0

इंदौर में ऐतिहासिक पल, दो मुनियों को मिली आचार्य पदवी: हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ समारोह, 150 से अधिक साधु-साध्वी रहे मौजूद – Indore News

इंदौर के दलालबाग स्थित आगमोद्धारक नगरी में बुधवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जहां दो मुनियों को आचार्य पदवी से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 15,000 से अधिक धर्मावलंबियों और 150 से अधिक साधु-साध्वियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी भव्य बना

.

आचार्य पदवी की घोषणा के साथ ही पूरा परिसर जिनशासन के जयकारों से गूंज उठा। श्रावक-श्राविकाओं ने अक्षतों की वर्षा कर नव-आचार्यों का स्वागत किया। विशेष रूप से, आचार्य जिन-हेमचंद्रसागर सूरि जी महाराज ने नव-आचार्यों को सात उपकरण भेंट किए।

यह आयोजन पद्मानंद आचार्य पद प्रदान महोत्सव समिति, श्री श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट रेसकोर्स रोड इंदौर, श्री नवकार परिवार एवं समग्र जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ इंदौर व मालवांचल मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित किया गया। महोत्सव के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश बगानी, यशवंत जैन, प्रवीण गुरुजी, जयंत खाबिया, महेंद्र जैन और कीर्ति डोशी की देखरेख में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

नए आचार्यों को नमन करते मंत्री कैलाश विजयवर्गीय

विशेष बात यह है कि दोनों नव-आचार्यों ने सूरी मंत्र का वाचन और पंच प्रस्थान यात्रा की विशेष साधना के साथ 36 आयम्बिल का कठिन तप भी किया। इंदौर के लिए यह क्षण और भी खास है क्योंकि दोनों मुनियों का जन्म, शिक्षा और दीक्षा भी इंदौर में ही हुई है। महासुदी दसवीं का यह दिन इंदौर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है।

40 हजार स्के फीट में बनाए गए पांडाल में समवशरण की स्थापना की गई चौ मुखी नंदीश्वर पर जिन शासन देव को विराजित किया गया जिनकी उपस्थिति में अनुष्ठान करते हुए आचार्य पदारोहण हुआ। पदारोहण के पश्चात पांडाल में आचार्य पद्मचंद्रसागर सूरिश्वरजी एवं आचार्य आनंदचंद्रसागर सूरिश्वरजी मसा का उद्घोष भी किया गया।

समारोह में उपस्थित श्रद्धालु

समारोह में उपस्थित श्रद्धालु

गुरु से उपहार में मिला मंत्र और सात प्रकार के उपकरण किए भेंट

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित कई गणमान्य नागरिक पहुंचे। नवाचार्यों को आचार्य जिन हेमचंद्र सागर सूरि महाराज से उपहार स्वरूप सात प्रकार के उपकरण जिसमें कमली, आसन, डंडा, माला आदि भेंट स्वरूप मिले। फिर आचार्य महाराज ने नामकरण करने के साथ ही केसर से कान और मस्तक पर तिलक किया व सोने के वर्क को मस्तक पर लगाया। आयोजन में पुखराज बंड़ी, अभय गुरुजी, विपिन सोनी, महेंद्र गुरुजी, मनीष सुराणा, अरविंद चौरडिय़ा, शरद शाह, सोमिल कोठारी, मोहित बागरेचा सहित हजारों समाज बंधु उपस्थित थे। आचार्य पद प्रदान महोत्सव में मोहनलाल, राजेन्द्र कुमार, चन्द्रप्रकाश,नरेन्द्र कुमार, महावीर कुमार, अनिलकुमार, आराध्य जैन, धूपिया परिवार, राजपुर, कोटा (राज.) (चरित्रचन्द्र म.सा. सांसारिक मामा परिवार) अनिलकुमार जैन पूर्व विधायक, झालावाड़ आदि ने सेवाएं दीं। समारोह का संचालन विपिन सतावत – चैन्नई, प्रवीण गुरुजी (इंदौर) ने किया। पूरे आयोजन को सिंगर अनीश राठौड़, संयम राठौड़ ने सुरों से सजाया।

गुरु को नमन करते नए आचार्य

गुरु को नमन करते नए आचार्य

500 सेवको ने वात्सल्य भोज की जिम्मेदारी

30 हजार वर्ग फीट में लगभग 15 राज्यों से पधारे आमंत्रितों के लिए भोजन व्यवस्था की गई। 1500 धर्मावलंबियों ने एक साथ बैठकर स्वामी वात्सल्य किया। इन सभी की व्यवस्थाओं के लिए 500 से अधिक स्वयं सेवकों ने वात्सल्य भोज की जिम्मेदारी संभाली। इसमें श्री श्वे.जैन तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट, रेसकोर्स रोड़ इंदौर, श्री शिखरचंदजी प्रकाश बांगानी परिवार, कांताबेन नंदलाल डोसी परिवार, नाथुलाल मानमल सोनी परिवार, सुभद्राबेन बाबूलाल शाह परिवार , पुखराज नितिनजी बंडी परिवार , राजेश पुखराज , मनीष मुटाणा परिवार, दिलीप अंकित सी. जैन परिवार, जावंतराज भंडारी परिवार, जयसिंह टीना जैन (टांडावाला) परिवार, विपिन श्रेयांस कोचर परिवार, महेन्द्र, बडऩगर, यशवंत जैन परिवार जयंतीलाल , श्रीश्रीमाल परिवार, जमुबेन जयवंतलाल शाह परिवार, भरत दीपक कोठारी परिवार सहभागी रहे।

आचार्य पद का विधान पूर्ण करते नए आचार्य

आचार्य पद का विधान पूर्ण करते नए आचार्य

यह यश का नहीं जागृति का अवसर

एक मुनि से आचार्य पद बहुत जवाबदारी का पद होता। जागृति का अवसर होता है। एक मुनि के जीवन में यह यश का नहीं बल्कि जागृति का अवसर होता है। जिसने शासन के विस्तार कों और आगे ले जाने कि चुनौती कों स्वीकारना होता है। आचार्य पद प्रदान करते हुए यह उदगार हेमचंद सागर सूरी जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि नमक, घी, तेल, दूध, दही, शहद, शक्कर का त्याग कर आयम्बिल करते हैं। सही तरह से अब नंदी सूत्र के जाप, श्रवण की जिम्मेदारी आचार्य को उठानी होगी। आज से उनकी परीक्षा समाज को तैयार करने की शुरू हो जाएगी, पदवी देते हुए आचार्य हेमचंद्र सागर महाराज ने दोनों आचार्य को सिंहासन पर बैठाया। साधु साध्वियों ने अक्षत और चंदन चूर्ण से आशीर्वाद दिया।

#इदर #म #ऐतहसक #पल #द #मनय #क #मल #आचरय #पदव #हजर #शरदधलओ #क #मजदग #म #हआ #समरह #स #अधक #सधसधव #रह #मजद #Indore #News
#इदर #म #ऐतहसक #पल #द #मनय #क #मल #आचरय #पदव #हजर #शरदधलओ #क #मजदग #म #हआ #समरह #स #अधक #सधसधव #रह #मजद #Indore #News

Source link