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इस्कॉन बांग्लादेश के चिन्मय प्रभु गिरफ्तार: उन पर देशद्रोह का केस, ढाका के आजादी स्तंभ पर आमी सनातनी लिखा भगवा ध्वज फहराने का आरोप

ढ़ाका8 मिनट पहले

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बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को उठा रहे थे। - Dainik Bhaskar

बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को उठा रहे थे।

बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को सोमवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस है। चिन्मय प्रभु के सहायक आदि प्रभु ने बताया कि उन्हें ढाका के मिंटू रोड स्थित डीबी कार्यालय ले जाया गया, लेकिन यह साफ नहीं है कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया।

बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, चिन्मय प्रभु ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे, यहीं से उन्हें डिटेक्टिव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि डीबी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें माइक्रोबस में बैठाकर ले गए।

चिन्मय प्रभु को चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों के विरोध में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराने का आरोप

25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में नातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी, इस दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर आमी सनातनी लिखा हुआ था। इसे लेकर चिन्मय कृष्ण दास पर राष्ट्रीय झंडे की अवमानना और अपमान करने का आरोप लगाया गया है।

बांग्लादेश के चटगांव में आजादी स्तम्भ पर भगवा ध्वज लगाया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया।

बांग्लादेश के चटगांव में आजादी स्तम्भ पर भगवा ध्वज लगाया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया।

इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ था बांग्लादेश में सत्ता संग्राम के दौरान 6 अगस्त को बांग्लादेश के खुलना जिले में एक इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया गया था। इसमें भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को जला दिया गया था। इस हमले के बाद चिन्मय दास ने कहा था कि चटगांव में तीन अन्य मंदिरों पर भी खतरा है।

हिन्दू समुदाय मिलकर उनकी सुरक्षा में लगा है। दास का कहना था कि हिंसा से बचने के लिए हिन्दू त्रिपुरा और बंगाल के रास्ते भारत में शरण ले रहे हैं। चिन्मय दास हिन्दू मंदिरों की सुरक्षा के मुद्दे को काफी समय से उठाते रहे हैं।

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में हुई थी रैली

बांग्लादेश में पिछले दिनों सरकार गिरने के बाद से ही अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। अगस्त में बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के 205 मामले सामने आए थे। इसके विरोध में चटगांव में रैली का आयोजन किया गया था। अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद से अल्पसंख्यकों से जबरन इस्तीफा दिलवाने के मामले भी सामने आए थे।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के मुताबिक देश में नई सरकार के गठन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 49 शिक्षकों से इस्तीफे ले लिए गए थे।

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