नई दिल्ली1 घंटे पहले
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लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने चीन बॉर्डर, म्यांमार बॉर्डर के अलावा मणिपुर हिंसा को लेकर आर्मी की तैयारियों के बारे में बताया।
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान उनके सेना प्रमुख के संपर्क में था, लेकिन अब हम बांग्लादेश के साथ संबंधों के बारे में तभी बात कर सकते हैं जब वहां चुनी हुई सरकार हो।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश की सभी सीमाओं पर सुरक्षा को लेकर चर्चा की। उन्होंने चीन बॉर्डर, म्यांमार बॉर्डर के अलावा मणिपुर हिंसा को लेकर आर्मी की तैयारियों के बारे में बताया।
द्विवेदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हम धीरे-धीरे टेररिज्म से टूरिज्म की ओर बढ़ रहे हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (चीन सीमा) पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन कंट्रोल में है। इस मुद्दे पर पीएम मोदी भी चीन के प्रमुख से बात कर चुके हैं। वहां अब बफर जोन नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में फिलहाल एक्टिव आतंकियों में से 80% पाकिस्तान बेस्ड आतंकी हैं। 2024 में ढेर हुए आतंकियों में से भी 60% पाकिस्तानी थे। घाटी में फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है। मणिपुर में हिंसा की घटनाएं जारी हैं, लेकिन हम शांति बहाली की कोशिश कर रहे हैं।
आर्मी चीफ ने जम्मू-कश्मीर, चीन बॉर्डर और नॉर्थ ईस्ट पर क्या-क्या कहा
1. जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर 4 पॉइंट…
- देश की उत्तरी सीमाओं पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन सिचुएशन अंडर कंट्रोल है। अक्टूबर 2024 में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में LAC पर विवाद की स्थिति सुलझ गई है। इन दोनों इलाकों में अब पेट्रोलिंग भी शुरू हो गई है।
- मैंने अपने सभी को-कमांडर्स को पेट्रोलिंग के संबंध में जमीनी स्तर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है। इन मुद्दों को सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सकता है। LAC पर हमारी तैनाती बैलेंस्ड और मजबूत है। हमने उत्तरी सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाते हुए स्पेशल टेक्नोलॉजी को शामिल किया है।
- हमने पिछले साल 15 हजार सैनिकों की भर्ती की थी। पिछले साल ढेर हुए आतंकियों में से 60 प्रतिशत पाकिस्तानी थे। हमें लगता है कि फिलहाल घाटी में एक्टिव आतंकियों में से भी 80 प्रतिशत पाकिस्तानी ही हैं। जम्मू कश्मीर की स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है। फरवरी 2021 में LoC पर हुआ सीजफायर एग्रीमेंट अभी जारी है।
- हालांकि बॉर्डर पार से लगातार घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। हाल के ही महीनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकियों की गतिविधियां देखी गईं। सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल नहीं हुई है। हम धीरे-धीरे टेररिज्म से टूरिज्म की ओर बढ़ रहे हैं।
2. चीन बॉर्डर और LAC पर सिचुएशन…
- LAC पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन सिचुएशन अंडर कंट्रोल है। अक्टूबर 2024 में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में LAC पर विवाद की स्थिति सुलझ गई है। इन दोनों इलाकों में अब पेट्रोलिंग भी शुरू हो गई है।
- मैंने अपने सभी को-कमांडर्स को पेट्रोलिंग के संबंध में जमीनी स्तर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है। इन मुद्दों को सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सकता है। LAC पर हमारी तैनाती बैलेंस्ड और मजबूत है। हमने उत्तरी सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाते हुए स्पेशल टैक्नोलॉजी को शामिल किया है।
- भारतीय नौसेना हमारे साथ पैंगोंग सो लेक पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है। उनकी स्पेशल फोर्स जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर हमारे साथ काम कर रही है। इसमें डीप डाइवर्स भी शामिल हैं।
दरअसल, भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। हाल ही में वहां पेट्रोलिंग फिर से शुरू हो गई है। दो साल की लंबी बातचीत के बाद एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
3. नॉर्थ ईस्ट में सुरक्षा को लेकर 2 पॉइंट…
- नॉर्थ ईस्ट में भी धीरे-धीरे सिचुएशन कंट्रोल में आ रही है। सुरक्षा बलों की साझा कोशिश से अब मणिपुर के हालात भी कंट्रोल में हैं। हालांकि मणिपुर में हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन सेना लगातार वहां शांति स्थापित करने का काम कर रही है।
- कई NGO और सीनियर ऑफिसर भारत-म्यांमार सीमा पर सभी समुदायों के लीडर्स से बातचीत कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही सेना ने डिजास्टर कंट्रोल के लिए अपनी QRT और QR मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए 17 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया है।
दरअसल, मणिपुर में मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदायों के बीच हिंसा चल रही है। इस दौरान अब तक 237 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं।
आर्मी चीफ बोले- सेना को आत्मनिर्भर बनाना ही मेरा लक्ष्य
उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- 1,700 महिला अधिकारी की ट्रेनिंग खत्म होने वाली है। इसके बाद ये अधिकारी भारतीय सेना और नौसेना, वायुसेना में शामिल होंगे।
भारतीय नौसेना के साथ हम दो जगहों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पहला है अंडमान और निकोबार और दूसरा है एम्फीबियस टास्क फोर्स। जहां तक अंडमान और निकोबार का सवाल है, हम उस क्षेत्र में सेना की भूमिका को और बढ़ाएंगे। हमारे पास कुछ प्लान हैं जिन्हें मिलाकर हमें वेस्ट इलाके में काम करना है।
सेना को आत्मनिर्भर बनाते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना ही मेरा लक्ष्य है। नेशनल सिक्योरिटी के लिए मीडिया और सुरक्षाबलों में एक साथ आने की क्षमता है। इसलिए मैं मीडिया से बातचीत की प्रोसेस को अपनाता हूं।
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