NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, इन तस्वीरों में अस्थायी टेंट सिटी के निर्माण और नदी पर बड़ी संख्या में मौजूद पंटून पुलों को दिखाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरें लेने के लिए राडारसैट का इस्तेमाल किया गया। यह बादलों के बीच से भी प्रयागराज की तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह तस्वीरें 15 सितंबर 2023 से 29 दिसंबर 2024 के बीच की हैं। जिस सैटेलाइट ने तस्वीरें लीं, वह किसी भी मौसम में बेहतर रेजॉलूशन के साथ फोटोज ले सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की सरकार भी इन तस्वीरों का इस्तेमाल कर रही है ताकि मेले में होने वाली दुर्घटनाओं और भगदड़ को रोका जा सके।
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तस्वीरों में प्रयागराज परेड ग्राउंड को दिखाया गया है। कुछ तस्वीरें 6 अप्रैल 2024 की हैं, जब महाकुंभ की तैयारियां शुरू ही हुई थीं। फिर 22 दिसंबर 2024 की तस्वीरों में इलाके में बड़ा डेवलपमेंट दिखाई देता है। 10 जनवरी की तस्वीर भी इसमें हैं, जब प्रयागराज में भारी भीड़ जुटना शुरू होती है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये एडवांस्ड टेक्नॉलजीज, बड़े पैमाने पर धार्मिक समारोहों के प्रबंधन में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं। महाकुंभ इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे टेक्नॉलजी और परंपरा मिलकर स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।
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2025-01-22 08:30:52
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