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इंदौर के बिजनेसमैन ने डोनेट की 5 करोड़ की जमीन: पालदा में बनेगी पानी की टंकी; छह सौ से ज्यादा उद्योगों को मिलेगा फायदा – Indore News

इंदौर के पालदा औद्योगिक क्षेत्र में हर गर्मी में पानी की किल्लत को देखते हुए इंदौर के एक बिजनेस मेन ने अपनी 5 करोड़ कीमत की जमीन पानी की टंकी के लिए डोनेट की है। इससे 600 से ज्यादा उद्योगों को फायदा मिलेगा। जल्द ही प्रशासन, निगम से समन्वय कर यहां टंकी

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अपनी 10 हजार वर्गफीट की बेशकीमती जमीन डोनेट करने वाले उद्योगपति महेश अग्रवाल (दूधिया वाले) है। उनकी खुद की पालदा औद्योगिक क्षेत्र में बारदान और प्रिंटिंग यूनिट हैं। उन्होंने यह पहल शनिवार को ओमनी रेसीडेंसी में एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज मप्र (AIMP) द्वारा आयोजित उद्योगपतियों के सम्मान समारोह के बाद की बिना किसी औपचारिकता के की।

कार्यक्रम समापन के बाद एआईएमपी के अध्यक्ष योगेश मेहता ने एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप के समक्ष उनकी इस पहल से अवगत कराया।

हर गर्मी में पानी की से जूझता है पालदा औद्योगिक क्षेत्र।

दरअसल पालदा औद्योगिक क्षेत्र कई सालों से गर्मी में जल संकट से जूझता रहा है। अब इस साल भी इसी परेशानी को देखते हुए अग्रवाल ने खुद यह पहल की। वे पालदा में 30 सालों से बिजनेस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में यहां कई इंडस्ट्रीज बढ़ी हैं। इससे उद्योगों को पानी पर्याप्त नहीं मिल पाता।

फरवरी-मार्च से ही पानी की किल्लत

क्षेत्र की स्थिति यह है कि फरवरी-मार्च के बाद से ही परेशानी बढ़ जाती है। सात सालों में तो समस्या और भी गहरा गई है। यहां उद्योगपतियों को टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है। अग्रवाल का कहना है कि उनकी खुद की इंडस्ट्री को गर्मी में हर रोज 50 हजार से 1 लाख लीटर पानी रोज लगता है। यह समस्या यहां से सभी उद्योगों की है। इसके चलते उन्होंने जमीन डोनेट करने की पहल की है।

इस बार भी संभावित परेशानी को देखते हुए उन्होंने इसके लिए पहले पालदा औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों से इस संबंध में बात की। इस पर उन्हें बताया गया कि अगर जमीन उपलब्ध हो तो प्रशासन, नगर निगम से समन्वय कर यहां बड़ी पानी की टंकी का निर्माण किया जा सकता है। इससे सारे उद्योगों को पानी मिल सकेगा और समस्याओं का हल निकलेगा।

पानी के साथ बिजली की समस्या से भी मिलेगी राहत

अग्रवाल ने बताया कि पालदा औद्योगिक से लगे अग्रवाल नगर सहित कई टीएनसी अप्रूव्ड कॉलोनी है। यहां उनका 10 हजार वर्ग फीट का प्लॉट पार्किंग के लिए रखा था। यहां हम कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकते लेकिन पानी की टंकी का निर्माण किया जा सकता है। बिजली की भी काफी समस्याएं हैं। बार-बार बिजली जाती है, इसके लिए भी एक यूनिट बनाने के लिए जमीन की दरकार है। यह जमीन दोनों के लिए काम आ सकती है। इस पर मैंने तुरंत निर्णय लिया कि इसे डोनेट की जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा टंकी निर्माण के बाद पानी सप्लाई होने की स्थिति में सभी उद्योगपतियों द्वारा इसका (पानी का) नियमित भुगतान किया जाएगा। मामले में मंत्री चैतन्य कश्यप ने उन्हें आश्वस्त किया कि मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से चर्चा कर अगले छह माह में इसका समाधान निकालेंगे।

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