इंदौर एयरपोर्ट पर नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर बनकर तैयार हो चुका है।
इंदौर एयरपोर्ट का नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर बनकर तैयार हो चुका है। अभी पुराने एटीसी टॉवर से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह से यहां पर शेडो ऑपरेशन शुरू होगा, जिसमें दोनों टॉवरों की मदद से विमानों का संचालन किया जाएगा।
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बाद में पुराने एटीसी टॉवर को बंद कर दिया जाएगा, इस जगह पर नया टर्मिनल बनाने की योजना है।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि नए एटीसी टॉवर का निर्माण इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी (ईपीसी) के तहत किया है। यह टॉवर 40 मीटर यानी करीब 120 फीट ऊंचा है। इसमें सात मंजिल हैं। इसे तैयार करने में 42 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। साथ ही आधुनिक मशीनों का खर्च अलग है। वहीं मौजूदा टॉवर 20 मीटर ही ऊंचा है। नया टॉवर शुरू होने से इंदौर से हवाई यातायात ओर भी सुलभ हो सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस नए टॉवर में सभी जरूरी आधुनिक उपकरणों को लगाया गया हैं। काम लगभग पूरा हो चुका है और इसे शुरू करने से पहले इसके ट्रायल के लिए मुख्यालय और डीजीसीए से मंजूरी मांगी गई हैं। इसके साथ ही दिसंबर के पहले सप्ताह से ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।
इसे पैरेलल या शेडो ऑपरेशन कहा जाता है, जिसमें मौजूदा एटीसी टॉवर के साथ ही नए एटीसी टॉवर से भी विमानों के संचालन में मदद ली जाएगी। कोई कमी सामने ना आने पर कुछ समय पूरी तरह नए टॉवर से ही उड़ानों के संचालन में मदद करते हुए ट्रायल पूरा होगा।
इंदौर एयरपोर्ट पर बना नया एटीसी टॉवर।
पुराने को हटाकर वहां टर्मिनल बनाने की तैयारी
प्रबंधन सूत्रों ने बताया कि पुराना एटीसी टॉवर जब उपयोग में नहीं रहेगा तो इसे तोड़ दिया जाएगा। यहां पर काफी जगह है। एक टर्मिनल बनाने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, इस पर निर्णय मुख्यालय स्तर पर होगा। हालांकि, 20 एकड़ जमीन नहीं मिलने से प्रबंधन के सामने एयरपोर्ट के विस्तार में काफी परेशानी आ रही है, लेकिन लगातार उड़ान और यात्री बढ़ने से प्रबंधन को अगले कुछ साल ऑपरेशन करने में काफी परेशानी आएगी। इसी को देखते हुए पुराने टर्मिनल से भी ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी है।
इंदौर एयरपोर्ट पर बने नए एटीसी टॉवर का डिजाइन।
पुराने एटीसी टाॅवर और नए एटीसी टाॅवर में यह है अलग-अलग
वर्तमान में एयरपोर्ट से हर घंटे 12 उड़ानें लैंड और टेक ऑफ कर सकती हैं। नए एटीसी टाॅवर से क्षमता दोगुना से ज्यादा हो जाएगी। बताया जा रहा है कि नया एटीसी टाॅवर बनने के बाद एयरपोर्ट से हर घंटे 30 उड़ान संचालित की जा सकेंगी। वर्तमान एटीसी टाॅवर की क्षमता कम है। इससे हर घंटे केवल 12 उड़ान संचालित हो सकती हैं।
एयरपोर्ट की आने वाले कई सालों की जरूरतों को देखते हुए इसे तैयार किया गया है। वर्तमान में इंदौर की टेक्निकल सुविधाओं के साथ पुराना एटीसी किसी भी एयरक्राफ्ट को 100 किलोमीटर की दूरी से कंट्रोल कर सकता है। वहीं नई सुविधाओं के बाद एयरक्राफ्ट 150 किलोमीटर दूर होने पर भी कंट्रोल किया जा सकेगा।
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