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गुना के 27 साल के नरेंद्र रजक ने 2 मार्च को खुदकुशी से पहले बनाए वीडियो में ये सारी बातें कही थीं। नरेंद्र की दो साल पहले शादी हुई थी, लेकिन पारिवारिक झगड़ों ने उसे इस कदर तोड़ दिया कि उसने ट्रेन के सामने कूदकर खुदकुशी कर ली। नरेंद्र अकेला नहीं है, जिसने पत्नी प्रताड़ना के चलते जिंदगी खत्म कर ली बल्कि पिछले ढाई महीने में तीन और ऐसे केस सामने आ चुके हैं। हर किसी ने सुसाइड से पहले कोई न कोई सलाह दी है।
इस पूरे मामले के दो पहलू हैं। पुरुषों के लिए काम करने वाली संस्थाएं उनके लिए कानूनी अधिकार की मांग कर रही हैं। दूसरी तरफ, कानून के जानकार कहते हैं कि मौजूदा कानून में भी पुरुषों के पास अधिकार हैं, वे उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। भास्कर ने एक्सपर्ट से बात कर इसे समझा, पढ़िए रिपोर्ट…
पहले जानिए तीन केस जिसमें पतियों ने सुसाइड किया या कोशिश की..
केस1: BJP के पूर्व विधायक के बेटे ने जहर खाया ये मामला देवास का है। पूर्व विधायक सुरेंद्र वर्मा के बेटे प्रमोद ने 1 मार्च को जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की। उसके पास से चार पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। प्रमोद ने पिता और मां से माफी मांगते हुए लिखा- मुझे माफ कर देना। मैं एक अच्छा बेटा, भाई व अच्छा पिता नहीं बन पाया।
ये भी लिखा-कभी शादी मत करना, यह जरूरी नहीं है। मैं अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी, सास और साले हैं। जिन्होंने मुझे मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित कर दिया है। मेरा विवाह 2009 में हुआ था। मैं एक अच्छे परिवार से हूं मेरे पिताजी विधायक रह चुके हैं। परंतु उन्होंने अपना जीवन सादगी और ईमानदारी से जीया।
कभी भी अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया। हमारा परिवार संयुक्त परिवार है। हम पूरे परिवार ने कभी जाने अनजाने में कभी किसी से दुश्मनी नहीं रखी। मेरा सरकार से कहना है कि बेटी बचाना-बेटी पढ़ाना बंद करो। यही कारण है इन्होंने कई घरों के चिराग बुझा दिए।

जहर खाने के बाद प्रमोद वर्मा को इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो अब घर लौट आए हैं।
केस2: सुसाइड करने वाले पति ने लिखा- शादी से पहले एग्रीमेंट बनाए इंदौर के यादव नंद नगर में रहने वाले 28 साल के नितिन पडियार ने 1 महीने पहले फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। नितिन ने 14 पेज का एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें पत्नी, सास और ससुराल वालों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। नितिन ने सुसाइड नोट में लिखा -मैं नितिन पडियार भारत सरकार से विनती करता हूं कि भारत का कानून बदलें, क्योंकि महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग कर रही हैं।
अगर आपने यह कानून व्यवस्था नहीं बदली तो रोज कई लड़के और उनके परिवार उजड़ते रहेंगे। भारत के सभी युवाओं से मेरा निवेदन है कि, शादी ना करें और अगर करते भी हैं तो एग्रीमेंट बनवाकर शादी करें और अगर किसी को यह समझ आए कि मेरे साथ बुरा हुआ है तो मेरे मरने के बाद मुझे न्याय दिलाए और अगर समझ ना आए तो खुद की बारी का इंतजार करें।
मम्मी सुनो, मेरे जाने के बाद तुम रोना मत और न ही किसी को रोने देना। अगर तुम लोग रोओगे तो मुझे मरने के बाद भी तकलीफ होगी। मम्मी, मैं आऊंगा वापस तुम्हारा बेटा बनके। मेरी मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ पत्नी हर्षा शर्मा, सास सीता शर्मा, साली मीनाक्षी और वर्षा शर्मा हैं।

नितिन ने खुदकुशी से पहले 14 पेज का सुसाइड नोट लिखा था।
केस3: मेडिकल रिप्रजेंटेटिव ने लगाई फांसी डेढ़ महीने पहले ब्यावरा स्थित भंवरगंज मोहल्ले में 27 साल के रवि केवट ने घर में पंखे से लटक कर सुसाइड कर लिया था। वो मेडिकल रिप्रजेंटेटिव था। पुलिस को मृतक के कमरे की तलाशी के दौरान सुसाइड नोट मिला था। इतना ही नहीं उसके मोबाइल में दो वीडियो भी मिले थे।
वीडियो में उसने पत्नी और ससुराल वालों पर उसे परेशान करने के आरोप लगाए। पत्नी हर पंद्रह दिन में मायके जाती थी और वापस आकर उससे और परिवार से झगड़ा करती थी। उसने मानसिक रूप से परेशान करने का भी आरोप लगाया। कहा कि- उसने पत्नी को वापस लाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह अकेले रहना चाहती थी।

इन 3 केस में जानिए पत्नी पीड़ित पतियों की कहानी
केस1: पति को घर से निकाल दिया ये आपबीती इंदौर के रहने वाले महेंद्र बघेरवाल की है। वो बताते हैं कि उनकी शादी 12 दिसंबर 2012 को हुई थी। दोनों ने लव मैरिज की थी। शादी के बाद पत्नी बार-बार मायके में रहने का दबाव बनाने लगी। आखिरकार शादी के 6 महीने बाद वो जबरन मुझे अपने घर ले आई। मेरी दो बेटियां हैं। एक की उम्र 11 तो दूसरी 6 साल की है।
पिछले साल मार्च 2024 में पत्नी ने विवाद किया और मुझे बच्चों समेत घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह बीमा कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति के साथ रहने लगी। मेरी पत्नी भी एक बीमा एजेंट है।
केस2: शादी के 25 साल बाद भरण-पोषण का केस इंदौर निवासी 52 साल के जवाहर धिंगाना बताते है कि शादी को 25 साल हो चुके हैं। पत्नी से करीब 4 साल से अलग रह रहा हूं। पत्नी ने भरण-पोषण का केस लगाया था। फैमिली कोर्ट ने 4 हजार रुपए प्रतिमाह देना तय किया। समय पर राशि दे रहा हूं। पत्नी पढ़ी-लिखी है। जॉब भी करती है।
बच्चों के बालिग होने पर कोर्ट ने उनका मेंटेनेंस बंद कर दिया था। मगर, दूसरी कोर्ट ने बच्चों के बालिग होने के बाद भी उन्हें भत्ता देना जारी रखा है।

केस3: पत्नी झूठे केस में फंसाने की धमकी देती है इंदौर के संदीप मालवीय के मुताबिक उनकी शादी 3 मई 2015 को भोपाल में हुई थी। शादी के बाद हम लोग बाहर ही रहे क्योंकि मेरी नौकरी पहले मुंबई में थी उसके बाद बेंगलुरु ट्रांसफर हो गया। पत्नी भी साथ में ही रहती थी, लेकिन बहाने बनाकर ज्यादातर समय मायके में गुजारती थी। दो- तीन महीने वहां रुकती।
वापस आती तो बार-बार आत्महत्या करने और झूठे केस में फसाने की धमकी देती थी। दिन-रात मोबाइल से चिपकी रहती थी, घर का कोई काम नहीं करती थी। मैं समझाता तो मायके वालों की राजनीतिक और पुलिसिया पहुंच की बात कहकर धमकाती। आखिरकार वो मायके चली गई। बाद में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना का केस लगा दिया।

हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें होती हैं भाई वेलफेयर सोसाइटी साल 2014 से पुरुष प्रताड़ना के केस देखती है। संस्था का एक हेल्पलाइन नंबर है जिसके जरिए प्रताड़ित पुरुष मदद मांगते हैं। संस्था के पदाधिकारी नितिन तलवार कहते हैं कि हमारे पास छह से सात तरह की शिकायतें आती हैं। इसमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के झूठे मामले, महिला कानून की आड़ में झूठे मामलों में फंसाने की धमकी जैसी शिकायते हैं।
तलवार बताते हैं हमारे पास हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें आती हैं। इनमें उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से लेकर कैब ड्राइवर तक शामिल होते हैं। हम लोग इनकी काउंसिलिंग करते हैं। उन्हें उचित सलाह और मार्गदर्शन देते हैं। इस प्रकार के भी मामले सामने आ रहे है जिसमें पत्नी ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली है। ऐसे में पहला और दूसरा दोनों पति उलझ गए हैं।

अवसादग्रस्त पुरुषों के लिए शुरू हो हेल्पलाइन पौरुष संस्था के अध्यक्ष और वकील अशोक दशोरा कहते हैं कि इस देश में महिलाओं के लिए 65 तरह के कानून और डेढ़ दर्जन हेल्पलाइन, डेस्क, आयोग और थाने हैं। पुरुषों के लिए एक भी कानून और हेल्पलाइन नंबर नहीं हैं। नतीजा हर साल 1 लाख 64 हजार युवा आत्महत्या कर रहे हैं।मेरी केंद्र और राज्य सरकार से गुजारिश है कि पुरुषों के लिए कम से कम एक हेल्पलाइन शुरू की जाए।

आपसी तालमेल की कमी से ऐसे मामलों में इजाफा फैमिली कोर्ट में घरेलू विवादों की पैरवी करने वाले एडवोकेट सूर्यकांत भुजाड़े कहते हैं कि पतियों के सुसाइड के केस पिछले एक डेढ़ साल में बढ़े हैं। दरअसल, इसमें कहीं न कहीं सोशल मीडिया भी जिम्मेदार है। जो पुरुष दुखी होते हैं या समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, तो वो सोशल मीडिया पर मनोरंजन के साधन तलाश करते हैं।
यहां यदि उन्हें पत्नी प्रताड़ित पुरुषों का कंटेंट देखने को मिलता है, तो वे और डिप्रेशन में चले जाते हैं। उनकी सुसाइड करने की मानसिकता और ज्यादा बढ़ने लगती है। भुजाड़े कहते हैं कि अरेंज के बजाय लव मैरिज के ज्यादा विवाद देखने को मिलते हैं। ये सब दोनों के बीच आपसी तालमेल न होने की वजह से होता है। पत्नी यदि पति पर केस करती है, तो पति के पास भी डिफेंड करने के पूरे अधिकार होते हैं।

अब जानिए पुरुषों के पास कौन से अधिकार हैं
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट तनुज दीक्षित कहते हैं कि पति के पास पत्नी के समान अधिकार नहीं है, लेकिन कुछ कानूनी अधिकार उनके पास अपनी सुरक्षा और मान-सम्मान के लिए मौजूद हैं। जैसे वह घरेलू हिंसा के मामले में पुलिस से मदद ले सकते हैं। पति का खुद की प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है।
यदि पति मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है तो वह कोर्ट और पुलिस की मदद ले सकता है।इसके अलावा वह पत्नियों की तरह तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन दे सकता है। हिंदू मैरिज एक्ट में पति को भी भरण पोषण का अधिकार मिला हुआ है। साथ ही बच्चों की कस्टडी का भी उसे अधिकार होता है।

पत्नी झूठे मामले दर्ज करवाती हैं तो पति उसे चैलेंज कर सकता है
भास्कर ने एडवोकेट तनुज दीक्षित से वो पांच सवाल पूछे, जिनसे अक्सर पति परेशान रहते हैं। जानिए क्या है इनका जवाब
- पत्नी यदि पति को परिवार से दूर रहने को मजबूर करें?: इसे मानसिक प्रताड़ना की श्रेणी में लिया जाएगा। BNS की धारा 85 और 86 के तहत पति अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा सकता है।
- पत्नी का किसी और से अफेयर हो?: इस कंडीशन में एडल्ट्री का आधार बनाते हुए पति तलाक मांग सकता है। ये याचिका फैमिली कोर्ट में लगाई जा सकती है।
- पत्नी मायके में ही रहती हो?:पति हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 9 के तहत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एप्लिकेशन दे सकता है। वो मांग कर सकता है कि कोर्ट पत्नी को वापस घर लौटने का आदेश दे।
- दहेज के झूठे केस में फंसा दिया हो?:पति BNS की धारा 311 के तहत अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। दहेज प्रताड़ना के पुख्ता सबूत पेश करने की मांग कर सकता है।
- घरेलू हिंसा के झूठे केस में फंसाया है?: BNS की धारा 227 के तहत पत्नी पर केस कर सकता है। वो कोर्ट में केस दर्ज करवा सकता है कि जो सबूत दिए गए हैं, वो झूठे हैं।

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