देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने आधिकारिक दस्तावेजों में इंडिया की जगह भारत शब्द का उपयोग करने का निर्णय लिया है। एक राष्ट्र-एक नाम अवधारणा के तहत डिग्री, अंकसूची और पत्राचार में भारत लिखा जाएगा।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sat, 11 Jan 2025 10:39:07 PM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Jan 2025 11:07:55 PM (IST)
HighLights
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय दस्तावेजों में इंडिया की जगह भारत उपयोग।
- डीएवीवी पहला विश्वविद्यालय जिसने प्रस्ताव पारित कर निर्णय लागू किया।
- डिग्री, अंकसूची, ट्रांसक्रिप्ट, पत्राचार में भारत का ही उल्लेख किया जाएगा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने अपने सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इंडिया शब्द का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके स्थान पर भारत शब्द का उल्लेख किया जाएगा। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया।
डिग्री-अंकसूची-ट्रांसक्रिप्ट में भी भारत लिखा जाएगा
कुलगुरु डा. राकेश सिंघई के अनुसार एक राष्ट्र-एक नाम भारत की अवधारणा के तहत कदम उठाया गया है। जल्द ही यह व्यवस्था लागू की जाएगी। डिग्री-अंकसूची-ट्रांसक्रिप्ट में भारत शब्द लिखा जाएगा।
पत्राचार और दैनिक कार्यों में भी भारत लिखा जाएगा
कुलगुरु डा. सिंघई के अनुसार इस निर्णय के बाद देश और विदेश में सभी पत्राचार और दैनिक कार्यों में ‘भारत’ का ही उपयोग होगा। उन्होंने यह भी कहा कि डीएवीवी संभवतः देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने इस तरह का प्रस्ताव पारित किया है।
विवि ने दिया ये तर्क
कुलगुरु डा. सिंघई ने बताया कि भारत का नाम प्राचीन काल से ही ‘भारत’ रहा है, और अंग्रेजों ने इसे ‘इंडिया’ नाम दिया था। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के मूल नाम ‘भारत’ का ही उपयोग करना चाहिए।
डा. सिंघई ने यह भी बताया कि वह अपने विजिटिंग कार्ड पर भी ‘भारत’ नाम का उपयोग करते आ रहे हैं। बता दें, यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा 1964 में स्थापित किया गया था।
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