वॉशिंगटन1 घंटे पहले
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अमेरिका में तूफान की वजह से पहाड़ों से हिमस्खलन हो गया।
अमेरिका के कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से लगातार बर्फीले तूफान का कहर जारी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मंगलवार तक तूफान की वजह से अलग-अलग हादसों में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1.75 लाख से ज्यादा लोग बिना बिजली के गुजारा कर रहे हैं।
अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस ने राजधानी वॉशिंगटन में 1 फुट तक बर्फबारी का आशंका जाहिर की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन हालात पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद देने को तैयार हैं।
तूफान के साथ ओलावृष्टि से लोगों की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ गई है। लाखों लोगों को ट्रैवल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत का सामान लेने के लिए भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
तूफान की वजह से 30 राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले रविवार को 7 राज्यों में इमरजेंसी लगा दी गई थी। इससे करीब 6 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अमेरिका में पिछले 10 साल का सबसे भीषण बर्फीला तूफान हो सकता है।
बर्फीले तूफान से जुड़ी 5 फुटेज…
रास्ते पूरी तरह बर्फ की चादर से ढंक गए हैं, लोगों को पैदल आवाजाही में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
तूफान इतना तेज है सड़क पर खड़े वाहन पूरी तरह बर्फ से ढंक गए हैं।
अमेरिकी संसद की कैपिटल हिल बिल्डिंग पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई।
सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। फिसलन बढ़ने से हादसे का खतरा भी बढ़ गया।
राजधानी वॉशिंगटन में तूफान के बीच भी लोग बाहर निकल कर मस्ती कर रहे हैं।
पोलर वोर्टेक्स की वजह से आया तूफान अमेरिका में इस बर्फीले तुफान की बड़ी वजह पोलर वोर्टेक्स (ध्रुवीय भंवर) को माना जा रहा है। पोलर वोर्टेक्स काउंटर क्लॉकवाइज (घड़ी की उल्टी दिशा) बहती हैं। पोलर वोर्टेक्स भौगोलिक संरचना के कारण आमतौर पर नॉर्थ पोल के चारों ओर घूमता है, लेकिन जब यह दक्षिण की तरफ बढ़ता है तो अमेरिका, यूरोप और एशिया में भारी ठंड लाता है।
इन दिनों अमेरिका में यही हो रहा है, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये ध्रुवीय हवाएं यूरोप और एशिया में भी चल सकती हैं।
क्या खतरे हो सकते हैं जब पोलर वोर्टेक्स चल रही हों, तब घर से बाहर निकलना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस वक्त बिना विंटर किट के बाहर निकलने पर 5 से 7 मिनट में दिल का दौरा पड़ सकता है। इसके अलावा स्किन जम सकती है। ऐसे मौसम में गाड़ी भी स्टार्ट नहीं होती हैं। इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है कि जब ध्रुवीय हवाएं चल रही हों, तब घर के भीतर ही रहें।
कुछ रिसर्च से पता चला है कि बीते कुछ सालों में आर्कटिक तेजी से गर्म हो रहा है, जिससे पोलर वोर्टेक्स दक्षिण की तरफ शिफ्ट हो रहा है।
ओले गिरने के साथ बवंडर का भी खतरा
ट्रैकिंग वेबसाइट पॉवरआउटेज और फ्लाइटअवेयर ने बताया कि सोमवार तक मिसौरी से लेकर वर्जीनिया तक 1.75 लाख लोग बिना बिजली के रह रहे हैं। वहीं 2400 से ज्यादा उड़ाने रद्द कर दी गई हैं।
मिसौरी की स्टेट एजेंसी ने बताया कि रविवार तक 1000 से ज्यादा वाहन बर्फबारी में फंस गए थे। वहीं केंटकी राज्य के गवर्नर एंडी बेशर ने लोगों से घर में ही रहने का अपील की है।
नेशलन वेदर सर्विस ने चेतावनी दी है कि दक्षिण-पूर्वी राज्यों में ओले गिरने के साथ बवंडर भी आ सकता है। कुछ जगहों पर टेम्परेचर माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मानवीय गतिविधियों को कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
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