श्री देव गोवर्धन धाम में भगवान की पूजा करती हुई महिलाएं।
आंवला नवमी का पर्व सागर में रविवार को भक्तिभाव और श्रद्धा से मनाया गया। पर्व के चलते सैकड़ों की संख्या में महिलाएं परिवार के साथ तिली क्षेत्र में स्थित श्री देव गोवर्धन धाम में पहुंचीं। जहां बाल स्वरूप में विराजे भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर आशीर्वाद ल
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आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है। कार्तिक शुक्ल नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और आंवला नवमी की कथा सुनी जाती है। पूजा में आंवले के पेड़ की परिक्रमा भी करते हैं। पूजा-पाठ के साथ ही इस पर्व पर आंवले का दान भी करते हैं।
महिलाओं ने आंवला वृक्ष की परिक्रमा कर पूजा-पाठ की।
यह है आंवला नवमी की मान्यता आंवले के वृक्ष की धार्मिक मान्यता के अनुसार, आंवला के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी का निवास होता है। नवमी के दिन इनके पूजन से मनोकामना पूर्ण होती हैं। महिलाएं सात्विक भोजन तैयार करती हैं। आंवले के वृक्ष के नीचे पूजन के बाद महिलाएं परिवार और ब्राह्मणों को भोजन कराती हैं, जिससे उन्हें अक्षय पुण्य का लाभ मिलता है।
देखिए तस्वीरें…
भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने लगी भक्तों की भीड़।
गोवर्धन धाम में विराजे भगवान के दर्शन करते भक्त।
मंदिर परिसर में उमड़ी भक्तों की भीड़।
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