग के जरिए भरा जाता है। उससे पौधों को पानी डाला जा रहा है। नगर निगम दरोगा राकेश यादव के अनुसार इस सीजन में बारिश अच्छी हुई। अक्टूबर माह में हुई बारिश भी पौधों के लिए फायदेमंद रही।
ठंड के सीजन में भी पौधे और ज्यादा पनप जाएंगे। गर्मी के मौसम में इन पौधों का सबसे ज्यादा ख्याल हमें रखना होगा। टेकरी पर कनेर, चंपा,मधुकामिनी, सप्तपर्णी,कदम,नीम, कचनार,सेमल, पलाश, गुलमोहर, करौंदा,अांवला सहित अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए गए है।
नील गायों से बचाएंगे पौधे
जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि 12 लाख पौधों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। टेकरी के आसपास नील गायें भी आती है। उनसे पौधों को बचाने के लिए तार फेंसिंग कराई जा रही है। इसके अलावा टेकरी पर चार बोरिंग कराए गए है। फिलहाल टैंकरों से पानी दिया जाता है। अब पाइप लाइन बिछाई जाएगी। दो सालों में पेड़ सिटी फारेस्ट का रुप ले लेंगे।
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2024-10-15 22:50:52