इंदौर की वंदना ठाकुर ने जीवन की तमाम मुश्किलों का सामना कर, बॉडीबिल्डिंग में अपनी मेहनत और संघर्ष से एक नई पहचान बनाई है। अब, उन्हें इंदौर स्वच्छता मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है, जहां वह शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम करेंग
.
वंदना की कहानी न सिर्फ खेल की दुनिया में सफलता की मिसाल है, बल्कि यह जीवन में कठिनाइयों को पार करने और किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा भी देती है।
पिता के निधन के बाद, जब वह मात्र 13 साल की थीं, और मां भी कैंसर से जूझते हुए उन्हें अकेला छोड़ गईं, तब वंदना ने अपने सपनों के लिए बिस्किट बेचने के साथ-साथ अगरबत्तियां भी बनाई। आर्थिक तंगी के बावजूद, पढ़ाई जारी रखने के लिए रद्दी दुकानों से किताबें और नोटबुक्स लीं, जिनके पन्नों को रबर से मिटाकर फिर से उपयोग किया।
इसके बाद, जब सेना में जाने का सपना टूट गया, तो वंदना ने अपनी दिशा बदली और पावर लिफ्टिंग के साथ-साथ बॉडीबिल्डिंग में सफलता हासिल की।
वंदना ने हालही में मालद्वीप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
दैनिक भास्कर ने वंदना ठाकुर से बातचीत की, ऐसी हैं उनके संघर्ष और प्रेरणा से भरे जीवन की कहानी…
बचपन में ही माता-पिता काे खो दिया
वंदना के जीवन में संघर्ष की शुरुआत बचपन में ही हो गई थी। वो बताती है मेरे पिता, कमल सेन ठाकुर, फौज में सूबेदार थे, लेकिन जब मैं 13 साल की थी, तब उनका निधन हो गया। 16 साल की उम्र में कैंसर से जूझ रही मेरी मां ज्योत्सना भी हमें छोड़ गईं।
अकेली होने के बाद जिंदा रहने और दो वक्त के खाने के लिए जूनी इंदौर में गोली-बिस्किट की छोटी सी दुकान खोल ली। अगरबत्ती भी बनाई। रद्दी और कबाड़ की दुकान से किताबें और नोटबुक लेकर पढ़ाई की।
रद्दी वालों से नोटबुक लेकर उनके लिखे पन्नों को रबर से मिटाकर फिर से उस पर नोट्स लिखे। पढ़ाई में होशियार होने के बावजूद बड़ी मुश्किल से मैं 12वीं तक ही पढ़ पाई।
वंदना मध्यप्रदेश की पहली फीमेल बॉडी बिल्डर है।
पिता की तरह फौज में जाने का सपना था
वंदना बताती है कि उनका फौज में जाने का सपना था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी और फौज में जाने का सपना भी अधूरा रह गया।
वो कहती है “इसके बाद मैंने स्पोर्ट्स के जरिए देश का नाम रोशन करने की ठानी। पावर लिफ्टिंग में कुछ मैडल भी जीते, लेकिन मुझे वह सफलता नहीं मिली, जिसकी मैं तलाश कर रही थी। इसके बाद मैंने सबसे हटकर करने की सोच के साथ गुरु अतिन तिवारी के मार्गदर्शन में बॉडीबिल्डिंग शुरू की, जिसके बाद कई प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल कर अपना नाम बनाया।”
वो कहती है, “वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैं अतुल मलिक, राम सर, नेहा गौर और अतिन तिवारी के सहयोग से पहुंच सकी।”
मिल चुकी है कई सफलताएं
वंदना ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी मेहनत और लगन से भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने हाल ही में इंडोनेशिया के बाटम में आयोजित एशियन बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप 2024 में सिल्वर मेडल जीता।
इसके अलावा, उन्होंने एशियन बॉडीबिल्डिंग में सिल्वर और राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में दो बार कांस्य और दो बार रजत पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया है।
वंदना ने इंदौर स्वच्छता मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर नगर निगम का धन्यवाद किया है।
उन्होंने कहा, “स्वच्छता केवल सफाई कर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मैं सभी इंदौरवासियों से अपील करती हूं कि अपने शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में अपना योगदान दें। अगर हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तो हमारा इंदौर न केवल स्वच्छता में नंबर 1 बना रहेगा, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा।”
मुझे जीत की जिद है
वंदना अपने गोल्ड का सपना साकार करने के लिए लगातार जिम में कड़ी मेहनत करती हैं। उनका सपना है कि वह इंदौर को नंबर 1 बनाए रखें और पूरी कोशिश करेंगी कि इंदौर आठवीं बार भी स्वच्छता में नंबर 1 बने।
वो कहती हैं “मुझे जीत की जिद है, जिद के दम पर मैं अपना सहयोग करूंगी।” वो आगे कहती हैं “पूरा प्रयास रहेगा कि मैं देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आऊं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मैं पहले इसे हासिल नहीं कर पा रही थी, लेकिन नगर निगम के सहयोग से अब मैं गोल्ड मेडल ला सकूंगी।”
हर महीने 40 हजार सिर्फ डाइट का खर्च
वंदना का मानना हैं कि कोई भी खेल हो उसमें डाइट का सबसे अघिक योगदान होता है। वंदना रोजाना 3 घंटे सुबह और एक घंटा शाम को वर्कआउट करती हैं। उनका वजन करीब 60 किलो है। उनके डाइट में शामिल अंडे से लेकर कई तरह के फाइबर और प्रोटीन का खर्च करीब 40 हजार रुपए महीने होता है। यह खर्च वे जान पहचान वालों और खेल प्रेमियों की मदद से पूरा कर पाती हैं।
#इदर #सवचछत #मशन #क #बरड #एमबसडर #वदन #क #कहन #बचपन #म #मबप #क #खय #पढ़ई #पर #करन #बच #अगरबतत #क #पहल #लड #बडबलडर #बन #Indore #News
#इदर #सवचछत #मशन #क #बरड #एमबसडर #वदन #क #कहन #बचपन #म #मबप #क #खय #पढ़ई #पर #करन #बच #अगरबतत #क #पहल #लड #बडबलडर #बन #Indore #News
Source link