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इंदौर का बीआरटीएस टूटेगा या रहेगा, अब हाईकोर्ट करेगी फैसला

इंदौर के बीआरटीएस का क्‍या होगा, इसका भविष्‍य अब हाई कोर्ट की मुख्‍य पीठ जबलपुर करेगी। इस प्रोजेक्‍ट को दो बार जनहित याचिकाओं के माध्‍यम से चुनौती दी जा चुकी है। इसमें इसकी उपयोगिता पर सवाल उठाए गए थे। इंदौर हाईकोर्ट बेंच में इस पर सुनवाई होने वाली थी कि इस बीच इसे अब मुख्‍य बेंच को अंतरित कर दिया गया।

By Kuldeep Bhawsar

Publish Date: Tue, 19 Nov 2024 06:41:46 PM (IST)

Updated Date: Tue, 19 Nov 2024 06:55:54 PM (IST)

इंदौर का बीआरटीएस। – फाइल फोटो

HighLights

  1. इंदौर खंडपीठ ने दोनों जनहित याचिकाएं जबलपुर भेजी।
  2. 22 नवंबर को होने वाली थी सुनवाई, पर फाइल ट्रांसफर।
  3. बीआरटीएस को लेकर दो जनहित याचिकाएं लगी हुईं हैं।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) प्रोजेक्ट शहरहित में है या इसे तोड़ना पडेगा, यह फैसला अब इंदौर से नहीं बल्कि जबलपुर से होगा। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बीआरटीएस प्रोजेक्ट को लेकर चल रही दोनों जनहित याचिकाओं को हाई कोर्ट की मुख्यपीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधिपति के समक्ष मामले में सुनवाई होना थी लेकिन नंबर ही नहीं आया।

इस मामले में अब तक यह हुआ

  • बीआरटीएस प्रोजेक्ट को चुनौती देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की हैं।
  • पहली याचिका वर्ष 2013 में और दूसरी वर्ष 2015 में दायर की गई थीं।
  • इंदौर में 23 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने वर्तमान परिस्थिति में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यावहारिकता को जांचने के लिए पांच विशेषज्ञों की समिति गठित करने का आदेश दिया था।
  • इस समिति को आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना थी।
  • अगली सुनवाई 22 नवंबर को होना थी, लेकिन इसके पहले ही 18 नवंबर को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इन याचिकाओं को जबलपुर ट्रांसफर कर दिया।
  • याचिकाकर्ता कोडवानी ने बताया कि उन्हें याचिकाओं को जबलपुर भेजे जाने की सूचना सोमवार शाम एसएमएस के जरिए मिली।

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ये थी कोर्ट की बनाई कमेटी

हाई कोर्ट द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी में वरिष्ठ अभिभाषक अमित अग्रवाल, आईआईएम और आईआईटी के डायरेक्टर द्वारा नामित एक एक विशेषज्ञ शामिल थे। कोर्ट इसके पहले भी वर्ष 2013 में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए कमेटी गठित कर चुकी है।

बगैर परमिट और फिटनेस के संचालित चार स्कूली वाहन जब्त

शहर में लगातार वाहनों की जांच की जा रही है, इसके बावजूद बगैर वैध दस्तावेज के वाहनों का परिवहन किया जा रहा है। इसमें बड़ी बात यह है कि स्कूली वाहनों का संचालन भी बगैर परमिट और फिटनेस के किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को एआरटीओ ने देपालपुर स्थित एक स्कूल के चार वाहनों को जब्त कर लिया।

चारों वाहन बगैर परमिट और फिटनेस के संचालित हो रहे थे। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा शहर में वाहनों की गति, स्पीड गवर्नर सहित अन्य दस्तावेजों की जांच लोक परिवहन और स्कूली वाहनों में की जा रही है।

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स्कूली वाहनों के मामले में बच्चों और पालकों से चालक और परिचालक को लेकर चर्चा की जा रही है। एआरटीओ राजेश गुप्ता के द्वारा मंगलवार को देपालपुर स्थित सहोदय कान्वेंट स्कूल के वाहनों की जांच की गई।

वाहनों की जांच में चार वाहन बगैर परमिट के संचालित होना पाए गए। इनको मौके पर ही जब्त किया गया।

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