क्षेत्र में इन दिनों किसान फसलों को पानी देने में जुटे हैं।
जिले में सोमवार शाम से शीत लहर चलने के कारण ठंड बढ़ने लगी है। मंगलवार को इस सीजन का सबसे कम पारा दर्ज किया गया। सुबह से ठंडी हवा चलने के कारण एक दिन में ही तापमान में 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।
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सोमवार को जहां न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं मंगलवार को न्यूनतम पारा 8.6 और अधिकतम 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। शीत लहर और तापमान में गिरावट होने से ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। हालांकि दिन में तेज धूप के कारण लोगों को ठंड का कम एहसास हो रहा है। लेकिन शाम के बाद कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है।
दिन में निकल रही धूस से लोगों को मिल रही राहत।
सेहत पर पड़ सकता है असर
डॉक्टर का कहना है कि मौसम के परिवर्तन के कारण बच्चे और बुजुर्ग रोगों का आसानी से शिकार हो सकते हैं। इसलिए इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को बीमारी से बचने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए।
इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। जिला अस्पताल में पदस्थ डाक्टर सूर्या का कहना है कि ठंड में अस्थमा और सर्दी खांसी बुखार आसानी से लोगों को अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में लोगों को पूरा शरीर ढंककर ही बाहर निकलना चाहिए। किसी भी तरह का बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
अधिक ठंड बढ़ने से गेहूं-चने की फसल को होगा फायदा।
गेहूं-चने की फसल को फायदा
शीत लहर के कारण गिरे पारा से फसलों को फिलहाल कोई नुकसान नहीं है। इसके विपरीत गेहूं-चने की फसल को ठंड बढ़ने से फायदा होगा।
ठंड बढ़ने से सब्जी की फसल हो सकती है प्रभावित
वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि शीत लहर के कारण पारा लगातार गिरता है तो पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में खासकर सब्जी की फसल को काफी नुकसान हो सकता है। किसान फसलों में सिंचाई के साथ पाला पड़ने की स्थिति में धुआं करें, इससे फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।
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