रतलाम में ई-बाइक हादसे में 11 वर्षीय बालिका की मौत के बाद से पूरा परिवार सदमें में है। हादसे के बाद से परिवार के सदस्य टेंट में रहने को मजबूर है। परिजनों का इस बात का गम है कि हादसे के बाद ना तो किसी जनप्रतिनिधि ने पूछा और नहीं जिला प्रशासन ने। आंखों
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शहर के पीएंडटी कॉलोनी में शनिवार रात हुए हादसे के बाद से परिजनों के साथ पड़ोसी उस रात को भूल नहीं पा रहे है। पीड़ित परिवार का घर का सारा सामान जल कर राख हो चुका है। परिजन घर के सामने टेंट के अंदर रह रहे है। खाने-पीने से लेकर कपड़े व आर्थिक मदद पड़ोसी कर रहे है।
हादसे के बाद दैनिक भास्कर ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचा। पुलिस ने घर का ताला खोल दिया है। पड़ोसियों की मदद से घर की मरम्मत, साफ-सफाई व रंगाई-पुताई कराई जा रही है। जिस कमरे में ब्लास्ट हुआ था वहां पर जमीन पर लगी फर्शियां तक उखड़ चुकी है। परिजनों को घर में आकर रहने में अभी लगभग एक सप्ताह लगेगा। दिन में परिजन टेंट में रह रहे है। पड़ोसियों ने रूम दिया है जिसमें रात में महिलाएं रूक रही है। पुरुष घर के सामने ही टेंट में सो रहे हैं। हादसे वाली रात का खौफ आज भी परिवार के सदस्यों में है।
घर की बेटिया उस रात के हादसे को अभी तक नहीं भूल पाई है।
रात में ही चार्जिंग का बटन बंद करते थे पापा
उस रात के हादसे को बताते हुए घर के मुखिया भागवत मोरे की बेटी वैशाली चौधरी की आंखों में आंसू आ जाते है। वैशाली ने बताया उस रात सब घर में सो रहे थे। पापा ई-बाइक को डेली रात 11 बजे चार्जिंग पर लगाते थे। रात 1 बजे या डेढ़ बजे उठते थे तब वह बटन बंद कर देते थे। डेली का उनका यहीं रूटिन था। चार्जिंग के दौरान अलार्म भी सेट करके रखते थे। उस दिन भी यहीं हुआ। वह वॉश रूम गए। उसके बाद रात में चार्जिंग का बटन बंद करने के बाद प्लग भी निकाल लेट गए। उन्हें लेटे हुए 5 मिनट ही हुए थे कि फर्शी में से कड़कड़ाहट की आवाज आई। उनको कुछ अंदेशा हुआ। वह देखने उठते ही उसके पहले बैटरी में धमाका हो गया। बैटरी फूटी। लीथियम व केमिकल पापा के फैस पर उड़ा। इतने में आग लग गई। आग ने विकराल रूप दिखाया तो संभलने का टाइम नहीं मिला। मुझे आवाज दी छोटी-छोटी दोड़ों भागों। मैं पास में कमरे में सो रही थी। पापा को कहा कि आप दरवाजा खोला और जैसे-तैसे बाहर जाओ। हम लोग छत की तरफ भागे।
वैशाली ने कहा कि हादसे के चार दिन हो गए। पूरा परिवार टेंट में रह रहा है। पड़ोसी खाना-पीना दे रहे है। हमारे सारे कपड़े जल गए। कोई जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन का कोई अधिकारी हमें पूछने नहीं आया और नहीं कोई मदद मिली। हमारे भाई नहीं है। हम पांच बहने है। पिताजी इंदौर में एडमिट है। मोहल्ले वाले सपोर्ट कर रहे है। प्रशासन के प्रति आक्रोश है।
पड़ोसी महिलाएं भी परिवार के सदस्यों के साथ रहकर हर संभव मदद कर रही है।
कंपनी वालों पर होना चाहिए कार्रवाई
मृतिका की नानी कलावती मोरे का कहना था कि इतना बड़ा हादसा हुआ कि हमें अभी तक सूदबूध नहीं है। कंपनी वाले दो दिन पहले बैटरी रिपेयरिंग करके गाड़ी देकर गए। चार्ज होने के बाद बंद की। उसके बाद बैटरी फटी। उन्होंने क्या किया हमें शोरूम वाले से जानना है। हम कार्रवाई की मांग करते है। बैटरी वाले के कारण ही हमारे यहां हादसा हुआ है। एक साल से गाड़ी यूज कर रहे थे।
आगे किसी के यहां ना हो हादसा
भागवत मोरे की बेटी रुपाली चौधरी का कहना है कि सबसे बड़ी लापरवाही शोरुम संचालक की है। बैटरी की जो प्रोसेस करना थी की या नहीं हमें मालूम नहीं। हादसे का सबसे बड़ा कारण बैटरी ही है। हमारी एक बच्ची चली गई। हम आज उसकी भरपाई नहीं कर सकते। दोबारा ऐसा हादसा किसी के यहां ना हो इसलिए हम मांग करते है कि शो रूम संचालक के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
शो-रूम संचालक ने शो-रूम बंद कर सूचना लगा रखी।
पुलिस देगी नोटिस, करेगी पूछताछ
ई-बाइक शो रूम संचालक को रतलाम थाना औद्योगिक क्षेत्र नोटिस देगी। हादसे के बाद से शोरूम बंद था। पुलिस ने शोरूम संचालक से भी संपर्क किया। लेकिन नहीं हो पाया। हादसे के बाद से शो रूम संचालक ने शो रूम भी बंद कर बाहर सूचना लगा दी थी। इसमें लिखा है कि एक दु:खद और अप्रत्याशित घटना के कारण हम अपनी व्यवसायिक गतिविधियां अस्थायी रूप से बंद कर रहे हैं। इस कठिन समय में हम शोकमग्न है और आपकी समझ और सहानुभूति की आवश्यकता है। हम शीघ्र ही पुन: आपकी सेवा में उपलब्ध होंगे।
वैधानिक कार्रवाई की जाएगी-सीएसपी
सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने बताया जिस ई-बाइक में बलास्ट हुआ है। उसके शो-रूम संचालक को नोटिस दिया जाएगा। बैटरी से जुड़ी सारी पूछताछ की जाएगी। कब ई-बाइक खरीदी। बैटरी बदली या नहीं। जब बैटरी लगाकर दी तो क्या स्थिति थी। सारी टेक्निकल प्वाइंट की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
शनिवार रात यह हुआ था
शनिवार रात 2 बजे पीएंडटी कॉलोनी निवासी रिटायर्ड रेलवेकर्मी भागवत मोरे के घर में चार्जिंग के दौरान ई-बाइक में ब्लास्ट हो गया था। इससे पास में ही खड़े पेट्रोल मोपेड में आग लग गई। घर के दो कमरे आग की चपेट में आ गए थे। जिस कमरे में ब्लास्ट हुआ उस कमरे में सो रहे भागवत मोरे 15 से 20 प्रतिशत झुलस गए थे। हादसे में पास के कमरे में सो रही उनकी 11 साल की नातीन अंतरा पिता दीपक चौधरी निवासी वड़ोदरा (गुजरात) की मौत हो गई थी। अंतरा अपनी मां के साथ नए साल की छुटि्टयां मनाने नाना के घर आई थी।
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