आगर मालवा में वकीलों ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में शुक्रवार को काम बंद रखा। वकीलों ने डिप्टी कलेक्टर मनीषा कौल को केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
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वकीलों ने बिल में कई गंभीर आपत्तियां जताई हैं। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि बार काउंसिल में केंद्र सरकार की ओर से तीन सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है। इससे बार काउंसिल की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। बिल में वकीलों पर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
वकीलों की ओर से किसी अवैधानिक कार्रवाई का विरोध या हड़ताल करना असंवैधानिक माना जाएगा। झूठी शिकायतों पर वकीलों को तुरंत निलंबित किया जा सकता है। इसमें उनकी कोई सुरक्षा नहीं है। विदेशी कानूनी कंपनियों को भारत में प्रवेश की अनुमति से भारतीय वकीलों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
अधिवक्ता संघ की बिल को तत्काल वापस लेने की मांग
अधिवक्ता संघ ने बिल को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने चरणबद्ध विरोध की चेतावनी दी है। वकीलों का कहना है कि यह बिल न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला है।
इस दौरान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार मारू और पूर्व अध्यक्ष वैभव भटनागर समेत बड़ी संख्या में वकील मौजूद थे।
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