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अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने दुनियाभर में स्टूडेंट्स को ट्रैवल एडवाइजरी भेजी: कहा- ट्रम्प के शपथ लेने से पहले वापस लौटें, वीजा प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है असर

वाशिंगटन4 घंटे पहले

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अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों ने अपने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और कर्मचारियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जो स्टूडेंट्स सर्दियों की छुट्टियों के लिए अपने देश गए हैं, वे जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से पहले अमेरिका वापस लौट आएं।

ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शपथ लेने के बाद वे कुछ बड़े फैसलों पर साइन कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों को इस बात का डर है कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भी पहले की तरह वीजा पर प्रतिबंध और पॉलिसी में बदलाव हो सकते हैं।

दरअसल ट्रम्प ने 2017 में शपथ लेने के बाद ऐसा ही किया था। उन्होंने 7 दिन बाद ही अचानक 7 मुस्लिम देशों (ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, यमन) के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन देशों के नागरिकों को 90 दिनों तक अमेरिका आने की मनाही थी। इस वजह से इन देशों के स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

अमेरिका में पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में सबसे ज्यादा स्टूडेंट भारत से हैं।(तस्वीर प्रतिकात्मक है।)

अमेरिका में पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में सबसे ज्यादा स्टूडेंट भारत से हैं।(तस्वीर प्रतिकात्मक है।)

वीजा प्रक्रिया पर पड़ सकता है असर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑफिस के डायरेक्टर डेविड एल्वेल ने कहा है कि हर बार चुनाव के बाद संघीय स्तर पर प्रशासन में बदलाव होता है। इस बार भी नीतियों और कानूनों में बदलाव हो सकते हैं जो उच्च शिक्षा के साथ-साथ इमिग्रेशन और वीजा मिलने की प्रक्रिया पर भी असर डाल सकते हैं।

इसके अलावा अलग-अलग देशों में अमेरिकी दूतावास के स्टाफिंग लेवल पर भी असर पड़ेगा, जिससे वीजा मिलने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। एल्वेन ने स्टूडेंट्स को सर्दियों की छुट्टियों पर जाने से पहले इस बात का खयाल रखने की सलाह दी है।

भारत और चीन से आते है सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स अमेरिकी शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत और चीन के स्टूडेंट अमेरिका में सबसे बड़ी संख्या में पढ़ने आते हैं। इसमें भी अमेरिका में पढ़ने वाले सबसे ज्यादा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स भारत से आते हैं। 3.31 लाख भारतीय स्टूडेंट्स अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 23% ज्यादा है।

वहीं, चीन के 2.77 लाख स्टूडेंट्स अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। इस साल इस संख्या में 4% की गिरावट आई है।

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मिलर ने कहा कि जुकरबर्ग दूसरे बिजनेसमैन की तरह ट्रम्प की आर्थिक योजनाओं का समर्थन करना चाहते हैं। ट्रम्प के साथ खराब रिश्तों के बाद टेक सीईओ अपनी कंपनी की इमेज को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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