देवी अहिल्या विश्वविद्यालय(Devi Ahilya University) में मंगलवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के विकास, विद्यार्थियों की समस्या के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कार्यपरिषद सदस्य डॉ. एके. द्विवेदी ने विवि द्वारा हाल ही में खरीदे गए 10 करोड़ के कम्प्यूटर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, कुछ विभागों में इन कम्प्यूटर्स को रखने की जगह ही नहीं है। कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं है, विभागों को कम्प्यूटर्स की जरूरत है।
इसी बीच इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. संजीव टोकेकर ने पुष्टि की कि कुछ विभागों को इनकी जरूरत नहीं थी, इसलिए उन कम्प्यूटर्स को इंजीनियरिंग विभाग में भेजा जा रहा है। सदस्यों ने जोर देकर कहा कि अनावश्यक खरीदी पर रोक लगनी चाहिए। सुझाव दिया कि सभी विभागों को पत्र भेजा जाए कि यदि उनके पास कम्प्यूटर रखने की जगह नहीं है तो विवि मुख्यालय पर भेज दें।
44 लाख के खरीदे जाएंगे वॉटर कूलर
गर्मी में विवि(DAVV) में होने वाली पानी की समस्या पर भी चर्चा हुई। कार्यपरिषद सदस्य डॉ. वैशाली वाइकर ने कहा, हर साल पानी के टैंकरों पर लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते है। इन पैसों से विवि 8-10 बोरिंग खुदवा सकता है। हालांकि बोरिंग की अनुमति फरवरी के अंत तक मिलती है, लेकिन विवि ने अनुमति के लिए कोई पहल नहीं की है। बैठक में सहमति बनी कि 44 लाख रुपए से वाटर कूलर खरीदे जाएंगे।
खुलेगा नया संस्थान
विवि(DAVV) को अपना मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए छोटा बांगड़दा में 10 एकड़ जमीन दी गई है, जिस पर अब आर्किटेक्चर और डिजाइनिंग का नया संस्थान स्थापित किया जाएगा। इसके लिए इंजीनियरिंग संस्थान एसजीएसआइटीएस की मदद ली जाएगी। झाबुआ में आयुष और मेडिकल पीजी संस्थान की स्थापना की जाएगी। इससे क्षेत्रीय स्तर पर चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को सशक्त किया जा सकेगा।
एमओयू का ड्राफ्ट भी पारित
कुछ दिन पहले महिला प्राध्यापकों ने राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कुलगुरु पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। कुलगुरु ने स्पष्ट किया कि किसी से दुर्व्यवहार नहीं किया जा रहा है, बल्कि सिस्टम को व्यवस्थित किया जा रहा है। सभी को नियमानुसार फाइलों पर हस्ताक्षर करने होंगे। बैठक में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के साथ किए जाने वाले एमओयू का ड्राफ्ट भी पारित हो गया। इससे जल्द ही विवि में होम्योपैथी रिसर्च सेंटर की स्थापना संभव होगी। मरीजों, विद्यार्थियों और परिजन को कई असाध्य बीमारियों की जांच और उपचार कम लागत में उपलब्ध कराई जाएगी।
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