इंदौर रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण को लेकर व्यापारियों और यात्रियों में चिंता बढ़ रही है। स्टेशन के आसपास होटल और व्यापार करने वाले लोगों को डर है कि निर्माण कार्य के दौरान उनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी।
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इसी मुद्दे को लेकर शहर के एक होटल व्यापारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में याचिका दायर की, जिस पर संज्ञान लेते हुए इसे सार्वजनिक शिकायत के रूप में पंजीकृत किया गया है। व्यापारियों की माँग है कि रेलवे मंत्रालय निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से करे, ताकि यात्रियों और स्थानीय व्यवसायों को कम से कम असुविधा हो।
इंदौर रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण को लेकर व्यापारियों और यात्रियों की चिंता बढ़ती जा रही है। होटल व्यवसायी अमन डाबर ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र भेजकर मांग की है कि निर्माण कार्य इस तरह किया जाए जिससे यात्रियों और स्थानीय व्यापारियों को कम से कम असुविधा हो। PMO ने इस याचिका को सार्वजनिक शिकायत के रूप में दर्ज कर पश्चिम रेलवे चर्चगेट, मुंबई को भेज दिया, जहाँ से इसे वेस्टर्न रेलवे रतलाम को कार्रवाई के लिए सौंपा गया।
क्या है मामला?
हाईकोर्ट वकील कृष्ण कुम्हारे के अनुसार, अमन डाबर, जो रेलवे स्टेशन के पास होटल मेट्रो और होटल सवेरा का संचालन करते हैं, ने अपनी याचिका में बताया कि सोशल मीडिया और समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च 2025 से इंदौर रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण कार्य शुरू होगा, जो 2027-28 तक चलेगा। इस दौरान, ट्रेनों का संचालन डॉ. अंबेडकर नगर (महू), राजेंद्र नगर और लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशनों से किया जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा होगी और उनका यात्रा खर्च भी बढ़ जाएगा।
व्यापार और आजीविका पर असर
इंदौर रेलवे स्टेशन ऐतिहासिक महत्व रखता है और यहाँ से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं। इसके आसपास होटल, धर्मशालाएं, लॉज, खानपान की दुकानें और सियागंज जैसे थोक बाजार हैं, जो इस निर्माण कार्य से आर्थिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि स्टेशन के सभी चार प्लेटफॉर्म को एक साथ तोड़ा गया तो हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी पर असर पड़ेगा।
यात्रियों और मरीजों की परेशानी
अमन डाबर ने याचिका में यह भी उल्लेख किया कि स्टेशन के पास स्थित महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) प्रदेश का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है, जहाँ दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए आते हैं। यदि रेलवे स्टेशन बंद होता है तो इन मरीजों को महू, राजेंद्र नगर या लक्ष्मीबाई नगर स्टेशनों से सफर करना पड़ेगा, जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाएगी।
हाईकोर्ट एडवोकेट कृष्ण कुम्हारे और डॉ. रूपाली राठौड़ ने कहा कि PMO ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए इसे रेलवे प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है। उन्होंने मांग की है कि रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म एक साथ तोड़ने के बजाय चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य किया जाए और यात्रियों के लिए वैकल्पिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और पुनर्निर्माण कार्य को इस तरह से संचालित करने के निर्देश दें, जिससे यात्रियों और व्यापारियों को कम से कम असुविधा हो।
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