कर्मचारियों पर हमले के समय उपायुक्त लता अग्रवाल ने चंदन नगर थाने से पुलिस बल भेजने की मांग की थी। इस पर पुलिस अधिकारी ने जवाब दिया कि यदि भीड़ ने थाने पर ही हमला कर दिया तो क्या करेंगे? बाद में निगम अधिकारियों को मदद के लिए ऊपर के अधिकारियों से बात करनी पड़ी।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 26 Dec 2024 10:52:56 AM (IST)
Updated Date: Thu, 26 Dec 2024 11:15:33 AM (IST)
HighLights
- 200 लोगों ने घेर लिया था नगर निगम की टीम को।
- 15 वाहनों समेत ट्रैक्टर में भी की गई तोड़फोड़।
- पशुओं से भरी 2 गाड़ियां छुड़ा ले गए हमलावर।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर नगर निगम टीम पर हुए हमले में नगर निगम के अधिकारी असहाय नजर आए। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। बाद में जब निगम अधिकारी ने पुलिस बल मांगा तो एक थाने से उन्हें जवाब मिला कि भीड़ ने यदि थाने पर हमला कर दिया तो।
इस बीच बजरंग दल घटना में शामिल होने से इन्कार नहीं कर रहा है बल्कि आरोप लगा रहा है कि जमीन के खेल में नेता गोशाला को निशाना बना रहे हैं। घटना के बाद रात करीब आठ बजे नगर निगम ने छुड़ाई गई गायों को वापस बरामद करने टीमों को भेजा।
पुलिस सुरक्षा में गायों को गोशाला भेजा गया
इससे पहले पुलिस सुरक्षा में गायों से भरी एक गाड़ी शासकीय गोशाला भेजी गई। निगम ने कुल 60 से ज्यादा गायें छुड़ाई थीं, करीब 40 गायें हंगामा करने वालों ने छुड़ा ली थीं। बुधवार सुबह नगर निगम की टीम को घेरने वालों की संख्या करीब 200 बताई जा रही है।
प्रकरण दर्ज कराने के लिए भी निगम अधिकारी पसीना-पसीना होते दिखे। निगम अधिकारी शिकायत लेकर कलेक्टर के पास भी पहुंचे। घटना में शामिल होने से बजरंग दल ने इन्कार नहीं किया। बल्कि आरोप लगाए कि तोड़फोड़ खुद निगम वालों ने शुरू की ताकि इसे उपद्रव का रंग दिया जा सके। गायों की दुर्गति से नाराज होकर भीड़ ने निगमकर्मियों को पीटा।
नेताओं की नजर जमीन पर
बजरंग दल के विभाग संयोजक यश बच्छानी ने नईदुनिया से बात करते हुए कहा कि मौके पर मैं और हमारे कार्यकर्ता मौजूद थे। नगर निगम ने जिस तरह से गायों को गाड़ियों में ठूंसकर भरा था, उससे दो गायों के मरने की अफवाह फैली। इस पर हम आक्रोशित हुए। इससे वहां मौजूद अन्य लोगों ने निगम वालों को पीटा।
हमारे कार्यकर्ता रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे और उपायुक्त लता अग्रवाल के रवैये से नाराज हैं। कल्याणे ने वहां भी अभद्रता की थी। निगम के लोगों ने पहले खुद ही अपनी गाड़ी पर हमला करवाया। बाद में गायों की दुर्गति से नाराज कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों में से उन्हें निकालकर गोशाला भेज दिया।
बजरंग दल के संयोजक ने यह भी आरोप लगाया कि दत्त नगर में जिसे अवैध बाड़ा बताया गया वो एक गोशाला है। एक संत इसे संचालित करते हैं। निगम वालों ने उनकी कुटिया भी तोड़ दी, वे रोते रहे। नेताओं की नजर इस गोशाला की जमीन पर है। जमीन हड़पने के लिए यह खेल हो रहा है।
आठ साल पहले हुई थी हत्या
पशुपालकों पर कार्रवाई के दौरान हमले की घटना पहली नहीं है। आठ साल पहले नगर निगम ने स्वच्छता की मुहिम में पशुओं से शहर को मुक्त करने का अभियान छेड़ा था। उस समय बाड़े पर कार्रवाई के बाद एक निगमकर्मी शुभम कुशवाह पर पशुपालकों ने चाकू से हमला कर दिया था। निगमकर्मी की मौत हो गई थी। इसके बाद नगर निगम व प्रशासन ने कार्रवाई कर पशुपालकों के मकान ढहा दिए थे।
पहले भी टाली गई कार्रवाई
निगम ने जिन दो बाड़ों पर बुधवार को कार्रवाई की, उन्हें पहले भी हटाने की कोशिश हुई थी। कम से कम तीन बार कार्रवाई टाली गई। बाड़े के संचालक जय शर्मा ने कहा कि 23 तारीख को कार्रवाई होनी थी, लेकिन नहीं हुई। महापौर से बात हुई थी, उन्होंने थोड़ा समय देने का आश्वासन दिया था। हम तो उनसे मिलने सचिवालय गए थे, उसी दौरान हमारे यहां कार्रवाई हुई। बाद में पुल पर जो घटना हुई, हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है।
गायों को लेने के लिए रात को गाड़ियां भेजी
नगर निगम द्वारा अवैध बाड़ों पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस कमिश्नर से लगातार हम बात कर रहे हैं। थाना परिसर में कुछ गायें खड़ी थीं, उन्हें लेने के लिए रात को गाड़ियां भेजी गईं। -शिवम वर्मा, निगमायुक्त
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