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इंदौर में भीख देने पर अब नहीं दर्ज होगी एफआईआर, मंदिरों के बाहर फिर दिखने लगा भिक्षुकों का जमावड़ा

इंदौर में भीख देने और लेने पर प्रतिबंध हटा लिया गया है। इसके बाद मंदिरों के बाहर भिक्षुकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। भिक्षा मुक्त इंदौर अभियान के तीसरे चरण में भिक्षा मांगने और देने वाले आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया था।

By Sanjay Rajak

Publish Date: Thu, 06 Mar 2025 09:52:26 AM (IST)

Updated Date: Thu, 06 Mar 2025 10:00:00 AM (IST)

इंदौर में भीख देने पर अब नहीं दर्ज होगी एफआईआर, मंदिरों के बाहर फिर दिखने लगा भिक्षुकों का जमावड़ा
दास बगीची और रीगल क्षेत्र में बैठे भिक्षुक।

HighLights

  1. भिक्षा मुक्त इंदौर अभियान का तीसरा चरण समाप्त।
  2. इंदौर कलेक्टर के आदेश के बाद भिक्षुकों पर सख्ती।
  3. भिक्षा मुक्त अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखे।

संजय रजक, नईदुनिया, इंदौर। इंदौर जिले में अब भिक्षा मांगने और देने वाले पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होगा। इसे लेकर दो जनवरी को जारी किया गया कलेक्टर का आदेश 28 फरवरी का समाप्त हो गया है। इसके बाद एक बार फिर भिक्षावृत्ति नजर आने लगी है। शनिवार, मंगलवार आदि विशेष दिनों में मंदिरों के बाहर भिक्षुकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।

भिक्षा मुक्त इंदौर अभियान के तीसरे चरण में भिक्षा मांगने और देने वाले आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किया था। दो जनवरी से 28 फरवरी तक हुई सख्ती में तीन लोगों के खिलाफ भिक्षा देने और लेने पर प्रकरण दर्ज हो चुका है।

देश-विदेश तक हुई सराहना

भिक्षा मुक्त अभियान की सराहना देश-विदेश तक हो चुकी है। महिला व बाल विकास विभाग द्वारा भिक्षा मुक्त इंदौर अभियान की शुरुआत गत वर्ष की गई थी। पहले चरण में जागरूकता अभियान चलाकर भिक्षुकों को समझाइश दी गई।

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इसके बाद भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का रेस्क्यू किया गया। इसमें 700 वयस्कों को सेवाधाम आश्रम भेजा गया है। वहीं भिक्षावृत्ति से जुड़े 60 से अधिक बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवाया गया। अभियान में सख्ती बरतने के लिए कलेक्टर ने दो जनवरी से 28 फरवरी तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया था।

इसमें भिक्षुकों को भिक्षा के रूप में कुछ भी देने पर और उनसे किसी तरह की सामग्री क्रय करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज की बात कही गई थी। इसका असर यह हुआ कि इंदौर में भिक्षावृत्ति तकरीबन पूरी तरह से बंद हो गई थी।

28 लोग हो चुके सम्मानित

इसी अभियान में प्रशासन ने नवाचार किया था। भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की सूचना देने पर एक हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा भी हुई। इसके बाद प्रशासन को हर दिन काल आना शुरू हो गए। अब तक प्रशासन 28 लोगों को एक हजार रुपये देकर सम्मानित कर चुका है।

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अभियान से जुड़ी बड़ी बातें

  • सूचना देने वाले 28 लोग हो चुके सम्मानित
  • 60 से अधिक बच्चे भिक्षावृत्ति छोड़ शिक्षा से जुड़े
  • 700 से अधिक भिक्षुकों का हो चुका है रेस्क्यू
  • 400 से ज्यादा काल आ चुके भिक्षुकों की सूचना वाले

तुरंत रेस्क्यू किया जा रहा है

भिक्षा मुक्त अभियान के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इक्का-दुक्का जगह पर भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की सूचना भी मिल रही है, जिन्हें तुरंत रेस्क्यू किया जा रहा है। – राम निवास बुधौलिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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