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इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर प्रतिबंध की तैयारी में अमेरिका: संसद के निचले सदन में बिल पास, इजराइली PM के खिलाफ अरेस्ट वारंट का विरोध

वाशिंगटन1 घंटे पहले

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डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को सत्ता संभालने के बाद बिल को मंजूरी दे सकते हैं। - Dainik Bhaskar

डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को सत्ता संभालने के बाद बिल को मंजूरी दे सकते हैं।

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव ने गुरुवार को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल पास कर दिया है। अमेरिका ने ये कदम इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ ICC की तरफ से जारी किए गए अरेस्ट वारंट के बाद उठाया है।

बिल पर वोटिंग के दौरान 243 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया, वहीं 140 सांसदों ने इसके विरोध में वोट किया। समर्थन करने वालों में रिपब्लिकन पार्टी के 198 और डेमोक्रेटिक पार्टी के 45 सांसद थे। किसी भी रिपब्लिकन सांसद ने बिल का विरोध नहीं किया।

नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ गाजा में युद्ध अपराध, मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार के लिए ICC ने अरेस्ट वारंट जारी किया है।

हाउस से बिल पास होने के बाद अब इसे ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा।

हाउस से बिल पास होने के बाद अब इसे ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा।

ICC पर पहले भी प्रतिबंध लगा चुका अमेरिका

अमेरिका पहले भी ICC पर प्रतिबंध लगा चुका है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2020 में ICC पर प्रतिबंध लगाए थे।

दरअसल, ICC ने अफगानिस्तान में अमेरिका और फिलिस्तीन में इजराइल की आपराधिक गतिविधियों की जांच शुरू कर दी थी। इसके खिलाफ ट्रम्प प्रशासन ने ICC पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि बाद में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इन प्रतिबंधों को हटा दिया था।

गुरुवार को हाउस से बिल पास होने के बाद विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने कहा कि एक कंगारू कोर्ट हमारे सहयोगी इजराइल के PM को गिरफ्तारी करना चाहती है, इसलिए अमेरिका ये कानून पारित कर रहा है।

नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद कई देशों ने अलग-अलग रुख अपनाया है।

ICC के पास गिरफ्तारी की पावर नहीं

ICC ने पिछले साल 21 नवंबर को नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी किया था। हालांकि उसके पास गिरफ्तारी करने की शक्तियां नहीं हैं। इसके लिए वह अपने सदस्य देशों पर निर्भर है। वह सिर्फ उन देशों में अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है, जिन्होंने इस कोर्ट की स्थापना करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

2002 में शुरू हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट

1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की शुरुआत हुई थी। ये संस्था दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है।

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं।

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