ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य अनंतश्री विभूषित अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज का गुरुवार रात 9.10 बजे इंदौर आगमन हुआ। उनकी अगवानी में पीथमपुर बायपास रोड दिलीप नगर नैनोद स्थित शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य भक्त मंडल के सदस्यों ने उनके चरणों में फू
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शांकर परंपरा के अनुसार सूर्यास्त के बाद शंकराचार्य मौन रख लेते हैं, इसलिए मठ में उनके आशीर्वाचन नहीं हुए, लेकिन भक्त मंडल के सदस्यों न उनका पाद-पूजन कर आरती की और आशीर्वाद लिया।
शंकराचार्यजी की अगवानी करते डॉ. गिरीशानंदजी महाराज
शंकराचार्यजी के मार्गदर्शन में चलें- डॉ. गिरीशानंद जी महाराज
इस अवसर पर शंकराचार्य मठ इंदौर के अधिष्ठाता ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंद जी महाराज ने कहा कि गऊ माता को राष्ट्रीय प्राणी का दर्जा दिलाने के लिए शंकराचार्यजी निरंतर प्रयासरत हैं। उनका यह अथक परिश्रम तभी सार्थक होगा, जब हम सब तन, मन, धन से उन्हें सहयोग करेंगे। केवल दिखावे के लिए प्रणाम करने से, अपने स्वार्थ के लिए या अपने किसी काम के लिए शंकराचार्य से जुड़ने का दिखावा करने से न तो कोई सच्चा सनातनी हो सकता है, न ही उसे आशीर्वाद प्राप्त होता है। आशीर्वाद का भागीदार तो वही होगा, जो शंकराचार्य की दी बात और आह्वान पर जब वे जहां चाहें वहां खड़े होकर सहयोग करें। अपने व्यस्त कार्यक्रम में इंदौर पधारे इसके लिए समस्त इंदौरवासियों की ओर से ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंद जी महाराज ने शंकराचार्यजी के प्रति कृततज्ञता व्यक्त की।
मठ में आगमन पर शंकराचार्यजी के चरणों में फूल बिछाते भक्त।
रात्रि होने के बावजूद बड़ी संख्या में उपस्थित थे भक्त
शंकराचार्यजी की अगवानी और पाद पूजन निखिल पटेल, महेंद्र पटेल, अमित तिवारी, स्वप्निल यादव, जीतू बिजोरिया, राजेश राठौर और शंकराचार्य भक्त मंडल के सदस्यों ने किया। डॉ. गिरीशानंद जी महाराज ने बताया कि प्रदेश के आगर मालवा जिले के सालरिया स्थित श्री कामधेनु गो अभयारण्य से शंकराचार्य जी शाम को रवाना होकर इंदौर पहुंचे।
शंकराचार्यजी के सान्निध्य में मार्गदर्शन देते डॉ. गिरीशानंदजी महाराज
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