अमृतसर1 घंटे पहले
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![अमेरिका से वापस भेजी गईं मुस्कान का कहना है कि जहाज में सवार होने तक यह नहीं पता था कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/comp-10_1738841971.gif)
अमेरिका से वापस भेजी गईं मुस्कान का कहना है कि जहाज में सवार होने तक यह नहीं पता था कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है।
US आर्मी के प्लेन से अमृतसर लाए गए भारतीय अमेरिका में 11 दिनों से कैद थे। अलग-अलग कैंप में रखे गए इन लोगों को टॉर्चर किया गया। मारपीट के साथ भद्दी गालियां तक दी गईं। एयरबेस पर हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डाली गईं। काले कपड़े से चेहरा ढंक दिया गया। प्लेन के अंदर बेड़ियों के साथ ही बैठाया गया। किसी को पेशाब करने के लिए भी जाना होता तो पहले हाथ ऊंचा करना पड़ता। इसके बाद सैनिक आते और वॉशरूम तक लेकर जाते। इन लोगों ने अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत पहुंचने तक की मुश्किलें भास्कर से शेयर कीं।
पढ़िए ऐसे छह लोगों की छह कहानी…
कहानी-1
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मैं आकाश, कल ही भारत आया हूं। हरियाणा के करनाल में मेरा घर है। जिंदगीभर के लिए कलंक लग गया ‘अमेरिका का डिपोर्ट’ हूं।
![आकाश ने बताया कि उसे हथकड़ी बांधकर जहाज में चढ़ाया गया था, भारत पहुंचने पर ही बेड़ियां खोली गईं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/whatsapp-image-2025-02-06-at-113921-am_1738842088.jpeg)
आकाश ने बताया कि उसे हथकड़ी बांधकर जहाज में चढ़ाया गया था, भारत पहुंचने पर ही बेड़ियां खोली गईं।
आकाश ने बीते 4 दिन में जो जिंदगी जी है उसकी कभी कल्पना नहीं की थी। महज 4 दिन पहले दोपहर को मेरे साथ बहुत सारे लोगों को दो बसों में ठूंस दिया गया। सोचा शायद वेलकम ऑफिस ले जाकर रिलीज कर देंगे, लेकिन हमें अमेरिकन एयरबेस पर ले जाया गया।
वहां अमेरिकी सेना का बहुत बड़ा हवाई जहाज खड़ा था। हमें बस से उतारकर लाइन में खड़ा किया गया। पूरा चेहरा मास्क से ढंक दिया। इसके बाद हाथ-पैर और गले में बेड़ियां डाल दी गईं। हमें ऐसे ट्रीट किया जा रहा था जैसे हम बहुत बड़े क्रिमिनल हों।
एक अमेरिकी अफसर ने जोर से कहा कि हमें इंडिया भेजा जा रहा है। फिर हमें हवाई जहाज में चढ़ने के लिए कहा गया। जब हम जहाज में चढ़ रहे थे, तब वहां बहुत सारे कैमरे लगे थे। अमेरिकी मीडिया जमा था।
प्लेन के अंदर बेड़ियों के साथ ही बैठाया गया। किसी को पेशाब करने के लिए भी जाना होता तो पहले हाथ ऊंचा करना पड़ता। इसके बाद सैनिक आते और वॉशरूम तक लेकर जाते।
कहानी-2
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अमेरिका में यह कहकर जहाज में बैठाया गया था कि आइलैंड ले जा रहे है। कैंप से ही हथकड़ी लगाकर जहाज में चढ़ाया गया था।
![मुस्कान का कहना है जहाज बहुत समय तक आसमान में था, इंडिया में उतरने के बाद ही उनकी हथकड़ी खोली गई।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/comp-10_1738842154.gif)
मुस्कान का कहना है जहाज बहुत समय तक आसमान में था, इंडिया में उतरने के बाद ही उनकी हथकड़ी खोली गई।
पंजाब के जगराओं की मुस्कान ने बताया कि अमेरिका से उड़ने के बाद बहुत देर तक जहाज आसमान में ही घूमता रहा। वहां चल रही बातचीत से पता लगा कि दिल्ली में जहाज को उतरने के लिए परमिशन नहीं दी गई। इसके बाद प्लेन अमृतसर में लैंड हुआ।
इंडिया में जहाज से उतरते समय ही हथकड़ी खोली गई। जहाज में 6 साल तक के 4 बच्चों के अलावा सभी को हथकड़ी लगाई गई थी। बच्चों को जहाज में उनकी मां के पास ही रखा गया था।
जहाज में जो अमेरिकी सैनिक थे, उनकी अंग्रेजी समझ नहीं आ रही थी। हालांकि फ्रूट-स्नैक्स दिए गए थे। सर्दी लगी तो कंबल भी सैनिकों ने ही ओढ़ाए।
कहानी-3
कैथल जिले के कसान गांव के रहने वाले अंकित ने बताया कि भारत लाने से पहले सेंटियागो से आर्मी बेस ले जाया गया। उस समय उनकी पीठ पर जो बैग टंगे हुए थे, उन पर अमेरिका सरकार की ओर से पोस्टर चस्पा कर दिए गए, जिन पर लिखा था इंडियन फ्लाइट।
एयरबेस पर अफसरों ने भरोसा दिया कि अब उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन बाद में उन्हें जब जहाज में बैठाया गया तब पता चला कि यह फ्लाइट अमेरिका से इंडिया के अमृतसर जाएगी। तभी उन्हें यह भी जानकारी मिल गई कि अब उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है। कैंपिंग से लेकर भारत पहुंचने तक उनके हाथ व पैरों को जंजीर से बांधा गया था।
![अंकित ने कहा कि एयरबेस पर अफसरों ने भरोसा दिया कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन जहाज भारत ले आया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/comp-13_1738842364.gif)
अंकित ने कहा कि एयरबेस पर अफसरों ने भरोसा दिया कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन जहाज भारत ले आया।
कहानी-4
पंजाब में गुरदासपुर के फतेहगढ़ चूड़ियां के रहने वाले जसपाल सिंह ने बताया कि 11 दिन हिरासत में रखने के बाद उसे भारत भेजा गया। डिपोर्टेशन के दौरान उन्हें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया और यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है। रास्ते में ही उन्हें पता चला कि उन्हें भारत वापस भेजा जा रहा है।
कहानी-5
फतेहाबाद जिले के गांव दिगोह के गगनप्रीत सिंह के अनुसार 2 फरवरी को सुबह 4 बजे के बाद चले थे। पहला सफर छह घंटे का रहा। उसके बाद उन्हें नीचे उतारा गया। फिर छह घंटे और प्लेन उड़ने के बाद उतारा गया। इसके बाद लगातार 12 घंटे से अधिक प्लेन हवा में रहा। खाने के लिए चावल, चिकन, मछली व ब्रेड दे रहे थे।
टॉयलेट तक स्टाफ खुद ही लेकर जा रहे थे और वापस छोड़ रहे थे। किसी भी इंडियन को फोन साथ नहीं रखने दिया। सबके फोन बैगों में डलवा कर रखवा दिए गए।
![गगनप्रीत ने कहा कि टॉयलेट तक स्टाफ खुद ही लेकर जा रहे थे और वापस छोड़ रहे थे। किसी भी इंडियन को फोन साथ नहीं रखने दिया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/comp-12_1738842320.gif)
गगनप्रीत ने कहा कि टॉयलेट तक स्टाफ खुद ही लेकर जा रहे थे और वापस छोड़ रहे थे। किसी भी इंडियन को फोन साथ नहीं रखने दिया।
कहानी-6
कैथल पहुंचे साहिल के पिता चरण सिंह ने कहा कि अंबाला आने पर साहिल की हथकड़ी खोली गई। फिर उसे घर छोड़ा गया। पंजाब पुलिस ने परिजन से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर भी कराए हैं। युवक फिलहाल डिप्रेशन में है।
लोगों ने जैसा बताया, भास्कर आर्टिस्ट संदीप पाल ने उसे स्केच के जरिए दिखाया है…
![लोगों को मिलिट्री प्लेन में सवार होने से पहले ही हथकड़ी और बेड़ियां पहना दी गईं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/photo-sketch_1738843864.jpg)
लोगों को मिलिट्री प्लेन में सवार होने से पहले ही हथकड़ी और बेड़ियां पहना दी गईं।
![लोगों की गुजारिश के बावजूद हथकड़ी नहीं खोली गई, उन्हें इसे पहने हुए ही खाना खाना पड़ा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/photo-sketch3_1738843887.jpg)
लोगों की गुजारिश के बावजूद हथकड़ी नहीं खोली गई, उन्हें इसे पहने हुए ही खाना खाना पड़ा।
![लोगों को टॉयलेट जाना होता तो स्टाफ ही उन्हें लेकर जाता और वापस सीट पर बैठा देता था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/photo-sketch2_1738844112.jpg)
लोगों को टॉयलेट जाना होता तो स्टाफ ही उन्हें लेकर जाता और वापस सीट पर बैठा देता था।
![अमेरिका से करीब 40 घंटे बाद अमृतसर पहुंचने पर लोगों की हथकड़ियां खोली गईं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/photo-sketch4_1738843897.jpg)
अमेरिका से करीब 40 घंटे बाद अमृतसर पहुंचने पर लोगों की हथकड़ियां खोली गईं।
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अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें….
1. भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया, VIDEO:वॉशरूम में निगरानी, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले; 40 घंटे इसी हाल में रहे
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/comp1-ezgifcom-video-to-gif-converter-31738826994_1738843218.gif)
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के पैर में चेन बांधी गई थी, जबकि हाथ भी बेड़ियों में जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती हैं। पूरी खबर पढ़ें…
2. भास्कर एक्सक्लूसिव-अमेरिका जाने के डंकी रूट के VIDEO:कीचड़ से सने पैर, बारिश के बीच टेंट; डिपोर्ट किए हरियाणा के युवक ने बनाए थे
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/ezgifcom-optimize-141738827464_1738843135.gif)
वीडियो में दिख रहा है कि डंकी रूट से जा रहे लोग पनामा के जंगलों में कीचड़ से गुजर रहे हैं। उनके बूट कीचड़ से सने हैं। भयावह जंगल में वह टेंट लगाकर रह रहे हैं। बारिश में पॉलिथीन से शरीर और सामान ढंक रहे हैं। रास्ते में जंगलों में जहां नाले वगैरह का पानी मिला, वहीं नहा रहे हैं। ग्रुप में कई छोटे बच्चे और लड़कियां भी नजर आती हैं। पूरी खबर पढ़ें…
3. अमेरिका से 104 भारतीय डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/06/eod-1417387506501738796008_1738843357.gif)
अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पूरी खबर पढ़ें…
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