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इनकम टैक्स का चपरासी निकला ठग, इंदौर की युवती को किया था Digital Arrest | digital arrest case indore Income tax peon turned out to be a fraud had digitally arrested a girl

इंदौर की सॉफ्टवेयर डेवलपर युवती को डिजिटल अरेस्ट कर 12.10 लाख रुपए की ठगी करने वाले ठगोरे के. कृष्ण कुमार को क्राइम ब्रांच ने शनिवार को तेलंगाना के साइबराबाद से गिरफ्तार कर लिया। वह इनकम टैक्स विभाग में चपरासी के पद पर काम करता है। मास्टरमाइंड हैदराबाद का जय सिन्हा है। उसे 6 राज्यों की पुलिस ढूंढ़ रही थी। के. कृष्ण और जय दोनों रूम पार्टनर हैं।

धोखे का ऐसा जाल कि 111 खातों में घूमता रहा पैसा

ठगोरों ने धोखे का ऐसा जाल बुना था कि लूटे रुपए एक-दो नहीं, 111 खातों में घूमते रहे। पुलिस ने सभी 111 खाते फ्रिज कराए। फिर भी 6 लाख रुपए ही वापस करा सकी। अब तक पुलिस इस केस में राजस्थान के झालावाड़ से आनंद कुमार को समेत दो को गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें, पुलिस ने हाल ही में भोपाल में परिचितों की जागरुकता से दुबई के उद्यमी व टेलीकॉम इंजीनियर को लुटने से बचाया था। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया, ठग से पूछताछ हो रही है।

मास्टरमाइंड..कभी बना कूरियर कर्मचारी, कभी इंस्पेक्टर

डिजिटल अरेस्ट की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड हैदराबाद का जय सिन्हा है। उसने ठगी के लिए फोन पर कई रूप बदले। एडिशनल डीसीपी ने बताया, सॉफ्टवेयर डेवलपर युवती को 25 मई को अनजान नंबर से कॉल आया था। जय ने खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर अंधेरी ईस्ट मुंबई का कर्मचारी राजेश वर्मा बताया।

कहा- आपके नाम का पार्सल मुंबई से ताइवान बुक हुआ। मना करने पर बोला-पार्सल पर रिसीवर का नाम जेंग ली, निवासी ताइवान लिखा है। पार्सल में 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 5 किलो कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और 1 लैपटॉप है। इसके बाद इंस्पेक्टर बनकर कहा, चार घंटे में मुंबई आ जाओ। नहीं तो ड्रग्स तस्करी का केस लगा देंगे।

सॉफ्टवेयर डेवलपर ने असमर्थता जताई तो स्काईप वीडियो कॉल पर जोड़ लिया। इस बार जय सिन्हा डीसीपी बाल सिंह राजपूत बन गया। डराने के बाद कहा, आप सही हो तो डरो मत, आपको केस से निकाल लेंगे। ठगों ने बैंक खाते से 12.35 लाख रुपए की जानकारी ली और जांच के बाद लौटा देने की बात कह रुपए ट्रांसफर करा लिए।

तकनीक से ही दी ठगोरों को मात

जांच में खातों से पुलिस तेलंगाना में वीवीएम इंटरप्राइजेज कंपनी तक पहुंच गई। वहां पहुंची तो पता चला, कंपनी और बैंक खाता दोनों फर्जी है। फिर ईमेल से जुड़ा एक फोन नंबर मिला। जांच की तो नंबर इनकम टैक्स विभाग के चपरासी के. कृष्ण कुमार का निकला। पूछताछ में उसने पूरा राज उगल दिया।

डर की ऐसी दुकान

ठगोरे लोगों को नशीले पदार्थ, नकली पासपोर्ट, फर्जी सिम से अवैध लेन-देन की कहानियां ेसे डराते हैं। कह्रश्वयूटर, मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करा जांच के नाम पर घंटों बैठाते हैं। वीडियो कॉल में सीबीआइ, ईडी अफसर जैसे दिखते हैं और डराकर रुपए ट्रांसफर करा लेते हैं।

बदलाव की शुरुआत

परिचित की पहल पर पुलिस ने लुटने से बचाया भोपाल में टेलीकॉम इंजीनियर प्रमोद कुमार को 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। 3.5 लाख मांगे, सहकर्मियों को आशंका हुई और पुलिस की मदद से बचा लिया। राजधानी के अरेरा कॉलोनी में दुबई के उद्यमी विवेक ओबेरॉय 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहे।

मिलने आए परिचित को ऑनलाइन जांच पर आशंका हुई, पुलिस की मदद से बचाया। इंदौर में शनिवार को पत्नी की जागरूकता से इंश्योरेंस एडवाइजर लुटने से बचा। ठगों ने एडवाइजर को कॉल कर फोन नंबर बंद करने की बात कही। डराया, घर से निकालकर होटल में रुकवाया। शक हुआ तो पत्नी ने पुलिस की मदद ली।

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