केंद्रीय बजट में किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। ऐसा हुआ तो मप्र के 80 लाख किसानों को दूसरे राज्यों के किसानों की तुलना में ज्यादा फायदा होगा। एमपी के किसानों को इस योजना में सालाना 18 हजार रु. मिलेंगे।
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इसके अलावा केंद्रीय बजट में एमपी की सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए करीब 2800 करोड़ रु. अतिरिक्त मिलेंगे। इसमें से सबसे ज्यादा 1100 करोड़ रु. जबलपुर में खर्च होंगे। वहीं पीएम आवास योजना 2.0 के तहत एमपी में 2 लाख 77 हजार मकान बनने वाले हैं।
वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान किया जा सकता है। मंडे स्पेशल में पढ़िए केंद्रीय बजट में मप्र को और क्या मिल सकता है….
किसानों को 2 योजनाओं में मिल सकता है फायदा
1. किसान क्रेडिट कार्ड पर 5 लाख रुपए तक लोन केंद्रीय बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत लोन की सीमा 5 लाख रुपए की जा सकती है। इस समय 3 लाख रु. लोन की लिमिट है। ये काफी पहले बढ़ाई गई थी। सरकार के पास इस सीमा को बढ़ाने की मांग लगातार आ रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 में शुरू की गई थी। इसके तहत खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किसानों को 9 फीसदी ब्याज दर पर अल्पकालीन फसल लोन दिया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने की व्यवस्था हैl परंतु बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण की लागत की प्रतिपूर्ति सरकार ब्याज अनुदान देकर करती हैl
केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि के अलावा जो अतिरिक्त वित्तीय भार आता है,वह राज्य सरकार वहन करती हैl एमपी में इस योजना के तहत 65 लाख 83 हजार किसान रजिस्टर्ड हैं। केसीसी कार्ड की अवधि 5 साल होती है।
2. पीएम किसान योजना की राशि बढ़ने की संभावना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत फिलहाल किसानों को सालाना 6 हजार दिए जाते हैं। चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने इस राशि को दोगुना यानी 12 हजार रु. करने की सिफारिश की है। मप्र में इस योजना का फायदा करीब 80 लाख किसानों को मिल रहा है।
इसके अलावा मप्र सरकार भी सीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6 हजार (3 किस्तों में) रुपए किसानों को दे रही है। यदि केंद्र सरकार अपनी योजना में 6 हजार रुपए का इजाफा करती है तो मप्र के किसानों को सालाना 18 हजार रुपए मिलेंगे।
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फ्लाई ओवर, सड़कों के लिए मिलेंगे 2800 करोड़ लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने सेंट्रल रोड एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) से सड़क व पुल बनाने के लिए 2,787.71 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। इस राशि का प्रावधान केंद्रीय बजट में किया जा रहा है।
इस बजट से भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में फ्लाईओवर और सड़कों का निर्माण किया जाएगा। भोपाल में 559 करोड़ रुपए की लागत से 4 सड़कें और तीन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इसमें सबसे बड़ा फ्लाईओवर परिहार चौक से रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 तक 2.5 किमी लंबा होगा। जिसकी लागत 185 करोड़ रु. होगी।
इसी तरह उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए 647 करोड़ की लागत से 11 सड़कें बनाई जाएंगी। इसमें 100 करोड़ की लागत से जयसिंहपुरा टू लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण भी शामिल है। जबलपुर में 1113 करोड़ की लागत से दो फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है।
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6 जिलों के लिए बायपास, पुल-सड़कों के लिए मिलेगी राशि
नरसिंहपुर: 148 करोड़ से बायपास और नर्मदा नदी पर पुल हीरापुर सांकल मार्ग पर नर्मदा नदी पर 400 मीटर लंबाई का पुल 52.78 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। वहीं 14.50 किमी लंबा कोडिया- गाडरवारा कामती बायपास मार्ग 95 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
शाजापुर: 133 करोड़ की लागत से दो बायपास यहां पुराने एनएच-3, आगरा मुंबई हाईवे के शहर से होकर गुजरने वाले 10 किमी के हिस्से को फोरलेन में तब्दील किए जाने का प्रस्ताव है। इसकी लागत करीब 89.59 करोड़ रुपए होगी। वहीं मक्सी शहरी क्षेत्र से गुजरने वाले पुराने एबी रोड़ को भी 4 लेन में बदला जाना है। 5.65 किमी लंबे इस हिस्से को फोर लेन में तब्दील करने की लागत 44.30 करोड़ रुपए आएगी।
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इसी तरह आगर, देवास, मंदसौर और खरगोन में भी सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा। आगर में 21.10 किमी लंबा तनोडिया मदकोटा मार्ग को 53.64 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। वहीं देवास में उज्जैन तिराहे से नगूखेड़ी चौराहे तक 3.70 किमी की सड़क को 98.71 करोड़ रुपए की लागत से फोर लेन में बदला जाएगा।
मंदसौर में 16 किमी लंबे मेलखेड़ा से चंदवासा धर्मराजेश्वर मार्ग का 35.10 करोड़ रु. की लागत से चौड़ीकरण किए जाने का प्रस्ताव है। वहीं खरगोन में बड़वाह धामनोद मार्ग पर लेवल क्रॉसिंग पर आरओबी का निर्माण किए जाने का प्रस्ताव है। 750 मीटर लंबे आरओबी को बनाने में 59 करोड़ रु. खर्च होंगे।
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हाईवे- बायपास प्रोजेक्ट- 9 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद केंद्र सरकार के बजट में बायपास व हाईवे के 7 प्रोजेक्ट के लिए 9 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि का प्रावधान किया जा सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल 19 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित सेमिनार में की गई घोषणा के अनुरूप प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की 27 सड़क निर्माण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसमें से 7 प्रोजेक्ट के लिए राशि का प्रावधान केंद्रीय बजट में हो सकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना : 2.77 लाख घरों के लिए मिलेगी राशि वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में अगले पांच साल में 10 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से अगले एक साल में 2 लाख 77 हजार मकान बनेंगे। इन मकानों के लिए केंद्र अपने बजट में राशि का प्रावधान करेगा।
पिछले साल 17 सितंबर को पीएम मोदी के बर्थडे पर ये योजना लॉन्च की गई थी। केंद्र सरकार ने स्कीम का ड्राफ्ट बनाकर राज्यों को भेजा था। इसमें मध्यप्रदेश की तरफ से दो बदलाव किए गए है। सरकार ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना को इस योजना में मर्ज कर दिया है।
लाड़ली आवास योजना में हितग्राहियों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान था जो पीएम आवास में 2.5 लाख और 3 लाख रु. होगा। दूसरा अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम यानी सस्ता मकान देने वाले क्राइटेरिया में राज्य सरकार ने 1 लाख की बजाय 1.5 लाख रु. आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है।
इससे हितग्राहियों को 8 लाख रु. का मकान लेने के लिए केवल 2 लाख रु. देना होंगे। इसमें भी 1.80 लाख का बैंक से लोन होगा।
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केंद्र से कुल 1.50 लाख करोड रुपए मिलने की उम्मीद मध्य प्रदेश को अगले वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार से डेढ़ लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। दरअसल,केंद्रीय करों के हिस्से में मौजूदा वित्तीय वर्ष में 95्,753 करोड़ और सहायता अनुदान में 44,891 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है। जिस तरह से प्रदेश में अधोसंरचना विकास के साथ केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है, उसके आधार पर वित्त विभाग का अनुमान है कि आगामी वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश को अधिक राशि मिल सकती है। इसके लिए बजट मीटिंग में केंद्रीय करों में हिस्सा 41% से बढ़ाने की मांग रखी गई है और इसके पक्ष में तमाम तथ्य भी प्रस्तुत किए गए हैं।
डॉ. मोहन सरकार ने केंद्र के सामने रखी 3 प्रमुख मांगें
1. सिंहस्थ 2028: स्पेशल पैकेज मांगा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 दिसंबर 24 को दिल्ली में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री- बजट बैठक की थी। इस बैठक में मप्र के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य के विकास और विभिन्न योजनाओं के साथ सिंहस्थ के लिए बजट में राशि का प्रावधान करने की मांग उठाई थी।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले साल केंद्र से इस आयोजन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज देने की मांग की थी। लेकिन 2024-25 के बजट में राशि का प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन इस साल केंद्र सरकार सिंहस्थ के लिए 3 से 4 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत कर सकती है।
हालांकि, 27 मार्च 2028 से 27 मई 2028 तक होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए मोहन सरकार ने 18 हजार करोड़ रु. के विकास कामों के प्रस्ताव तैयार किए है। सिंहस्थ से पहले उज्जैन-इंदौर संभाग को धार्मिक-आध्यात्मिक सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा।
सरकार ने इसके लिए पिछले बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। जबकि अक्टूबर 2024 में 5882 करोड़ मंजूर किए थे। सरकार का अनुमान है कि सिंहस्थ मेले में 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे। जिनके लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने, शिप्रा शुद्धीकरण, सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने और पर्यावरण सुधार को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की गई है।
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2. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: 12 हजार करोड़ मिलने की उम्मीद मप्र का पूंजीगत व्यय वर्ष 2024-25 में 64 हजार 738 करोड़ अनुमानित है। जबकि 2023-24 में यह 60 हजार 689 करोड़ रुपए था। केंद्र सरकार पूंजीगत व्यय के हिसाब से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए अतिरिक्त फंड देती है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में मप्र को 6 हजार 187 करोड़ रुपए मिले थे। अब 7 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग की गई है। नए बजट में प्रदेश को लगभग 12 हजार करोड रुपए मिलने की उम्मीद हैl
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3. सामाजिक सुरक्षा पेंशन: 8.39 लाख हितग्राहियों के लिए राशि मिले राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों की मप्र में रजिस्टर्ड संख्या 24 लाख 14 हजार है। जबकि केंद्र सरकार 15 लाख 75 हजार हितग्राहियों के लिए राशि उपलब्ध कराता है। ऐसे में राज्य को 8.39 लाख हितग्राहियों की पेंशन पर होने वाला व्यय वहन करना पड़ रहा है।
यह राशि केंद्र सरकार उपलब्ध कराए। राज्य सरकार का दावा है कि वर्ष 2014 से 2024 के मध्य प्रतिवर्ष 0.29% से लेकर 0.44% तक की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई है। बता दें कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत निराश्रित, बुजुर्ग, कल्याणी, परित्यक्ता, दिव्यांग और गरीब लोगों को 600 रु. हर महीने पेंशन दी जाती है।
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