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आधी कीमत का ये मावा नकली तो नहीं?: होली पर तीन गुना बढ़ी मावा सप्लाई, आधी कीमत, खराब न होने की गारंटी – Gwalior News

होली की मांग आते ही मावे की आवक-सप्लाई बढ़ गई है। मोर बाजार, मुरार व गोला का मंदिर क्षेत्र में भिंड-मुरैना से ट्रकों में भरकर आने वाला अब 3 गुना तक हो गया है। इसकी बिक्री नामचीन दुकानों की तुलना में सस्ते में होती है। इसी कारण मिलावट का संदेह मजबूत हो

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मिलावट और साठगांठ के इस कारोबार की हकीकत जानने शनिवार दोपहर 1.02 मिनट पर भास्कर रिपोर्टर ने बाड़ा स्थित मोर बजार में हकीकत देखी। जहां पर मावे की डलियों से भरा छोटा ट्रक (एमपी07 जीए 6467) जैसे ही रुका, आसपास पहले से सा​इकल, स्कूटी, ई-रिक्शे व अन्य वाहनों के साथ खड़े लोगों ने इसे घेर लिया। कुछ ही मिनटों में ट्रक में रखीं मावा डलिया वाहन, साइकिल व मजदूर कंधों पर लादकर ले गए। रिपोर्टर को ट्रक चालक ने बताया कि वह इसे भिंड से लेकर आया है। जब उससे 2 डलिया (गठान) मावा मांगा, तो उसने कहा कि ऐसे माल नहीं मिलता, पहले बुकिंग करानी होगी।

बाजार में 300 रुपए किलो में बिक जाएगा – छोटे ट्रक के पास खड़े पल्लेदार (मजदूर) ने कहा कि हमसे 210 रुपए किलो में खरीद लो, बाजार में 300 रुपए किलो में बिक जाएगी। बातचीत के दौरान यह जानना चाहा कि मावा कहां ले जाने के लिए खरीद रहे हैं? बाद में मोर बाजार के ही दुकानदार ने उनसे 210 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मावा खरीद कर ले जाने के लिए कहा। साथ ही दुकानदार ने कहा कि 2-3 दिन तक कैसे भी पड़ा रहे, मावा खराब नहीं होगा। वहीं दूध डेयरी व्यावसायिक संघ के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र मांडिल ने कहा कि मावा इन दिनों 300 रुपए किलो तक बिक रहा है।

अब रेल से नहीं बसों से दूसरे शहर-राज्यों में सप्लाई

अंचल के अलग-अलग जिलों में मावा व पनीर भारी मात्रा में बनता है। इसे मप्र सहित राजस्थान, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। इन दिनों ट्रेन से मावा-पनीर की बुकिंग बंद है, क्योंकि रेलवे को नमूना रिपोर्ट की जरूरत रहती है। इस तरह का आदेश 7 महीने पहले कलेक्टर ने रेलवे को दिया था। इसी कारण अब बसों से मावा दूसरे शहरों में भेजा जा रहा है। पांच मार्च को फूलबाग में खड़ी टूरिस्ट बस से 238 किलो मावे की जब्ती इसका सबूत है। उक्त मावा देवानंद नरवरिया की फर्म साईं मावा भण्डार दानाओली (मोर बाजार) का था और इसे टीकमगढ़ भेजा जा रहा था। यह भिण्ड से ग्वालियर लाया गया था। इससे पहले इंदरगंज, अडुपुरा में भी ऑटो से भारी मात्रा में मावा पकड़ा जा चुका है। अब मावा कारोबारी शहर के बाहरी क्षेत्र से मावा की डलिया बसों में रखकर जबलपुर, भोपाल, सागर व अन्य जिलों में भेज रहे हैं।

सिकरावली में हो चुकी है छापामारी

जांच में घाटीगांव के सिकरावली गांव के लगभग सभी घरों में मावा बनते मिला था। यहां पर​ रिफाइंड व अन्य सामग्री टीम को 5 अक्टूबर को मिली था। 5 नमूनों में से एक में गड़बड़ी मिल चुकी है। खुरैरी की एक किराना दुकान से 6 फरवरी को मावा का नमूना ​लेकर जांच के लिए भेजा गया पर रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। मात्रा कम होने से इसे जब्त नहीं किया गया था।

इस साल के 210 नमूनों की रिपोर्ट नहीं

बजट व दूसरे कारणों से ग्वालियर में लैब नहीं बन सकी है। वहीं जनवरी के 70, फरवरी के 63 और इसके बाद और पहले के मिलाकर कुल 210 नमूनों की रिपोर्ट भोपाल लैब से आना अभी बाकी है, इनमें 8-10 नमूने मावे के भी हैं। आखिरी बार 27 फरवरी को लैब से 12 रिपोर्ट आई थीं, इनमें से एक नमूना ही अमानक निकला था।

टीम ने बाजार से घी, मिठाई के सैंपल लिए

मदनलाल हीरालाल मावा भण्डार व श्रीकृष्णा नाश्ता एवं मिष्ठान भण्डार से जांच के बाद मावे के दो नमूने लिए गए। ऐसे ही जैन मावा एवं घी भण्डार मुरार से मावा, पूजा स्वीट्स पटेल नगर से गुजिया एवं बेसन लड्डू तथा मोर बाजार में एलएमबी स्वीट्स से मलाई एवं स्पेशल पतली बर्फी के दो नमूने लिए गए। सभी को भोपाल लैब में जांच के लिए भेजा गया है।

आउटर के चारों चेक पोस्ट पर नियमित जांच के दिए निर्देश त्योहार को देखते हुए आउटर के चारों चेकपोस्ट पर नियमित रूप से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार से सैंपलिंग भी बढ़वाएंगे। लंबित जांच रिपोर्ट के लिए भी भोपाल में अफसरों को पत्र लिखा जाएगा। – सचिन श्रीवास्तव, सीएमएचओ

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