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इंदौर में डॉक्टर से 3 करोड़ की ठगी, चार गुना प्रॉफिट के लालच में Fake Trading App में गंवाए रुपये

इंदौर के डॉक्टर मोहन सोनी साइबर ठगी के शिकार होकर 3 करोड़ 4 लाख रुपये गंवा बैठे। विदेशी नंबरों से संचालित व्हाट्सएप ग्रुप और फर्जी पोर्टफोलियो के जरिए ठगों ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करवा दिया। धोखेबाजों ने कर, बीमा और अन्य बहानों से 64 बार ट्रांजेक्शन करवाकर रकम ऐंठ ली।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Fri, 10 Jan 2025 08:56:11 PM (IST)

Updated Date: Fri, 10 Jan 2025 09:06:17 PM (IST)

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नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश की राशि चारगुना करने लालच में डॉक्टर ने 3 करोड़ 4 लाख रुपये गवां दिए। साइबर अपराधियों ने डॉक्टर को विदेशी नंबरों से संचालित एक वाट्सएप ग्रूप से जोड़ा और उनके नाम से फर्जी पोर्टफोलियो भी बना लिया। अपराध शाखा मामले की जांच में जुटी है।

कईं बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच चल रही है। एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक धोखाधड़ी एलआइजी कॉलोनी निवासी 53 वर्षीय डॉक्टर मोहन सोनी के साथ हुई है।

फेक ट्रेडिंग कंपनी

इसकी शुरुआत पिछले वर्ष 9 अगस्त को फेसबुक के माध्यम से हुई थी। इसके बाद आरती उर्फ आरु भट्ट ने कॉल लगाए और एक लिंक भेज कर डॉक्टर का वेबबुल ट्रेडिंग कंपनी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा दिया। डॉक्टर ने ऑनलाइन निवेश शुरु किया और उनके नाम से बने वालेट में चारगुना राशि नजर आने लगी।

विश्वास में आकर किए करोड़ों निवेश

डॉक्टर ने दो बार रुपये निकाले तो आसानी से खाते में बैलेंस आ गया। इससे कंपनी पर विश्वास कर आरु के कहे अनुसार एक करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश कर दिए। पिछले साल दीपावली पर डॉक्टर ने रुपये निकालने का प्रयास किया मगर ग्राहक सेवा केंद्र द्वारा बताया कि मुनाफा का 30 प्रतिशत आयकर टैक्स देना पड़ेगा। कंपनी इसकी रसीद देगी जो भारत में भी मान्य होगी।

आरबीआई द्वारा फ्रीज कराने की बात

डॉक्टर ने आरोपितों की बातों में आकर 55 लाख रुपये जमा करवा दिए। इस बार आरु ने डॉक्टर से कहा कि वेबबुल कंपनी द्वारा तो रुपये ट्रांसफर कर दिए मगर भारतीय रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी। रुपयों के लिए 30 लाख रुपये जमा कर ग्रीन चैनल ओपन करना होगा।

घबराहट में 30 लाख रुपये भी जमा करवाए

ऐसा न करने पर खाते में जमा रुपये डूब जाऐंगे। डॉक्टर ने घबराहट में 30 लाख रुपये भी जमा करवा दिए।आरोपितों ने तीसरी बार डिजिटल करंसी एंड फंड एग्रीमेंट,डिजिटल करंसी एंड फंड सिक्युरिटी के नाम से 17 लाख 816 रुपये जमा करवाए।

खाते में जमा रुपयों का बीमा का झांसा देकर 25 लाख ऐंठे

आरोपितों ने कहा कि खाते में जमा रुपयों का इंटरनेशनल ब्लाक चेन सर्वर सिक्युरिटी बीमा करवाना पड़ेगा। वरना खाता और रुपये समाप्त कर देंगे। डॉक्टर 9 अगस्त से 29 नवंबर तक कुल 3 करोड़ 4 लाख रुपये आरोपितों द्वारा बताए खातों में जमा करवाते गए।

डॉक्टर ने इंडसइंड, यस बैंक और एसबीआई से 64 बार ट्रांजेक्शन किया। रुपये जमा करवाने के बाद बेटे सोमित्र को घटना बताई और नेशनल साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत की। नोडल एजेंसी क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को मामले में केस दर्ज कर लिया।

स्पूफ कॉलिंग से कारोबारी को 70 लाख रुपये चपत

साइबर अपराध की चौकाने वाली घटना सामने आई है। अपराधियों ने स्पूफ कॉलिंग के माध्यम से एक कारोबारी के 70 लाख रुपये निकाल लिए। आरोपितों ने अकाउंटेंट का हूबहू आवाज में कॉल लगाया था। हालांकि तुरंत एक्शन में आइ क्राइम ब्रांच ने आरोपितों का खाता फ्रीज कर रुपये बचा लिए।

एडिशनल डीसीपी(अपराध)राजेश दंडोतिया के मुताबिक फरियादी शेयर ब्रोकिंग फर्म का संचालक है। उसने पुलिस को बताया कि आरोपितों ने अकाउंटेंट को वाट्सएप कॉल लगाया था। डिस्प्ले पर फोटो और नंबर भी फर्म संचालक के नंबर थे और नाम भी सही था। उसने इमरजेंसी बता कर 70 लाख रुपये ट्रांसफर करने के निर्देश दिए।

अकाउंटेंट धोखे में आ गया और आरोपितों द्वारा बताए खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद उसने रिटर्न कॉल लगाया तो संचालक ने बताया उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। उसने रुपये ट्रांसफर करने के लिए कॉल नहीं लगाया। मामले की साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत की गई। पुलिस ने तत्काल खाते फ्रीज कर रुपये बचा लिए।

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