देश भर में दीपावली दो दिन मनाई जाएगी, जिसके लिए बाजार सजकर तैयार हो चुके हैं। हर साल की तरह दीपावली पर दीयों की सबसे ज्यादा मांग होती है। इसे लेकर कुम्हार परिवारों द्वारा बनाए गए दीपकों के अलावा गुजरात के फैंसी दीये भी मार्केट में आ चुके हैं।
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डिजाइन वाले दीये ग्राहकों को काफी पसंद आ रहे हैं और ये अलग-अलग रेंज में उपलब्ध हैं। दीप पर्व की तैयारियों में जुटे शहरवासी दीपकों की खरीदी करते नजर आ रहे हैं।
इंदौर के पारंपरिक कुम्हार खाड़ी के प्रजापति परिवार के सदस्य रोजाना अपनी क्षमता के अनुसार चाक पर दीया बनाने में लगे हुए हैं। वहीं, दीपावली को लेकर पारंपरिक मिट्टी के दीपक बाजार में आ चुके हैं और दीया बनाने का कार्य भी जारी है।
अच्छी कमाई की आस में इंदौर के कुम्हार रोजाना बड़ी संख्या में मिट्टी के दीपक बना रहे हैं। इन्हें धूप में सूखाकर बाजार में बेचा जाता है। हालांकि कुछ कुम्हार अपने कच्चे दीयों को पकाकर बाजार में उतार रहे हैं।
दूसरी तरफ इंदौर के अलावा गुजरात के राजकोट में सांचे से बने दीपक भी बड़ी संख्या में इंदौर पहुंचे हैं। शहर के महू नाका इलाके के कई परिवार बड़ी संख्या में ट्रकों से दीपक लाकर इंदौर में बेच रहे हैं। इंदौर के व्यापारियों का कहना है कि मात्र पांच दिन में ही अच्छा खासा व्यापार हो जाता है। व्यापारियों का कहना है कि 1 से 10 रुपए तक की रेंज में दीये उपलब्ध है।
ऑनलाइन भी डिमांड
स्थानीय व्यापारी साजन मंझे बताते हैं कि मार्केट में इस बार अलग-अलग वैरायटी के दीपक लोगों के लिए उपलब्ध हैं, जो ग्राहकों को काफी पसंद आ रहे हैं। ऑनलाइन बुकिंग भी बहुत आ रही है। ऑल इंडिया से बुकिंग मिल रही है। ये लाल मिट्टी के दीपक हैं, जो मेड इन इंडिया हैं। कुछ लोग इन्हें चाइना का समझते हैं, लेकिन ये चाइना के नहीं हैं। ये दीपक राजकोट में बनते हैं।
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