इंदौर में ‘एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन- विज़न 2030’ पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव 2024 सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। इस दौरान सोया इंडस्ट्री की चुनौतियों, अवसरों और नई तकनीकों पर चर्चा हुई। विभिन्न विशेषज्ञों ने तकनीकी सत्रों में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, जिसमें भारत की वैश्विक स्थिति पर भी विचार किए गए।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 15 Oct 2024 07:39:13 PM (IST)
Updated Date: Tue, 15 Oct 2024 07:39:13 PM (IST)
HighLights
- इंदौर में अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव 2024 संपन्न
- थीम: ‘एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन- विज़न 2030’
- सोया उत्पादन में भारत की स्थिति पर चर्चा हुई
इंदौर। ‘एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन- विज़न 2030’ थीम पर आधारित दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया ा कॉन्क्लेव 2024 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 13 और 14 अक्टूबर को आयोजित यह कॉन्क्लेव का सातवां संस्करण था, जिसका उद्देश्य सोया ा इंडस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और नई तकनीकों पर विचार-विमर्श करना रहा। वहीं, भारत में सोया ा इंडस्ट्री की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा इस कॉन्क्लेव का महत्वपूर्ण सार रही।
पहले दिन के सत्रों में फ्यूचर्स ट्रेडिंग पर पैनल चर्चा, ‘एडिबल ऑइल रिफाइनिंग- सस्टेनेबिलिटी तथा ‘सोया ाबीन रिफाइनिंग 2.0: टोकोफेरोल, फाइटोस्टेरोल और सोया ा बाई-प्रोडक्ट्स से कंसन्ट्रेटेड फैटी एसिड्स’ पर टेक्नोलॉजी सेशन, सोपा मॉडल कॉन्ट्रैक्ट और आर्बिट्रेशन नियमों के बारे में जानकारी, स्थायी सोया ा के लिए भारतीय मानकों की भूमिका पर चर्चा, डीडीजीएस और सोया ाबीन इंडस्ट्री पर इसके प्रभाव पर पैनल चर्चा और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, माननीय नितिन गड़करी द्वारा भारत में सोया ा इंडस्ट्री की चुनौतियों और अवसरों पर महत्वपूर्ण सम्बोधन शामिल रहा।
दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस दौरान, तुलसीराम सिलावट, कैबिनेट मंत्री- जल संसाधन विभाग, मध्य प्रदेश शासन, की उपस्थिति दर्ज की गई। वहीं, प्रो. विजय पॉल शर्मा, चेयरमैन, सीएसपी, भारत सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. देविश जैन, चेयरमैन, सोपा; गिरीश मतलानी, सेक्रेटरी, सोपा; और नरेश गोयन्का, डिप्टी चैयरमेन, सोपा; द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए, तुलसीराम सिलावट ने कहा, “हमारे देश की आत्मा गांव में बसती है। हमारा इंदौर स्वच्छता में 7 बार नंबर 1 रहा है और मुझे कहते हुए हर्ष हो रहा है कि सोया कॉन्क्लेव का भी यह 7वां संस्करण है। सोया ा के उत्पादन के मामले में विश्व पटल पर भारत का स्थान दूसरा है।
बेशक, गुणवत्ता के मामले में आज भी हम ही आगे हैं, लेकिन फिर भी मैं उम्मीद करता हूं कि जब हम अगले साल आठवें संस्करण का आयोजन कर रहे होंगे, उस समय चीन को पीछे छोड़कर उत्पादन में भी पहले स्थान पर आ जाएंगे। इंदौर वह धरती है, यह जो भी कुछ करती है अद्भुत करती है, उम्मीद करता हूं कि यह सपना भी यह धरती जल्द ही साकार करेगी।
हमारे देश के तेजस्वी और ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत आने वाले वर्षों में आर्थिक दृष्टि से वैश्विक पटल पर पांचवें से तीसरे स्थान पर आ जाए और आगामी समय में हम विश्व गुरु के रूप में पूरे विश्व का नेतृत्व करें। देश में अन्नदाता हैं, तो हम हैं और सोया ा का संबंध उद्योगपतियों और अन्नदाताओं से ही है।
जितनी बेहतर सुविधाएं मेरे अन्नदाता, मेरे किसानों को मिलेगी, उतनी ही अच्छी इंडस्ट्री मेरे उद्योगपति भाइयों की चलेगी। इसे ध्यान में रखते हुए ही देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अन्नदाताओं के हित में कार्य कर रहे हैं। हमें किसी भी संबंध में विदेश जाने की जरूरत न पड़े, देश में ही इसकी पूरी प्रक्रिया हो, सोपा इस पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।”
इसके बाद टेक्नोलॉजी सेशन आयोजित हुआ, जिसके तहत अजिंक्य चामे (डीवीसी प्रोसेस टेक्नोलॉजिस्ट्स) द्वारा बायो डीज़ल प्रोसेस ऑप्टिमाइज़ेशन पर प्रेज़ेंटेशन दिया गया। दूसरा सेशन एंजाइमेटिक डिगमिंग और तेल उपज बढ़ाने के लिए नए रास्तों पर आधारित था, जिसे ओरे मोरेनो (डीएसएम) ने प्रस्तुत किया। वहीं, तीसरा सेशन एलेक्सी शिवचेंको (अल्फा लेवल) ने लिया, जो कि अल्फा लेवल नावेल डिऑडराइज़ेशन पर आधारित था।
नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श पर आधारित सेशन के साथ ही प्राइस आउटलुक सेशन और मार्केट आउटलुक सेशन कॉन्क्लेव में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। सेशन का संचालन मनीषा गुप्ता, सीएनबीसी आवाज़, ने किया। वहीं, पैनलिस्ट्स के रूप में संजय श्रीमल, संजीव अस्थाना, ए. जानकीरमन, मेहुल अग्रवाल, संदीप गुहा, सुधाकर देसाई, विवेक पाठक, अजय परमार, अमित जैन और अतुल मुंद्रा शामिल रहे।
मार्केट आउटलुक सेशन के अंतर्गत विवेक पाठक (अथीना ट्रेडविंड्स) ने सोया ाबीन ऑइल पर फंडामेंटल आउटलुक विषय पर प्रेज़ेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पिछली तिमाही में बाजार की अस्थिरता में भू-राजनीतिक तनाव, मौसम की परिस्थितियाँ और माँग के उतार-चढ़ाव के पैटर्न मुख्य कारक हैं।
पाम ऑइल, सोयााबीन ऑइल और सनफ्लॉवर ऑइल पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसमें से पाम ऑइल की लागत उच्चतम है। वहीं, के.एन. रहमान (ग्रीनलीफ रिसर्च) ने सोया ाबीन पर फंडामेंटल आउटलुक के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए। उन्होंने बताया कि वैश्विक खपत में 62% हिस्सेदारी के साथ सोया ाबीन अग्रणी है।
वैश्विक तेल उत्पादन में सोया ा ऑइल की हिस्सेदारी पाम ऑइल के बाद 28% है। अगले वर्ष विश्व भोजन उत्पादन में 1 एमएमटी की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके बाद क्रॉप आउटलुक सेशन के दौरान सोपा द्वारा प्रस्तुत सोया ाबीन फसल अनुमानों के साथ व्यापार और उद्योग से फसल आँकड़े साझा किए गए।
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2024-10-15 14:09:13