टीकमगढ़ में रविवार को जैन समाज ने प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की जयंती धूमधाम से मनाई। पंचायती धाम माझ मंदिर से शुरू हुई भव्य शोभायात्रा नजर बाग परिसर तक पहुंची। धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जनता ने बताया कि शोभायात्रा के मार्ग में जगह-जगह
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प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की जयंती श्रद्धालुओं ने श्री जी की आरती उतारी।
शोभायात्रा में रथ, ढोल-नगाड़े, बैंड-बाजे, बग्गी, हाथी और घोड़े शामिल थे। डीजे की धुन पर भगवान आदिनाथ के जयकारे लगाए गए। इसके पहले जैन मंदिरों में श्री जी का अभिषेक और शांति धारा की गई। नरेंद्र जनता ने बताया कि भगवान आदिनाथ को ऋषभदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे प्रथम तीर्थंकर थे। उनका जन्म तीसरे काल के अंत में हुआ था। मुनि ऋषभदेव ने 1 हजार वर्ष तक आत्मा की साधना की। उनके साथ 4 हजार राजाओं ने भी दीक्षा ली थी।

प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की जयंती पर कार्यक्रम में पहुंचीं महिलाएं।
आयोजन समिति के सदस्य नरेंद्र जैन के अनुसार, सुबह से ही भगवान का अभिषेक और सामूहिक पूजन किया गया। दोपहर 3 बजे से शोभायात्रा शुरू हुई। शहर के प्रमुख जैन मंदिरों से विमान भी शामिल हुए। जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और परिवार सहित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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