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उज्जैन में माता महामाया व महालया को मदिरा का लगाया भोग, कलेक्टर ने महाअष्टमी पर निभाई परंपरा

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शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर नगर की सुख-समृद्धि के लिए मदिरा की धार से नगर पूजा आयोजित की गई। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने 24 खंभा मंदिर में पूजा की शुरुआत की। 27 किमी लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगाई गई, और पूजा का समापन भैरव मंदिर में हुआ। उज्जैन में यह परंपरा प्राचीन है।

By Anurag Mishra

Publish Date: Fri, 11 Oct 2024 11:01:46 PM (IST)

Updated Date: Fri, 11 Oct 2024 11:01:46 PM (IST)

मदिरा का भोग।

HighLights

  1. कलेक्टर ने 24 खंभा मंदिर में पूजा की शुरुआत की।
  2. 40 से अधिक मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना।
  3. हरसिद्धि मंदिर में शासकीय पूजा में सौभाग्य सामग्री अर्पित।

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर शुक्रवार को नगर की सुख-समृद्धि के लिए मदिरा की धार से नगर पूजा की गई। सुबह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने 24 खंभा मंदिर में माता महामाया व महालय को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत की। उसके बाद शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों का दल ढोल-ढमाकों के साथ शहर में स्थित 40 से अधिक देवी, भैरव व हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना हुआ। रात को अंकपात क्षेत्र स्थित भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नगर पूजा का समापन हुआ।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन में इस पूजा की परंपरा अति प्राचीन है। मान्यता है पहले सम्राट विक्रमादित्य नगर की खुशहाली के लिए महाअष्टमी पर देवी भैरव मंदिरों में पूजन करते थे। उसके बाद सिंधिया स्टेट के समय इस परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा। आजादी के बाद शासन की ओर से नगर पूजा कराई जाती है।

27 किमी लंबे मार्ग पर लगाई गई मदिरा की धार

नगर पूजा के करीब 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगाई गई। साथ ही पूरी-भजिए तथा भीगे हुए गेहूं, चने आदि अर्पित किए गए। हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे हुई पूजादेश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा हुई। कलेक्टर ने सपत्नीक माता हरसिद्धि का पूजन किया। माता को सौभाग्य सामग्री अर्पित की गई।

दूसरी खबर- आज शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान जाएंगे भगवान महाकाल

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन: विजयादशमी पर शनिवार को ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान जाएंगे। शाम चार बजे राज्यश्री वैभव के साथ सवारी की शुरुआत होगी।

इस दशहरे पर निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के मार्ग में परिवर्तन किया है। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी परंपरागत मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान पहुंचेगी। यहां शमी वृक्ष का पूजन होगा। शमी वृक्ष को विजय का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हर वर्ष दशहरे पर यह परंपरा निभाई जाती है। उसके बाद नए मार्ग इंदौर गेट क्षेत्र से होते हुए मंदिर पहुंचेगी। नए मार्ग से सवारी निकलने को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है।

डीएम ने किया निरीक्षण

शुक्रवार सुबह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह नए अधिकारियों के साथ सवारी मार्ग का निरीक्षण किया। बता दें कि इंदौर गेट व आसपास के क्षेत्रवासियों ने सवारी मार्ग बदलने की मांग उठाई थी।

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