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अमृत-2.0: शाहपुरा, बडे़ तालाब में सीवेज मिलने से रोकने के लिए खर्च होंगे 406 करोड़ – Bhopal News

अमृत-2.0 के तहत भोपाल की वाटर बॉडीज में सीवेज न मिले, इसके लिए पहले पैकेज का काम इस महीने शुरू हो जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद नगर निगम ने पहले पैकेज की फाइल राज्य स्तरीय तकनीकी कमेटी (एसएलटीसी) के पास भेज दी है।

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यहां से मंजूरी मिलते ही भोपाल में 4 एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट)और करीब 210 किमी लंबी एसटीपी से कनेक्टिंग सीवेज लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस पैकेज पर निगम करीब 406 करोड़ रुपए खर्च कर 12 हजार घरों को हाउस होल्ड कनेक्शन भी देगा।

इसमें शाहपुरा तालाब में मिलने वाले सीवेज को रोकने के लिए 5 नंबर स्टॉप के पास और एकांत पार्क में दो एटीपी भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा बड़े तालाब में मिलने वाले सीवेज के लिए कोहेफिजा, बाजपेयी नगर और चौक बाजार में नई सीवेज लाइन बिछाई जाएगी। अमृत-2.0 में भोपाल नगर निगम सीमा में कुल 2500 किमी लंबी नई सीवेज लाइन बिछाई जानी है।

इसके लिए यहां 16 जोन बनाए जा रहे हैं, जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेंगे। हर एसटीपी का अपना अलग कैचमेंट एरिया होगा। यानी हर एसटीपी की क्षमता के अनुसार उसके कैचमेंट एरिया का निर्धारण किया गया है, जिसमें सीवेज लाइन बिछाई जाएगी। भोपाल नगर निगम ने अमृत-2.0 के तहत सीवेज लाइन की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। इसी प्लानिंग का पहला पैकेज का काम जल्द ही शुरू किया जा रहा है।

​ननि सीमा में 2500 किमी नई सीवेज लाइन बिछाई जाएगी

  • 210 किमी लंबी एसटीपी से कनेक्टिंग सीवेज लाइन बिछेगी
  • 12 हजार घरों में हाउस होल्ड कनेक्शन भी दिया जाएगा

अमृत-1 में खर्च हुए थे 442 करोड़

अमृत-1 में शहर के कोलार और शाहपुरा क्षेत्र में 442 करोड़ रुपए खर्च कर 750 किमी लंबी सीवेज बिछाई गई थी। इसमें 9 एसटीपी बनाए गए थे। इससे पहले बने एसटीपी की संख्या मिला लें तो भोपाल में फिलहाल कुल 18 एसटीपी हैं। वेटलैंड और अमृत-1 के सीवेज कनेक्शन की संख्या फिलहाल 1.15 लाख है। अब नई प्लानिंग के तहत नगर निगम ने कुल 3000 करोड़ की डीपीआर तैयार की है। जिसका पहला चरण एसएलटीसी की मंजूरी के बाद शुरू हो जाएगा।

अमृत-1 में की गई गलतियों से लिया सबक

अमृत-1 के तहत किए गए फील्ड ऑपरेशन के दौरान एक बड़ी परेशानी सामने आई, जिससे सीवेज कनेक्शन ले चुके 500-600 परिवार अब भी जूझ रहे हैं। ये परेशानी थी कि कोलार-शाहपुरा क्षेत्र में बिछी सीवेज लाइन के लेवल के साथ घरों के लेवल को पहले से परखा नहीं गया। यही वजह रही कि इतने घरों को मेन सीवेज लाइन से जोड़ा नहीं जा सका। जो घर जुड़े, उनके घरों का सीवेज लाइन में सही बहाव नहीं मिल पा रहा है। दावा ये है कि नई प्लानिंग में इसका ख्याल रखा गया है।

2055 तक की प्लानिंग, एसटीपी 15 साल के लिए

नगर निगम सूत्रों का कहना है कि अमृत-2.0 के तहत शहर में सीवेज लाइन की प्लानिंग वर्ष 2055 तक के लिए की गई है। यानी अमृत-2.0 के पूरे 3000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में आज से 31 साल बाद तक शहर की जनसंख्या और उनकी जरूरत के अनुसार प्लानिंग की गई है। एसटीपी केवल 15 साल के अनुसार डिजाइन किए जाते हैं। 15 साल बाद इन्हें रेनोवेट किया जाएगा।

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