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उमारिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन प्रोजेक्ट-2: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 50 बायसन पहुंचेंगे बीटीआर, हेल्दी पॉपुलेशन के लिए होगी शिफ्टिंग – Umaria News

बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने‌ बायसनो को लाने की योजना बना ली है। बीटीआर में नए मेहमान जनवरी 2025 में आ सकते हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन लाने की योजना के बायसनों के पॉपुलेशन बढ़ोतरी के लिए है।

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टाइगर रिजर्व मे बायसनो‌ं को लाने और जंगल में छोड़ने की योजना प्रबंधन ने बना ली है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला मगधी और कल्लवाह परिक्षेत्र के जंगलों में दिखाई देते हैं। बायसनों के लिए जंगल में बाड़ा बनाया जाएगा। नए मेहमानों को कल्लवाह परिक्षेत्र के जंगल में रखने की योजना प्रबंधन ने बनाई है।

मादा बायसन अपने बच्चे के साथ जंगल में विचरण करती हुई।

12 वर्ष में बांधवगढ़ में 120 बायसन बढ़े

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2012 में कान्हा टाइगर रिजर्व से 50 बायसनो‌ं को लाया गया था। बायसनों ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में अपनी संख्या को बढ़ाई। 12 वर्ष में बीटीआर में लगभग 170 बायसन हैं। बायसन टाइगर रिजर्व के जंगलों में मगधी, कल्लवाह और ताला परिक्षेत्र के जंगलों के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में झुंड में दिखाई देते हैं।

स्वस्थ पापुलेशन के लिए बनाई गई योजना

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन प्रोजेक्ट 2 स्वस्थ पापुलेशन के लिए बनाया गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2012 में कान्हा से बायसन लाए गए थे। जनवरी 2025 में सतपुड़ा से 50 बायसन लाए जाएंगे। स्वस्थ पॉपुलेशन के लिए दूसरे स्थान से बायसनों को लाया जा रहा है। प्रोजेक्ट 2022 से शुरू हुआ था।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र में तालाब किनारे भ्रमण करते बायसन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र में तालाब किनारे भ्रमण करते बायसन

50 हेक्टेयर का बनेगा बाड़ा

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन‌ को लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र के जंगलों में 50 हेक्टेयर का बाड़ा बनाया जाएगा। बायसनों को लाने के बाद तीस दिनों तक बायसनों को बाडे़ में रखा जाएगा। तीस दिन बायसनों की निगरानी के बाद बायसनों को जंगल में छोड़ा जाएगा।

जंगल में बायसन की आवश्यकता

बायसन जंगल की मोटी घास खाते हैं। जंगल में बायसन के मोटी घास खाने के बाद जो नई घास निकलती है। उसे दूसरे वन्य प्राणी पसंद करते हैं। इसलिए जिन क्षेत्रों में बायसन होते हैं। उन क्षेत्रों में दूसरे वन प्राणियों की मूवमेंट ज्यादा हाता है।

प्रोजेक्टर की पूरी तैयारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि बायसनों को जनवरी में लाए जाने की तैयारी हैं। कल्लवाह परिक्षेत्र में बाड़ा बनाया जाएगा। तैयारी पूरी कर ली गई है।

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