मप्र में शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद शराब अहातों की जगह डॉ. मोहन सरकार परमिट रूम खोलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नई आबकारी नीति में शराब दुकान से 100 मीटर के दायरे में मिनी बार के तौर पर लाइसेंस देने का प्रस्ताव है।
.
आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई नीति का ड्राफ्ट तैयार कर मंत्रिपरिषद की समिति को भेजा था, जिस पर सोमवार को चर्चा हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि अहातों के विकल्प पर मंथन किया जा रहा है।
इसके अलावा कैबिनेट की सबकमेटी ने शराब के दाम 15% तक कम करने और शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के विकल्पों पर भी मंथन किया। एक्साइज ड्यूटी बढ़ेगी, तो शराब के दाम भी बढ़ेंगे। हालांकि, इन दोनों मुद्दों पर आखिरी फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा।
नई नीति के मुताबिक 80 फीसदी पुरानी शराब दुकानों के ठेके 20 फीसदी बढ़ोतरी के साथ रिन्यू होंगे। सरकार धार्मिक और पवित्र नगरी से शराब की दुकानें हटाने का फैसला ले सकती है। ऐसे में उज्जैन नगर निगम समेत 13 शहरों की नगरपालिका और नगरपंचायत सीमा के भीतर की दुकानें बंद होंगी।
नई नीति में ग्रामीण इलाकों में 211 नई दुकानें खोलने का भी प्रस्ताव है।आबकारी विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 16 हजार करोड़ रु. के राजस्व का टारगेट तय किया है। नई आबकारी नीति में और क्या प्रावधान किए हैं? पढ़िए रिपोर्ट…
जानिए प्रस्तावित शराब नीति में क्या खास
1. अहातों की जगह परमिट रूम
तत्कालीन शिवराज सरकार ने फरवरी 2023 में 2611 अहाते बंद कर दिए थे। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने साल 2022 से ही शराब दुकानों के अहातों का विरोध करना शुरू कर दिया था। उन्होंने भोपाल के अयोध्या नगर इलाके के एक मंदिर में तीन दिन तक डेरा डाल रखा था।
वे मंदिर के सामने स्थित शराब दुकान और प्रदेश की शराब नीति के विरोध में मंदिर में रहकर विरोध कर रही थीं। यहां से जाने से पहले उन्होंने राज्य सरकार को खुली धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश की शराब नीति हमारे अनुरूप नहीं आई तो शराब दुकानों पर जो होगा, वो नजीर बनेगा। उमा ने यह भी कहा था कि वह नियम विरुद्ध शराब दुकानों में गायें बांधेंगी।
उमा की नाराजगी और चुनावी साल को देखते हुए तत्कालीन शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का फैसला किया। अहाते बंद होने का नुकसान ये हुआ कि शराब पीने वाले लोग खाली मैदान और सुनसान जगहों पर इकट्ठा होने लगे। कुछ लोग शराब के दुकानों के पास ही खुले में शराब पीने लगे।
अब नई नीति में परमिट रूम का प्रस्ताव रखा गया है। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि यदि शराब दुकान के पास ही मिनी बार के तौर पर परमिट रूम शुरू कर दिए जाएं, तो शराब दुकान के सामने सड़क पर लगने वाली भीड़ कम होगी। इससे आने जाने वाले को परेशान नहीं होना पड़ेगा और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
2.शराब सस्ती या महंगी, कैबिनेट तय करेगी कैबिनेट की सबकमेटी ने शराब की कीमतों को लेकर भी मंथन किया। नई नीति में सबसे ज्यादा फोकस पड़ोसी राज्यों से प्रदेश में आ रही अवैध शराब को रोकना है। इसके लिए इन राज्यों में शराब की कीमतों का विश्लेषण किया गया। साथ ही इस बात पर भी विचार किया गया कि शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जाए। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा।
- सस्ती होगी तो क्यों?: विश्लेषण में सामने आया कि यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश में शराब 35 फीसदी तक महंगी है। ऐसे में इस फॉर्मूले पर विचार किया कि पड़ोसी राज्यों से एमपी की कीमतों में 15 फीसदी से ज्यादा का अंतर न हो। फॉर्मूला लागू हुआ तो विदेशी शराब के दाम में कमी हो सकती है।
- महंगी होगी तो क्यों?: कैबिनेट सबकमेटी ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने पर भी विचार किया। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का असर शराब बनाने वाली कंपनियों पर पड़ेगा। ऐसे में वह शराब के दाम बढ़ा देंगी। इसका दूसरा पहलू ये है कि दाम बढ़ेंगे तो अवैध शराब की बिक्री ज्यादा बढ़ेगी। साथ ही जहरीली शराब भी बनने लगेगी। ये आम लोगों की सेहत के लिहाज से और ज्यादा खतरनाक है।
3.उज्जैन समेत 13 पवित्र नगरों में शराबबंदी का फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि ‘सरकार धार्मिक नगरों में शराबबंदी को लेकर आबकारी नीति में संशोधन करने पर विचार कर रही है। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में इस पर अमल किया जा सकता है। राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए धार्मिक नगरों की बाहरी सीमाओं में शराब दुकानें खोलने को लेकर आबकारी विभाग के अधिकारी मंथन कर रहे हैं।’
सरकार इस फैसले पर आगे बढ़ती है, तो उज्जैन की 17 दुकानें बंद होंगी। साल 2024-25 में इन दुकानों से सरकार को 242 करोड़ रुपए राजस्व मिला है। नई नीति के मुताबिक 20 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है तो इन 17 दुकानों से सरकार को 290 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है।
इसी तरह प्रदेश के बाकी 12 पवित्र नगरों की दुकानें भी बंद करने पर विचार कर रही है। इन 13 शहरों में शराबबंदी से राजस्व को 400 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, दुकानों के नवीनीकरण में 20 फीसदी अधिक कीमत से इसकी भरपाई की जाएगी।
3.गांवों में खुलेंगी 211 शराब दुकानें
मध्य प्रदेश में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 के तहत ग्राम पंचायतों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने गांव में शराब दुकान की स्वीकृति देंगे। इस नियम के तहत अब तक आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 211 ग्राम सभाओं ने शराब की दुकानें खोलने की स्वीकृति दी है।
पेसा नियमों के तहत इन्हें मादक पदार्थों के विक्रय पर नियंत्रण और उल्लंघन पर जुर्माना लगाने का अधिकार प्राप्त है। राज्य के 20 आदिवासी जिलों में यह प्रावधान लागू है। साल 2022 में पेसा एक्ट के नियम में एक बदलाव किया गया था। इसमें ग्राम सभा सार्वजनिक स्थल या किसी परिसर में शराब के सेवन को प्रतिबंधित कर सकती है।
इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकेगा। शराब रखने की मात्रा को लेकर आबकारी नीति में जो प्रावधान हैं, उसमें कमी करने का अधिकार भी ग्रामसभा को दिया गया है।
4.सिंगल दुकानों का ठेका देने पर सैद्धांतिक सहमति नहीं
सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग ने पहले शराब के ठेके समूह के बजाय सिंगल दुकानों का ठेका देने प्रस्ताव तैयार किया था। जिसके पीछे तर्क दिया गया था कि उत्तर प्रदेश में हर दुकान का अलग-अलग ठेका देने से सरकार का राजस्व बढ़ा है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
5.घर पर शराब रखने की लिमिट में बदलाव नहीं
सरकार ने दो साल होम बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया था। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर बार खोल सकता है। इसके अलावा, घर पर शराब रखने की लिमिट 4 गुना कर दी गई थी। इससे पहले घर में एक पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति थी। इस बार भी यही नियम लागू रहेगा।
6.होटल-बार में हेरिटेज शराब रखना जरूरी
शराब नीति में इस बार भी हेरिटेज शराब को बार में रखना अनिवार्य किया है। साथ ही बार के मेन्यू में भी इसका उल्लेख करना होगा। घर में भी चार बोतल महुआ की शराब रखने की छूट रहेगी। हेरिटेज शराब पर सरकार कोई शुल्क नहीं लेती है। अब इसे प्रमोट करने का फैसला लिया है।
#एमप #म #अहत #क #जगह #खल #सकत #ह #परमट #रम #उजजन #क #दकन #बद #हग #शरब #क #दम #घटनबढन #क #फसल #कबनट #करग #Madhya #Pradesh #News
#एमप #म #अहत #क #जगह #खल #सकत #ह #परमट #रम #उजजन #क #दकन #बद #हग #शरब #क #दम #घटनबढन #क #फसल #कबनट #करग #Madhya #Pradesh #News
Source link