मंजू पत्नी जीतू निवासी बनवार को ब्लीडिंग होने पर स्वजन मंगलवार दोपहर 12 बजे इलाज के लिए प्रसूति गृह मुरार लेकर पहुंचे थे।रात में नर्सिंग स्टाफ ने डाक्टर न होने की बात कहकर स्वजन को सुबह आने के लिए बोल दिया।शनिवार को मंजू के प्रसूतिगृह मुरार पहुंचने पर भी स्टाफ ने उसे भर्ती नहीं किया। ऐसे में मंजू की तबीयत बिगड़ती चली गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ी।
By Anoop Bhargav
Publish Date: Thu, 24 Oct 2024 12:07:38 PM (IST)
Updated Date: Thu, 24 Oct 2024 12:07:38 PM (IST)
HighLights
- उपचार के लिए प्रसूति गृह लेकर पहुंचे थे स्वजन
- पति ने कहा समय पर इलाज मिलता तो बच जाती जान
- प्रसूति गृह में बरती गई लापरवाही को लेकर स्वजन आक्रोशित थे
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। तीन माह की गर्भवती स्वास्थ्य सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता के कथित दावों में इधर से उधर ठेली जाती रही। अंतत: समय पर इलाज न मिलने के चलते उसने दम तोड़ दिया। मृतक महिला के पति ने कहा कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो उसकी पत्नी की जान बच सकती थी। डाक्टर तो उसे देखने तक नहीं आए। मंजू पत्नी जीतू निवासी बनवार को ब्लीडिंग होने पर स्वजन मंगलवार दोपहर 12 बजे इलाज के लिए प्रसूति गृह मुरार लेकर पहुंचे थे।
मंजू को भर्ती करने के लिए स्वजन दोपहर से लेकर रात तक चकरघिन्नी होते रहे। रात में नर्सिंग स्टाफ ने डाक्टर न होने की बात कहकर स्वजन को सुबह आने के लिए बोल दिया। इसके बाद स्वजन मंजू को गांव वापस लेकर चले गए। रात में तबीयत ज्यादा खराब होने पर सुबह पांच बजे मंजू को स्वजन दोबारा प्रसूति गृह मुरार लेकर पहुंचे। शनिवार को मंजू के प्रसूतिगृह मुरार पहुंचने पर भी स्टाफ ने उसे भर्ती नहीं किया। ऐसे में मंजू की तबीयत बिगड़ती चली गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके बाद आनन-फानन में उसे उपचार दिया गया, लेकिन उस समय तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
शरीर में नहीं बचा था खून
मंजू उम्र (24) को ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण शरीर में खून की मात्रा काफी कम रह गई थी। यही वजह उसकी मौत का कारण बनी, लेकिन प्रसूति गृह में उसे समय रहते उपचार मिल जाता, तो उसकी जान बच सकती थी। प्रसूति गृह में बरती गई लापरवाही को लेकर स्वजन आक्रोशित थे।
हंगामे के डर से बुलाई
पुलिस प्रसूति गृह मुरार में गर्भवती मंजू की मौत होने के बाद हंगामे के डर से अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को मौके पर बुला लिया। पुलिस के पहुंचने पर मृतिका के स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। ऐसे में दस्तावेजी कार्रवाई पूरी कर वह शव लेकर गांव रवाना हो गए। मृतिका के पति जीतू ने बताया कि डाक्टर और स्टाफ की लापरवाही के कारण पत्नी की जान गई है। मासूम दो बच्चे बिन मां के रह गए।
जांच के लिए बनाई कमेटी
इस मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डा. सचिन श्रीवास्तव ने डा. दीपाली माथुर की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी है जो मामले की जांच कर सीएमएचओ को अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
महिला गंभीर हालात में आई थी। उसे उपचार के लिए भर्ती कर लिया था, लेकिन ब्लीडिंग ज्यादा होने के चलते उसकी मौत हो गई। हमने स्वजन से पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
-डा. आरके शर्मा, सिविल सर्जन।
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