मध्यप्रदेश में तेज सर्दी पर अगले 3 दिन ब्रेक रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, 31 जनवरी तक रात में पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। वहीं, 1 फरवरी को प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में मावठा गिर सकता है। बुधवार को भी कुछ जिलों में बादल और बूंदाबांदी वाला
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मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार रैकवार ने बताया, रात का पारा बढ़ेगा, जबकि दिन में तापमान स्थिर रहेगा। बता दें कि अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25-26 डिग्री के आसपास ही है। दूसरी ओर, रात में 5 डिग्री के नीचे पहुंच गया। यह 7 से 8 डिग्री तक पहुंच जाएगा।
दिन में सर्द हवा का असर मौसम विभाग के अनुसार, दिन में सर्द हवा की वजह से ठंडक है। मंगलवार को भी असर देखा गया। पश्चिम-उत्तर भारत में 12.6 किमी की ऊंचाई पर जेट स्ट्रीम हवा की रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा रही। इसका असर प्रदेश में भी देखने को मिला। प्रदेश में हवा की रफ्तार 12 से 14 किमी तक रही।
1 फरवरी से सिस्टम एक्टिव होगा मौसम विभाग ने1 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने का अनुमान जताया है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा। 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के जिले शामिल हैं। 29 जनवरी को कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है।
2 दिन ऐसा रहेगा मौसम
- 29 जनवरी: भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सीहोर, पन्ना, राजगढ़, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
- 30 जनवरी: बारिश के आसार नहीं है। दिन मं ठंडक रहेगी, लेकिन रात में पारा बढ़ा रहेगा।
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एमपी के 20 शहरों में 10 डिग्री से नीचे पारा प्रदेश में पिछले 4 दिन से ठंड का असर है। खासकर रात और सुबह तेज सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार-मंगलवार की रात भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के 20 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 3.6 डिग्री दर्ज किया गया।
नौगांव में 5 डिग्री, मंडला में 5.2 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 5.4 डिग्री, पचमढ़ी में 5.7 डिग्री, उमरिया में 5.9 डिग्री, राजगढ़ में 6 डिग्री, खजुराहो-सतना में 7.2 डिग्री, रायसेन में 7.4 डिग्री, मलाजखंड में 7.5 डिग्री, रीवा में 7.6 डिग्री, गुना, दमोह-सीधी में 9 डिग्री और टीकमगढ़ में पारा 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 6.8 डिग्री, ग्वालियर में 6.2 डिग्री, जबलपुर में 7.5 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और इंदौर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, मंगलवार को दिन के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली।
MP के 5 बड़े शहरों में जनवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड…
भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्परेचर भोपाल में जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। दिन में गर्मी का अहसास और बारिश का ट्रेंड भी है। 18 जनवरी 1935 को रात का टेम्परेचर रिकॉर्ड 0.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश 6 जनवरी 2004 को हुई थी। वहीं, सर्वाधिक मासिक 3.8 इंच बारिश जनवरी 1948 को हुई थी।
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इंदौर में माइनस 1.1 डिग्री पहुंच चुका पारा इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 को पारा माइनस 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री रहा था। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 6 जनवरी 1920 के नाम है। इस दिन 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, वर्ष 1920 में सर्वाधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी।
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जबलपुर में 1946 में रिकॉर्ड 1.1 डिग्री रहा था पारा जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था। इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
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उत्तरी हवा आने से ग्वालियर सबसे ठंडा उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश का ग्वालियर-चंबल सबसे ठंडा रहता है। जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड का ट्रेंड है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखें तो 2018 में तापमान 1.9 डिग्री और 2019 में 2.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 जनवरी 1954 को रात का तापमान माइनस 1.1 डिग्री सेल्सियस रहा था।
ग्वालियर में जनवरी में बारिश भी होती है। साल 2014 से 2024 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 8 जनवरी 1926 को है। इस दिन 2.1 इंच पानी गिरा था। वहीं, 1948 को कुल मासिक बारिश 3.1 इंच हुई थी।
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उज्जैन में जीरो डिग्री रह चुका पारा उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्प्रेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।
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