भोपाल में गुरुवार को भी बादल छाए रहे।
मध्यप्रदेश में मार्च के पहले सप्ताह में बादल छाने और हल्की बारिश होने के आसार हैं। 2 मार्च से पश्चिम-उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। खासकर 4 मार्च से इंदौर, ग्वालियर
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फरवरी में मौसम का मिला-जुला असर रहा। शुरुआती दिनों में ही तेज ठंड पड़ी, लेकिन दूसरे सप्ताह से ठंड जैसी गायब सी हो गई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में रात का पारा 10 डिग्री से अधिक ही रहा। वहीं, दिन में 34 डिग्री तक पहुंच चुका है। फरवरी के आखिरी दिन शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिल सकता है।
दो दिन बाद असर उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर प्रदेश में 2 दिन बाद यानी, 4 मार्च से देखने को मिल सकता है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस कारण भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रहे।
रात के पारे में बढ़ोतरी, 10 डिग्री के पार पहुंचा प्रदेश में पांच दिन तक तेज ठंड पड़ी। इस वजह से पचमढ़ी समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे ही रहा, लेकिन बुधवार-गुरुवार की रात में पारे में फिर से बढ़ोतरी होने लगी। कई शहरों में पारा 2 से 4 डिग्री तक बढ़ गया। पचमढ़ी में 10.2 डिग्री, कल्याणपुर में 10.3 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 11.2 डिग्री, उमरिया में 11.3 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 11.6 डिग्री और मंडला में पारा 12 डिग्री तक दर्ज किया गया। इधर, गुरुवार को दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
अगले 2 दिन ऐसा मौसम 28 फरवरी: तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं। 1 मार्च: भोपाल, इंदौर समेत कई शहर में दिन का पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है।
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फरवरी में 10 साल का ट्रेंड… तीनों मौसम का असर प्रदेश में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहा है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया, जबकि रात में 10 से 17 डिग्री के बीच रहा। मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में सबसे ज्यादा ग्वालियर ठिठुरता है। पिछले साल यहां न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंचा था, लेकिन इससे पहले 5 डिग्री के नीचे ही रहा है। जबलपुर में दिन में गर्मी और रात में ठंड रहती है। फरवरी के 27 दिनों में मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिली।
इस बार 2 महीने कड़ाके की ठंड अब बात ठंड की ओवरऑल स्थिति की। इस बार शुरुआती दो महीने यानी, नवंबर और दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ी। ठंड ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। नवंबर की बात करें तो भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा।
वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए।
अब बात जनवरी की। शुरुआत 10 से 15 दिन तक कड़ाके की ठंड का दौर रहा, लेकिन फिर तेवर ठंडे हो गए। ठंड के दो दौर आए, जबकि तीन बार मावठा गिरा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया, जनवरी में ठंड का असर जरूर रहा, लेकिन पिछले 10 साल के ट्रेंड के अनुसार तेज सर्दी नहीं पड़ी। पश्चिमी विक्षोभ की स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी नहीं होने से तेज बारिश का दौर नहीं रहा। न ही ओले गिरे, जबकि जनवरी में ओला-बारिश का दौर भी रहता है। फरवरी में ओले नहीं गिरे। कुछ ही जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई।
MP के 5 बड़े शहरों में फरवरी में ऐसा रहा है सर्दी का ट्रेंड…
भोपाल में रातें ठंडी रहती है, दिन गर्म राजधानी भोपाल में रातें ठंडी रहती हैं, जबकि दिन गर्म। वर्ष 2015 से 2024 के बीच 4 साल दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री के पार पहुंच गया। रात में 7 साल पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया। इस महीने बारिश होने का भी ट्रेंड है। हालांकि, 10 साल में सिर्फ 3 बार ही पानी गिरा है। रिकॉर्ड की बात करें तो 11 फरवरी 1950 को रात का पारा 1.7 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 22 फरवरी 2006 को अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री रहा था। साल 1986 को एक महीने में 2 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार बारिश नहीं हुई।
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इंदौर में गर्मी का असर रहा फरवरी के महीने में इंदौर में बारिश होने का ट्रेंड नहीं है। 2015 में बूंदाबांदी जरूर हुई थी। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहा है। दूसरी ओर, दिन में अधिकतम तापमान 32 डिग्री के पार ही रहता है। 2019 में तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया था। यहां रात में पारा 10 डिग्री के नीचे रहता है। हालांकि, पिछले साल यह 12 डिग्री रहा था। यहां 1 फरवरी 1929 को रात का पारा रिकॉर्ड 2.8 डिग्री पहुंच चुका है। दिन में 37.9 डिग्री रहा था, जो 22 फरवरी 2006 को दर्ज हुआ था। इंदौर में साल 2001 में पूरे महीने करीब दो इंच बारिश भी हो चुकी है।
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ग्वालियर में रातें ठंडी रही ग्वालियर में तेज ठंड का ट्रेंड रहता है। इसकी वजह यहां सीधे उत्तरी हवाएं आना है। वर्ष 2018 में 1.9 डिग्री, 2019 में 2.4 डिग्री, 2022 में 2.9 डिग्री और 2023 में पारा 2.3 डिग्री तक पहुंच चुका है। 10 साल में एक बार भी पारा 7 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। इस बार भी फरवरी में ऐसा ही मौसम बना रहा। दूसरी ओर, 7 फरवरी 1974 को रात में पारा 0.3 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 27 फरवरी 2014 को दिन का तापमान रिकॉर्ड 37.2 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, वर्ष 1898 में इस महीने में करीब 4 इंच बारिश हुई थी।
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जबलपुर में पारे में उतार-चढ़ाव की स्थिति जबलपुर में भी मौसम बदला रहता है। फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहता है, जबकि रात में तापमान न्यूनतम 11 डिग्री के आसपास रहता है। अबकी बार फरवरी में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहा। पिछले साल बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इससे पहले फरवरी में बारिश होने का ट्रेंड रहा है। रिकॉर्ड की बात करें तो 2 फरवरी 1905 को न्यूनतम तापमान 0 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 फरवरी 1966 को दिन का तापमान 37.6 डिग्री रहा था। साल 1942 को पूरे महीने करीब 6 इंच बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 27 फरवरी 1987 को दर्ज हुआ था। इस दिन 131.7 मिमी यानी, 5 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी।
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उज्जैन में गर्मी और हल्की ठंड उज्जैन में गर्मी और ठंड के साथ बारिश भी होती है। दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार ही रहता है, जबकि रात में न्यूनतम पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया जाता है। इस बार दिन गर्म और रातें हल्की ठंडी रही। पिछले 4 साल से फरवरी में बारिश भी नहीं हुई थी। इस बार भी बूंदाबांदी ही हुई है। 1 फरवरी 2008 की रात में पारा रिकॉर्ड 1 डिग्री रहा था। वहीं, दिन का तापमान 39 डिग्री पहुंच चुका है।
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