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एसआई बनकर सरकारी नौकरी का झांसा दिया: पूर्व नगर सुरक्षा समिति सदस्य ने 4 लोगों से लाखों ठगे; पिता के बयान से पकड़ में आया – rajgarh (MP) News

राजगढ़ जिले की ब्यावरा थाना पुलिस ने खुद को SI बताकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठगने वाले को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में पता चला है कि पूर्व नगर सुरक्षा समिति सदस्य आरोपी ब्रज मीणा ने चार लोगों से लाखों रुपए की ठगी है।

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पीड़ित और आरोपी के बीच लेन-देन का वीडियो भी सामने आया है। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसने सरकारी नौकरी लगवाने के लिए ब्रज को यह पैसे दिए थे।

मामले का खुलासा तब हुआ, जब रुपए देने के बाद भी युवक को ज्वॉइनिंग लेटर नहीं मिला। पीड़ित युवक रुपए मांगने जब आरोपी के गांव पहुंचा तो उसके पिता ने बताया- मेरा बेटा ऐसा ही है, उसने तुम्हें बेवकूफ बना दिया। वह पुलिस में नहीं है।

ब्यावरा पुलिस ने ब्रज मीणा को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी ब्रज मीना नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से रुपए लेता था।

नौकरी के नाम पर लोगों से रुपए लेता आरोपी ब्रज मीना।

नौकरी के नाम पर लोगों से रुपए लेता आरोपी ब्रज मीना।

पहले तीन मामलों से समझिए कैसे करता था ठगी

1. दीपक यादव, गिन्दौर हाट: 18 हजार की नौकरी के लिए दिए एक लाख बेरोजगारी की मार झेल रहे पीड़ित दीपक यादव की मुलाकात ब्यावरा में ब्रज मीना नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को पुलिसकर्मी बताया। ब्रज, दीपक से पुलिस वर्दी में ही मिला। धीरे-धीरे दोनों की अच्छी पहचान हो गई। एक दिन बातचीत के दौरान दीपक ने अपनी नौकरी की परेशानी बताई। इस पर ब्रज ने उसे नगर पालिका में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया।

ब्रज ने कि वह एक से डेढ़ महीने के अंदर 18,000 हजार रुपए की सैलरी पर ज्वॉइनिंग लेटर दिला सकता है। इसके लिए बस 1 लाख रुपए की जरूरत होगी।

वर्दी देखकर दीपक को लगा कि ब्रज का ऊंचे अधिकारियों से सीधा संपर्क होगा। इसी भरोसे में उसने 50-50 हजार की दो किश्तों में रकम उसे दे दी। समय बीता लेकिन दीपक की नौकरी लगी तो उससे ब्रज से अपने रुपए वापस मांगे।

इसके बाद ब्रज बहाने बनाने लगा। कभी कहता पैसे भोपाल के एक अधिकारी को दे दिए, तो कभी कहता-थोड़ा और इंतजार करो। इस तरह 7-8 महीने बीत गए। फिर एक दिन खबर मिली कि पुलिस ने ब्रज को ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसके बाद दीपक ने भी अपने पास मौजूद वीडियो और अन्य सबूतों के साथ थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

2. मनोज यादव, पप्पू यादव निवानिया गांव ब्यावरा: जिसे पिता बताया, बोले- मेरा बेटा नहीं, उसने तुम्हें बेवकूफ बनाया निवानिया गांव के मनोज यादव और उसके दोस्त पप्पू यादव भी ब्रज मीना की ठगी के शिकार बने। ब्रज हमेशा पुलिस की वर्दी में नजर आता था, जिससे उसने भरोसा जीत लिया। उसने इन दोनों को सुठालिया नगर पालिका में ज्वॉइनिंग दिलवाने के नाम पर ठगी की। उसने दोनों से डेढ़ लाख रुपए मांगे। इस पर मनोज ने 80 हजार और उसके दोस्त पप्पू यादव ने 70 हजार रुपए दिए। दोनों ने बताया कि उन्होंने 95 हजार रुपए फोन-पे से ट्रांसफर किए गए और बाकी 55 हजार रुपए कैश ब्यावरा बस स्टैंड पर ब्रज को दिए।

तीन महीने बाद जब कोई नौकरी नहीं मिली तो दोनों ने ब्रज से पूछा, लेकिन वह हर बार टालमटोल करता रहा। ऐसे ही 7 महीने बीत गए। थक हारकर दोनों ब्रज के गांव पड़िया पहुंचे तो उसके पिता ने बताया मेरा बेटा ऐसा ही है, उसने तुम्हें बेवकूफ बना दिया। वह पुलिस में नहीं है। इसके बाद दोनों ब्यावरा सिटी थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

3. अनिल मीना, भीलखेड़ी, मलावर थाना: ठगी का एहसास होने पर कराई FIR पीड़ित अनिल मीना पहले से ब्रज मीना को जानता था लेकिन जब उसने उसे पुलिस की वर्दी में देखा, तो भरोसा और मजबूत हो गया। ब्रज ने उसे बताया कि वह अब पुलिस में भर्ती हो गया है और अभी भी कुछ वैकेंसी बाकी हैं। उसने अनिल को भी नौकरी दिलाने का झांसा दिया और इसके बदले डेढ़ लाख रुपए की मांग की।

अनिल ने बताया कि पहले उसने 80 हजार रुपए दिए, लेकिन जब कुछ महीनों तक कोई जवाब नहीं मिला, तो उसे शक हुआ। जब उसने खुद पता किया तो पता लगा ब्रज पुलिसकर्मी नहीं है, बल्कि एक जालसाज है। ठगी का एहसास होते ही अनिल ने भी ब्यावरा सिटी थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

गिरफ्तारी के बाद और मामले सामने आए

पुलिस ने जैसे ही ब्रज मीना को गिरफ्तार किया। ठगी के और मामले भी सामने आने लगे। अनिल मीना और दीपक यादव नाम के दो अन्य युवकों ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी ने उनसे भी सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 1 लाख और 80 हजार रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने इन शिकायतों के आधार पर ब्रज मीना के खिलाफ धोखाधड़ी और शासकीय अधिकारी की वेशभूषा धारण करने जैसी गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि ब्रज मीना पुलिसकर्मी नहीं है, बल्कि वह ब्यावरा के देहात थाने के अंतर्गत पूर्व में नगर सुरक्षा समिति का सदस्य था, लेकिन तीन-चार साल पहले ही उसे हटा दिया गया था। इसके बावजूद वह लोगों को यही बताता रहा कि वह पुलिस में कार्यरत है और सरकारी कार्यालयों में नौकरी दिलाने की क्षमता रखता है।

पुलिस की वर्दी में आरोपी ब्रज मीना।

पुलिस की वर्दी में आरोपी ब्रज मीना।

थाना प्रभारी बोले-3 फरवरी को मिली थी शिकायत ब्यावरा सिटी थाना प्रभारी वीरेंद्र धाकड़ ने बताया कि सिंदुरिया गांव के निवासी पप्पू यादव और उनके रिश्तेदार मनोज यादव ने थाने में 3 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। फिलहाल, आरोपी पुलिस रिमांड पर है। जांच की जा रही है कि उसने और कितने लोगों को इसी तरह ठगा है। यदि और शिकायतें मिलती हैं, तो उन पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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ब्रज पुलिसकर्मी नहीं है, वह ब्यावरा के देहात थाने के अंतर्गत पूर्व में नगर सुरक्षा समिति का सदस्य था। लेकिन तीन-चार साल पहले ही उसे हटा दिया गया था। इसके बाद भी वह लोगों को बताता रहा कि वह पुलिस में है।

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नौकरी के लिए रुपए देने के बाद पीड़ित लोगों ने वापस रुपए मांगने एसएमएस किए।

नौकरी के लिए रुपए देने के बाद पीड़ित लोगों ने वापस रुपए मांगने एसएमएस किए।

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